मै 25 साल की विवाहित स्त्री हु। मुझे एक बेटा है। घरवाले परेशान करते है।
जब से मेरी शादी हुई है। मेरी सांस और जेठानी मेरे पीछे ही पड़े थे। मेरा पती और देवर
दूसरे राज्य में व्यापार के लिये स्थाईक है। उनको फोन करके मेरे बारे में कुछ भी उलटासीधा
बता देती है। तो वो भी मुझसे नाराज रहते है। इस घर में 10 वी तक भी कोई नहीं पढ़ पाया।
मै बी कॉम तक पढ़ी हु। मेरे विचार और इस घरवालों के विचार बिल्कुल मेल नहीं खाते है।
किसी बीमारी के लिये डॉक्टर को दिखने की बजाय ये लोग अंधविश्वास के तरीके अपनाते है।
मेरे बच्चों पर ऐसे प्रयोग मै बर्दाश्त नहीं कर सकती। तो घर में झगड़े शुरू हो जाते है।
मेरे न्यूजपेपर पढ़ने से, टीवी देखने से इनको तकलीफ होती है। इन गवार लोगों के साथ मै बिल्कुल
रहना नहीं चाहती। मगर मेरा पति मुझे अपने साथ नहीं लेकर जा रहा है। माँ का दिल दुखाकर
मुझे साथ ले जाने में इनको आपत्ति है। मै अपने माँ बाप को कम से कम 10 बार बता चुकी हु की
मुझे इस घर में नहीं रहना है। मगर वे मुझे ही सबूरी से रहने की नसीहत देते है। मै बहुत परेशान हु।
कृपया मुझे सही राह दिखाए। मुझे आपके सलाह की जरूरत है। मै क्या करू ?
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हमारी सलाह: घरवाले परेशान करते है।
सच तो ये है, की इतने साल पति ने आपको गाव में रखना ही नहीं चाहिये था।
आप बिना झगड़ा करें। शांति से अपने पति को समझा सकती हो। और आपकी बात
समझा सकती हो। पढ़ाई की दृष्टि से वो लोग कम है, मगर कुछ बाते समझने में भी वो
असमर्थ है, तो आपको अलग होना ही पढ़ेगा। आप पापा को शांति से सारी बात समझाओ
और मायके में रहना शुरू करो। जब पति आपको लेने आएंगे, तो शांति से मामला सुलझा
लेना।
अगर आप उस घर में रहना ही नहीं चाहती हो तो पति को इस बात की जानकारी दे दो।
या फिर दूसरी शादी करने का भी विकल्प आप चुन सकती हो। मगर गुस्से में कोई भी फैसला
मत लेना। जो भी करना हो सोच समझ कर, सूझबुझ से निर्णय लेना।
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