बिना मुझे तलाक दिए, पति और घरवालों ने मिलके दूसरी शादी कर दी। अब मुझे क्या करना चाहिए?
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भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत, यदि कोई व्यक्ति बिना तलाक के दूसरी बार शादी करता है। वह भी अपने जीवनसाथी के जीवित रहते हुए। तो ऐसे विवाह को द्विविवाह माना जाएगा। जो एक बहुत बड़ा दंडनीय अपराध है।
धारा 495 में यह भी कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी दूसरी शादी के बारे में चुपके से बात भी करता है, और अपनी पहली शादी के बारे में सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों का ही भुगतान करना होगा।
कुछ अपवादों के तहत दूसरी शादी को कानूनी और वैध माना जा सकता है। जैसे कि यदि पहली शादी को न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित कर दिया जाता है।
अगर पति या पत्नी 7 साल से अधिक समय से लापता है या नहीं मिल रहे है। दूसरी शादी में साथी को उस विशेष उदाहरण के बारे में पता होना चाहिए।
अपने पति पर कानूनी कार्रवाई कीजिए
यहां तो आपके पति और उनके घर वालों ने आपसे छुपकर दूसरी शादी की है। इसके लिए आप उन पर कानूनी कार्रवाई कर सकती हैं क्योंकि आपके पति द्वारा की गई दूसरी शादी कानूनी रूप से पूरी तरह से अवैध है। आप जीवित है और आपका आपके पति के साथ तलाक भी नहीं हुआ है। ऐसी परिस्थिति में उनकी शादी अमान्य ही कहलाएगी क्योंकि कानूनी तौर से आप ही अपने पति की पत्नी है और जब तक आप दोनों का तलाक नहीं हो जाता। आपके पति दूसरी शादी नहीं कर सकते हैं।
अच्छे वकील को पकड़िए
आपके पति एवं उनके घर वालों ने जिस तरह से आप के साथ गेम खेल दूसरी शादी की है। उतनी ही मजबूती के साथ आपको भी उन सब के खिलाफ कानूनी तौर से एक्शन लेना होगा और इसके लिए आपको बहुत अच्छे वकील की सहायता लेनी होगी। जो कानून के हर दांव पेच से परिचित हो और जो आपको न्याय दिला सकें।
कोशिश ऐसे कीजिएगा जिससे कि आपके पति एवं उनके घर वालों को 10 साल तक कानूनी हिफाजत में रहने की सजा प्राप्त हो। तब जाकर उनको अक्ल आएगी कि उन्होंने अपने जीवन में कितनी बड़ी गलती की है।
पहले की बात अलग थी
एक समय था। जब राजतंत्र था। उस समय राजा को एक से अधिक पत्नियां रखने की अनुमति थी। जब भी कोई राजा उस राज्य के राजा को मारकर किसी राज्य पर विजय प्राप्त करता है, उसके बाद वे जीते हुए राज्य के राजा के पत्नियों से विवाह करते थे या कभी-कभी, वे अपने राज्य का विस्तार करने के लिए भी ऐसा करते थे। जैसे कि वे उस राज्य की राजकुमारी से विवाह करने के लिए सहमत हो जाते थे। जिस राज्य को वह प्राप्त करना चाहते थे।
वर्तमान भारत की बात अब अलग है
भारत अपनी संस्कृति और बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाना जाता है, भारत में भाषा और संस्कृति लगभग हर 5-6 किलोमीटर में बदल जाती है। कई व्यक्तिगत कानूनों के अपने कानून होते हैं, क्योंकि भारत में बहुत सारे धर्म हैं और उनमें से कुछ के विवाह के संबंध में भी अपने स्वयं के व्यक्तिगत कानून हैं। कुछ कानूनों में केवल एक विवाह की अनुमति है, लेकिन कुछ धर्मों में एक से अधिक विवाह की अनुमति है।
भारत में तलाक के बिना दूसरी शादी करना कानूनी अपराध है या इसे विभिन्न कानूनों के तहत अपराध माना जाता है। दूसरी शादी के प्रावधान वाले कानून इस प्रकार हैं:
हिंदू विवाह अधिनियम
हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 5 उन शर्तों के बारे में बात करती है जो विवाह को वैध मानने के लिए आवश्यक हैं। द्वितीय विवाह के सन्दर्भ में शर्त यह है कि विवाह के समय पक्षकारों का पति या पत्नी जीवित नहीं होना चाहिए। या पहली शादी दूसरी शादी के समय भंग कर दी गई हो। अन्यथा दूसरी को हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 11 के तहत शून्य माना जाता है।
साक्ष्य अधिनियम
साक्ष्य अधिनियम की धारा 114 के तहत, मानव कार्यों के संबंध में तथ्यों के संबंध में अनुमान के प्रावधान का उल्लेख किया गया है।
निष्कर्ष
इस तरह से आप कानून की मदद लेकर अपने पति एवं उनके घर वालों को सजा दिला सकती हैं। भविष्य में आप यदि चाहें तो अपने पति से तलाक के बदले एलुमिनी भी ले सकती हैं क्योंकि उन्होंने जिस तरीके का क्राइम किया है। इसके लिए सरकार खुद उन्हें तलाक के बाद आपको एलुमिनी ही देने के लिए कहेगी।