मै कॉलेज जाती हु। किसी से भी प्यार या अफेयर नहीं है। फिर भी माँ मुझपर शक करती है
मैं एक छात्रा हूं। मैं ग्रेजुएशन का कोर्स कर रही हूं। मेरे घरवाले मेरी पढ़ाई से खुश नहीं है।
वह नहीं चाहते कि, मैं कॉलेज जाऊं इसके बावजूद मेरे पापा मेरा सपोर्ट करते हैं, और उन्होंने मुझे
कॉलेज पढ़ाई के लिए भेजा, लेकिन मेरी मां मुझ पर शक करती है। किसी का भी फोन आ जाता है,
तो वह इतने प्रश्न करती हैं, कि किसका फोन है? क्यों आया है? रोज-रोज क्यों आता है? इत्यादि प्रश्न करती हैं।
हालांकि मैं अपने फोन में कभी पासवर्ड नहीं रखती हूं। कभी भी किसी का फोन आता है,
तो कोई भी आराम से उठा सकता है, बात कर सकता है। मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है।
इसके बावजूद भी मां मुझ पर बहुत ज्यादा शक करती हैं। कैसे यकीन दिलाऊ ?
कृपया अपने सुझाव दीजिए कि मैं इस समस्या का हल कैसे निकालूं?
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हमारी सलाह : माँ मुझपर शक करती है
हमारे विचार से सबसे पहले आपको चाहिए कि, आप अपनी मां को पूर्ण विश्वास दिलाएं।
उनकी हर चीज में सहायता करें। वह अगर आपसे कुछ करने को कहते हैं, तो आप उसी तरीके से करें।
अगर उनको आप पर पूर्ण विश्वास हो जाएगा, तो शक की गुंजाइश ही नहीं रहेगी।
इसके लिए आपको यह करना होगा कि, आप उनके मनपसंद के कपड़े पहने।
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बस आप उनसे यह कह दीजिए कि आप पढ़ाई करना चाहती हैं, आपको पढ़ाई में बहुत ज्यादा रुचि है।
जिससे आगे चलकर आप अपने पैरों पर खड़ी हो सके, इसीलिए आपको अपनी मां को समझाना होगा
और उन्हें इस बात की संतुष्टि दिलानी होगी कि आप कुछ भी गलत नहीं कर रही हैं।
इसके बावजूद भी आपकी मां को अगर शक है, तो आप उनसे कह दीजिए कि आप जब चाहे उनका
फोन देख सकती हैं। फोन पर बात कर सकती हैं। चाहे किसी का भी फोन हो। अगर आप गलत नहीं है,
तो आप को डरने की कोई भी जरूरत नहीं है, क्योंकि डर ही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी होती है,
और हमें डर के साथ नहीं बल्कि साहस के साथ हर काम को करना चाहिए।
ये याद रखें।
वैसे तो कहा जाता है कि शक का कोई भी इलाज नहीं होता यह कोई बीमारी नहीं है,
जो इसका इलाज किया जाए, और यह बात सच भी है। आप अपनी मां को कॉलेज ले जा सकती हैं।
आप उनसे यह कह सकती हैं, कि आप मुझे कॉलेज तक छोड़ कर आ जाइए और वापस आते
समय भी आप ही मुझे लेने आ जाना। अगर आपको यह उचित लगता है, तो हो सकता है कि
आपकी मां इसमें सहमत हो जाएं। अगर वह ऐसा करती हैं, तो उनको विश्वास होने लगेगा कि आप गलत नहीं है।
इससे आपकी परेशानी भी हल हो जाएगी और आपकी मां को भी ठेस नहीं पहुंचेगी। अगर आप
इसी बात को लेकर अपनी मां से झगड़ा करेंगे, तो आपकी मां को और भी ज्यादा शक होगा इसीलिए,
आपको शांत दिमाग से काम लेना होगा।
कहा जाता है, ना कि हमारा समाज लड़कियों को जल्दी से स्वीकार नहीं करता है, ना तो है उनको
बराबर का दर्जा दे सकता है, और ना ही उनको बराबर की पढ़ाई दे सकता है। इसीलिए समाज के
लोग तो बात बनाते ही रहते हैं, और लोगों की बातों में आकर हमारे मम्मी पापा हम पर शक करने लग जाते हैं।
इसीलिए हमें चाहिए कि हम औरों की तरह ना होकर अपने माता-पिता को विश्वास दिलाएं और उनका
हर चीज में सहयोग करें, तभी आपको भी पूर्ण सहयोग मिल सकेगा।