शादी करना चाहती हु। बॉयफ्रेंड दूसरी जाती का है। माँ बाप विरोध करते है। भाग जाऊ ?

मेरी उम्र 20 है। बी.कॉम की छात्रा हु। मेरे पापा किराना शॉप चलाते है।मेरा बॉयफ्रेंड दूसरी जाती का है।

माँ हाउसवाइफ़ है। भाई ssc में है। इन दिनों मेरी माँ पापा के साथ थोड़ी अनबन होने लगी है। क्योंकि,

वो मेरी बात को महत्वपूर्ण नहीं मानते है। अपने पुराने खयाल में ही खोए रहते है। आजकल इंटरकास्ट

शादी आम बात हो गई है। मैं अपने क्लासमेट के साथ शादी करना चाहती हूं,पर मेरे घर वाले इस बात

को नहीं मान रहे क्योंकि वह अलग धर्म का है। हर लड़की के सपना होता है उसको अपने पसंद का

जीवन साथी मिले मैं भी यही चाहती हूं कि मुझे भी अपनी पसंद के अनुसार लड़का मिले अब जो लड़का

मुझे पसंद है उसके घर वाले मेरी शादी नहीं होने देना चाह रहे हैं।अब आप आप लोग ही बताइए कि,

मैं क्या करूं मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा किस प्रकार से मैं अपने घर वालों को समझाओ ताकि वह

उस लड़के से शादी करने के लिए मान जाए? घरवालों की इन विचारों की वजह से मेरा मन करता है,कि

मैं घर से भागकर ही उस लड़के से शादी कर लूं? मैं ऐसा कदम बिल्कुल भी नहीं उठाना चाहती, मैं अरेंज

मैरिज ही करना चाहती हूं,लेकिन अगर घर वालों ने मेरी उस लड़के की शादी की बात को नहीं माना तो

मुझे घर से भागना ही पड़ेगा। अब आप बताइए कि मैं क्या करूं?

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हमारी सलाह : शादी करना चाहती हु। बॉयफ्रेंड दूसरी जाती का है।

अभी तुम्हारी उम्र ही कितनी है। पढ़ाई भी ठीक से पूरी नहीं हुई आपकी। अभी अंडे से निकली नहीं की

चली माँ बाप को सिखाने। पढ़ाई पर ध्यान दो। शादी के लिये अभी बहुत वक्त है।

घर से भाग कर शादी करना किसी भी लड़की के लिए अच्छा नहीं होता है, क्योंकि उसमें हम लड़का

लड़की दोनों के परिवार को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं। आप बहुत अच्छे से जानती है कि घर परिवार

वालों का हमारे समाज में बैठना उठना होता है तो। हमारी छोटी सी बेवकूफी की वजह से हमारे परिवार

वालों को कितना नीचा देखना पड़ता है।मेरा तो यह मानना है कि,आप को घर से भाग कर शादी

बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए और अपने घर वालों को किसी ना किसी तरह से मना कर उस लड़के

के साथ शादी कर लेनी चाहिए।

अगर आपके घर वाले धर्म,जाति, परिवार आदि इन ऊंच-नीच की भावनाओं में विश्वास रखते हैं तो

आप उनको समझा सकते हो क्योंकि आज के समय में जाति धर्म यह सब बिल्कुल भी मायने नहीं रखता है।

जब हमारे देश में लड़का और लड़की में कोई भेदभाव नहीं किया जाता तो उनको साथ रहने में या

उनको एक साथ शादी करने में किसी भी परिवार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए ।

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बॉयफ्रेंड के बारे में सबकुछ जांच परख लो

 वह लड़का आपका क्लासमेट है तो उस लड़के को आप बहुत अच्छे से समझ सकती हो। उस लड़के

की अच्छाई बुराई के  साथ आप का भविष्य उसके साथ कैसा रहेगा इन सभी बातों के बारे में आपको

बहुत अच्छे से पता होगा। आप किसी भी प्रकार से अपने घर वालों को उसकी अच्छाइयों के बारे में बताएं

और उनको समझाएं की वह लड़का आपके लिए एकदम परफेक्ट है।

मैं तो आपको यही सुझाव देना चाहूंगी कि समय के साथ साथ हर लड़की लड़के के माता पिता को अपनी

सोच बदलनी चाहिए ताकि बच्चे कुछ गलत कदम उठाने पर मजबूर ना हो।जब हम अपनी सोच को नहीं

रखेंगे तो लड़का हो या लड़की कुछ भी गलत कदम उठाने के बारे में नहीं सोचेंगे। पहले का इतिहास

उठाकर देख लो क्या भगवान ने भी अपने धर्म के हिसाब से शादी की थी।उन्होंने तो एक नहीं अनेक

शादियां की थी क्या आप उनके जैसे कार्य कर रहे हैं? हम तो इंसान हैं,तो हमारे लिए ऐसे अलग नियम

क्यो बने हुए हैं कि,हम अपने अपने धर्म में शादी करें।ये बात कौन से धार्मिक ग्रंथों में या कौन से

भारत के कानून में लिखी गयी है इन बातों के द्वारा आप अपने पेरेंट्स को समझा सकते हो, ताकि वह

आपकी शादी वाली बात को मान जाए।

शादी के बारे में हमारी नेक राय

और आप भी बड़ी कमाल करती है। आपको किसी भी हाल में उससे शादी करनी ही है। और आप चाहती

है, की घरवालों ने ये बात माननी ही चाहिये। वरना आप घर से भागकर उससे शादी कर ही लेगी। इससे तो

साफ साफ पता चलता है, की तुम्हें घरवालों की फिक्र बिल्कुल नहीं है। अपनी जिद पूरी करने के लिये कोई

सहारा ढूंढ रही है, जिसको भविष्य में कुछ गलत हो जाए, तो दोषी ठहराया जा सके। वैसे तो हमारी सलाह

आपके लिये कुछ मायने नहीं रखती है। क्योंकि अगर हमने भी बोला, की छोड़ दो उसको। और घरवालों

की मर्जी से शादी करो। तो तुम हमारी बात थोड़े ही माननेवाली हो। किसी से कृपया ऐसे सवाल मत पूछो,

जिसकी बात सुननी ही नहीं है।

अगर सचमुच सलाह सुनना ही चाहती हो, तो अपने माँ बाप की सुनो। वरना अपनी गलती का पछतावा कभी

न कभी भुगतना तो है ही।

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