वो दिखाती नहीं मगर स्त्रियों में 8 गुना अधिक होती है इच्छाएं: चाणक्यनीति

The Hidden Truth समाजभय, संकोच और लज्जा के कारण वो दिखाती नहीं मगर स्त्रियों में 8 गुना अधिक होती है इच्छाएं: चाणक्यनीति

स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा । साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥ १७॥

उद्धृत श्लोक चाणक्य नीति का श्लोक 17 है। इस श्लोक में, आचार्य चाणक्य स्त्रियों और पुरुषों के बीच शारीरिक और भावनात्मक अंतरों के बारे में कुछ सामान्य टिप्पणियां करते हैं।

चाणक्य नीति में स्त्रियों के बारे में कुछ उल्लेख हैं जिनमें कहा गया है कि पुरुषों के मुकाबले स्त्रियों का:

वो दिखाती नहीं मगर स्त्रियों में 8 गुना अधिक होती है इच्छाएं: चाणक्यनीति

यह सच है कि चाणक्य नीति में कहा गया है कि स्त्रियों को पुरुषों की तुलना में कम भोजन की आवश्यकता होती है। इसका कारण यह बताया गया है कि स्त्रियों की शारीरिक गतिविधि पुरुषों की तुलना में कम होती है और उनका शरीर का आकार भी अपेक्षाकृत छोटा होता है।

चाणक्य नीति में स्त्रियों को लज्जावान होना एक महत्वपूर्ण गुण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि लज्जा स्त्रियों को मर्यादा में रहने और गलत कामों से दूर रहने में मदद करती है।

चाणक्य नीति में पुरुषों को स्त्रियों की तुलना में अधिक साहसी माना गया है। इसका कारण यह बताया गया है कि पुरुषों को युद्ध और अन्य खतरनाक कार्यों में भाग लेने की अधिक आवश्यकता होती है।

चाणक्य नीति में स्त्रियों को पुरुषों की तुलना में अधिक कामुक माना गया है। इसका कारण यह बताया गया है कि स्त्रियों में प्रजनन की प्राकृतिक इच्छा अधिक होती है।

चाणक्य नीति में स्त्रियों को पुरुषों की तुलना में अधिक कोमल माना गया है। ऐसा माना जाता है कि कोमलता स्त्रियों को प्रेम, करुणा और सहानुभूति दिखाने में मदद करती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चाणक्य नीति एक प्राचीन ग्रंथ है और उस समय की सामाजिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को दर्शाता है। आज के समय में, स्त्रियों और पुरुषों के बीच समानता पर अधिक जोर दिया जाता है। आजकल, लिंग भूमिकाओं और स्त्री-पुरुष संबंधों के बारे में हमारी समझ काफी विकसित हो गई है। आधुनिक समाज में, यह स्वीकार किया जाता है कि स्त्रियां और पुरुष समान रूप से सक्षम हैं, और उनके पास अलग-अलग शक्तियां और कमजोरियां हैं।

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