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बेटा और बहु अपमानित करते है क्या करूं?

जैसे ही बेटे की शादी हुई है, मेरी जिंदगी तो नरक बन गई है। बेटा और बहु अपमानित करते है क्या करूं?

मैंने बड़ी मेहनत से बच्चे का लालन पालन किया। उसको अच्छे संस्कार दिए, अच्छी पढ़ाई कराई। मगर

आजकल वह बहु की मुठ्ठी में कैद हो गया है। मेरी जरा भी इज्जत नहीं करते। बार बार अपमानित करते है।

खाना खाने के लिए मेरा इंतजार नहीं करते। बर्तन मै ही माँझती हु। बेटा और बहु दोनों नौकरी करते है, तो सारा घर मै

संभालती हु। फिर भी मेरे हिस्से प्रताड़ना ही लिखी है। क्या आप मुझे कोई सलाह दे सकते है ?

जिससे मेरे जीवन में बदलाव आ जाए ?

हमारी सलाह : बेटा और बहु अपमानित करते है क्या करूं?

आज का युग ही ऐसा है कि बच्चे बड़े होने के बाद अपने मां पिता को सम्मान नहीं देते।

मां बाप बड़े ही नाज़ से अपने बच्चों को पालते हैं। लेकिन जब वही बच्चे बड़े होकर मां बाप को सम्मान नहीं देते हैं।

तो माता-पिता को बहुत ठेस पहुंचती है। आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। हम समझ सकते हैं आपकी भावनाओं को।

लेकिन आप चिंता मत कीजिए। हम आपको कुछ तरीके बताएंगे जिन्हें अपनाकर आप अपने बेटे-बहू को

सबक भी सिखा सकती हैं और अपना खोया हुआ सम्मान भी वापस पा सकती हैं।

उनको समझाइए की अपमानित ना करें।


कई बार व्यक्ति को यह भ्रम हो जाता है कि वह जो कार्य कर रहा है। वह सही कर रहा।

शायद ऐसा ही कुछ भ्रम आपके बहू एवं बेटे को हुआ है।

उनको लग रहा है कि वह आपसे बुरा आचरण कर रहे हैं। तो वह बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं।

लेकिन ऐसा नहीं है। हम जैसा कर्म करते हैं।हमें वैसा ही फल मिलता है।

यदि आपके बहू बेटे आपसे बुरा व्यवहार करते हैं।तो बदले में उनके भी साथ वही व्यवहार उनके बच्चे करेंगे।

आपको यही बात आपके बेटे एवं बहू को समझाना है।

अपने बेटे एवं बहू से कहिए कि उनकी भी संतान हैं। बच्चे हमेशा अपने बड़ों से सीखते हैं।

आज वह जो व्यवहार आपके साथ कर रहे हैं।

यदि वही व्यवहार कल,उनके बच्चे उनके साथ करेंगे। तो उन्हें कैसा लगेगा? उनसे यह सवाल पूछिए।

देखिएगा उनके पास कोई जवाब नहीं होगा।

माता-पिता का अपमान नहीं करना चाहिए


अपने बेटे से कहिए कि दुनिया में हर अन्याय माफ किया जा सकता है।

लेकिन यदि कोई बेटा अपनी मां के साथ बदसलूकी करता है। तो उसके अन्याय को स्वयं भगवान भी माफ नहीं करते।

साथ में भी कहा जाता है कि भूलो सभी को लेकिन मां-बाप के उपकार को मत भूलो।

बेटे के साथ-साथ बहू को भी समझाइए कि तुम भी तो एक मां हो।

कल यदि तुम्हारा बेटा तुम्हारे साथ गलत करेगा। तो तुम्हें कैसा लगेगा? अवश्य ही अच्छा नहीं लगेगा। तुम्हें भी बुरा लगेगा। 

आज जैसा मैं महसूस कर रही हूं। कल तुम्हें भी वैसा महसूस हो सकता है।

इसलिए अभी भी वक्त है सुधर जाओ। मैं यह नहीं कह रही कि मुझे यह दो वह दो।

मुझे किसी चीज का लालच नहीं है।तुम दोनों मेरे संतान हो। मैं तुम दोनों के साथ खुश रहना चाहती हूं।

मुझे किसी चीज की लालसा नहीं है। मुझे सिर्फ तुम दोनों का प्यार चाहिए और कुछ नहीं।

आपके शब्दों को सुनकर आपके बेटे एवं बहू जरूर पिघल जाएंगे और उन्हें अपनी गलती का भी एहसास होगा।

मां-बाप मरते दम तक अपनी संतान को सुधारने की कोशिश करते हैं।

दिल पर प्रभाव डालने के लिए


बस शब्दों में जादू होना चाहिए। शब्द प्रभाव वाला होना चाहिए। जो सीधे जाकर दिल पर प्रभाव डालता है।

यदि आपके इन बातों से आपके बेटे एवं बहुत सुधरते हैं। तो ऐसे कई बेटे एवं बहू को भी सबक मिलेगा। जो हमारा यह पोस्ट पड़ेंगे।

आप सब से हमारी यही गुंजाइश है कि दुनिया में सब कुछ कीजिए। लेकिन अपने मां पिता के साथ बुरा व्यवहार मत कीजिए।

मां बाप ताउम्र अपने बच्चों के फरमाइश को पूरा करते-करते। जिंदगी बिता देते हैं।

बूढ़ापा ऐसा वक्त होता है। जहां पर माता-पिता केवल संतान का साथ चाहते हैं और ऐसे में यदि संतान साथ छोड़ दें।

 तो माता-पिता टूट कर बिखर जाते हैं। इसलिए अपने माता-पिता के बुढ़ापे का लाठी बनिए। ना कि उनके आंखों का आंसू।

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