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प्यार में लड़कियां फंसती क्यों है?

क्या आपने कभी सोचा है की, प्यार में लड़कियां फंसती क्यों है? भद्दे लड़के सुंदर लड़किया कैसे पटाते है?

जैसे ही, लड़कियां किशोरावस्था तक पहुंचती है। तो उनके मन में, बहुत से विचार उत्पन्न होने लगते हैं।

इस उम्र में विपरीत लिंग के प्रति, आकर्षण होना भी स्वाभाविक है। इस उम्र में लड़कियों को प्यार और

आकर्षण के बीच में अंतर करना नहीं आता। अक्सर पर्सनल लाइफ की चाह रखने वाली, लड़कियों

का मन इस उम्र में भटक जाता है। 

वैसे तो, प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। लेकिन इस उम्र में, आजादी पाने की चाहत में लड़कियां

ज्यादा प्यार में पड़ती है। लड़कियां ज्यादातर, चेहरे पर फिदा हो जाती हैं। क्योंकि, उन्हें इतनी समझ नहीं होती।

कि वह अच्छे या बुरे लड़के, की पहचान कर सकें। प्यार में लड़कियां फंसती क्यों है? इसके कारण जान लो

सपनों का राजकुमार

लड़कियों के मन में बचपन से ही, सपनों का राजकुमार आने की बात बैठ जाती है। इस उम्र में, वह किसी

भी लड़के को अपने सपनों का राजकुमार समझ लेती है। परिणाम स्वरूप, वे लड़के पर आंख बंद करके

विश्वास भी करती हैं। और यहीं से शुरू हो जाता है, कुछ गलतियों का सिलसिला भी।

 इस उम्र में लड़कपन की वजह से, लड़की जल्दी ही बहलावे में भी आ जाती है। और कई बार, गलत

कदम भी उठा लेती हैं। क्योंकि उन्हें गलत और सही की जानकारी ही नहीं होती है। हर चीज के बारे में

जानने की जिज्ञासा, इस उम्र में जरूर होती है। और यह  जिज्ञासा, जिंदगी की सबसे बड़ी भूल भी साबित हो जाती है।

जैसा कि आप जानते हैं, प्यार अंधा होता है। दरअसल, यह सच में अंधा नहीं होता है। परंतु किशोरावस्था मैं,

यह बात सही साबित होती है। क्योंकि इस उम्र में, सोचने समझने की कोई सुध नहीं होती है। दरअसल इस

उम्र में, लड़कियों को पता ही नहीं होता। कि जो काम वह करने जा रही हैं,  वह उनके लिए सही होगा या गलत।

बस अपनी बचपने की धुन में, वह आगे बढ़ती ही जाती हैं। 

भिन्न लिंगी आकर्षण

क्योंकि उन्हें इस बात का पता ही नहीं होता, कि प्यार है क्या। कई बार लड़कियां, प्यार में इस कदर

तक अंधे हो जाती हैं। कि उन्हें परिवार की, मान मर्यादा तक का ख्याल नहीं रहता। इनमें उम्र के

हिसाब से लड़के का चयन करने की मैच्योरिटी भी नहीं होती है।

सुनने में थोड़ा अजीब लगेगा, लेकिन इसके लिए कई बार परिवार भी जिम्मेदार होते हैं। कई बार लड़कियों को,

इस कदर बंदिशों में रखा जाता है। कि उन्हें विपरीत लिंग से, बात करने तक की इजाजत नहीं होती। हालांकि

ऐसी लड़कियां, जब किसी लड़के के संपर्क में आती हैं। तो उन्हें लड़के के प्रति, आकर्षण होने की संभावना

बहुत ज्यादा होती है। घर की बंदिशों से निकलने के लिए, वह लड़के के प्यार में फंस जाती  हैं। जब वह,

आकर्षण को भी प्यार समझ लेती हैं। तो उन्हें, प्यार में फंसना ही कहा जा सकता है। ऐसा नहीं है कि,

सिर्फ किशोरावस्था में ही लड़कियां प्यार में पड़ती है। परंतु कहने का तात्पर्य है, कि इस उम्र में

प्यार में लड़कियों का फंसना आम है। वही किशोरावस्था के बाद, इसकी दर बहुत हद तक कम हो जाती है।

तब तक लड़कियों को अपने करियर, या सही गलत की समझ आ जाती है। उसके बाद वह, अपने पार्टनर को

चुनने में सोच समझकर कदम उठाते हैं।

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