लिव-इन रिलेशनशिप के कानूनी नियम | रिलेशन विवाद से कैसे बचे?

लिव-इन रिलेशनशिप का कानूनी नियम?

भारत देश में लिव-इन रिलेशनशिप को मान्यता दी गई है। लिव-इन रिलेशनशिप का अर्थ है- कानूनी रूप से स्वीकृत तरीके से एक-दूसरे से शादी किए बिना ही एक जोड़े के रूप में साथ रहना। लेकिन हाल ही में, कई कारणों से ऐसे रिश्ते आम होते जा रहे हैं। इस विषय पर किसी विशिष्ट कानून, नियमों या रीति-रिवाजों के अभाव में, सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसे संबंधों को विनियमित करने के लिए अपने फैसले में कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।

क्या यह जायज संबंध होता है?

भारत देश में रहने वाले सभी नागरिक लिव-इन रिलेशनशिप को अच्छी नजर से नहीं देखते हैं। लेकिन भारत देश का कानून लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों को अच्छी  नजर से देखते हैं एवं कानून को लिव- इन रिलेशनशिप से कोई आपत्ति नहीं है।

यहां तक कि भारत देश के कानून में उन जोड़ों को स्पेशल सुरक्षा प्रदान की जाती है। जिनके मां बाप यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते कि उनके बच्चे लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं।

लिव इन रिलेशनशिप में कौन से व्यक्ति रह सकते हैं?

लिव इन रिलेशनशिप में वही व्यक्ति रह सकते हैं। जो व्यक्ति शादी करने की आयु सीमा पार कर चुके हैं। जैसे कि 21 वर्ष की आयु सीमा के ऊपर वाले व्यक्ति। चाहे लड़का हो या लड़की दोनों रह सकते हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में यदि कोई नाबालिक रहेंगे तो कानूनी तौर से उन पर कार्रवाई की जाएगी।

लिव इन रिलेशनशिप की शुरुआत कब से हुई?

वर्ष 1978 में पहली बार लिव-इन रिलेशनशिप को कानून द्वारा पारित किया गया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कृष्ण अय्यर जी थे। जिन्होंने कहा था कि यदि कोई लड़का एवं लड़की लंबे समय तक एक साथ बिना शादी के रहते हैं। तो उस संबंध में रहने वाले लोगों को शादीशुदा ही माना जाएगा।

लिव इन रिलेशनशिप के महत्वपूर्ण नियम क्या-क्या है? जिसे कानून द्वारा पारित किया गया है?

srलिव इन रिलेशनशिप के महत्वपूर्ण नियम
1.जो भी व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप में रहेंगे वह व्यक्ति लगातार एक साथ रहेंगे। तो ही उनके रिलेशनशिप को मान्यता दी जाएगी। यदि वह 2 दिन एक साथ रहते हैं। फिर एक हफ्ते नहीं रहते हैं। तो ऐसे रिश्ते को लिविंग रिलेशनशिप के दायरे में नहीं रखा जाएगा।
2.लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोग एक साथ एक ही छत के नीचे। एक ही कमरे में बिल्कुल शादीशुदा पति पत्नी जैसे ही रहेंगे।
3.एक घर में बिल्कुल पति-पत्नी जैसे ही रहना होगा। साथ ही एक दूसरे के साथ अपना बेड, अपने हर एक चीज शेयर करनी होगी।
4.लड़का एवं लड़की जो भी लिव-इन में रह रहे हैं। उन लोगों को परस्पर एक दूसरे की मदद करनी होगी। जैसे पति-पत्नी एक-दूसरे की करते हैं।
क्या लिव- इन रिलेशनशिप में शादीशुदा व्यक्ति रह सकते हैं?

जी, नहीं लिव इन रिलेशनशिप में वह व्यक्ति बिल्कुल भी नहीं रह सकते जो पहले से ही शादीशुदा है। व्यक्ति सिंगल है या डिवोर्सी है या व्यक्ति विधवा है। तो ऐसी स्थिति में वह लिव इन रिलेशनशिप में आ सकते हैं। यदि शादीशुदा व्यक्ति लिव इन रिलेशनशिप में जाएंगे। तो उन पर कानूनी रूप से कार्यवाही की जाएगी।

लिव इन रिलेशनशिप में पैदा हो सकता है?

लिव इन रिलेशनशिप और शादीशुदा जोड़ों में कोई खास फर्क नहीं होता है। बस लिव इन रिलेशनशिप में शादी नहीं होती है। यही फर्क होता है। बाकी सारे काम, सारे रिश्ते, सारी जिम्मेदारियां। बिल्कुल शादीशुदा जोड़ों जैसे ही होती है।

लिवइन रिलेशनशिप शंका कुशंका

यदि लिव इन रिलेशनशिप में रहने के दौरान किसी जोड़े को बच्चा पैदा होता है। तो उस बच्चे को कानूनी रूप से दोनों ही व्यक्ति का नाम दिया जाएगा एवं भविष्य में माता एवं पिता दोनों की ही संपत्ति पर बच्चे का समान अधिकार होगा। जैसे कि एक शादीशुदा जोड़ों से उत्पन्न होने वाले बच्चे का होता है।

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