पति पैसे नहीं देता मै 45 साल की एक महिला हु। शादी के 5 साल बाद पति ने मुझे छोड़ दिया था।
कानूनन तलाक नहीं हुआ है। मै अपनी बेटी के साथ तब से मायके में रहती हु। मेरे मातापिता गरीब थे।
उनकी कोई जायदाद नहीं थी। फिर भी मेरी बेटी को अच्छी तरह पालपोसकर बड़ा किया ।
उसकी परवरिश में कही कोई कमी नहीं छोड़ी। मगर अब उसकी शादी करने का वक्त आया है।
मै जब अलग हुई थी तब पति की जायदाद में हिस्सा नहीं मांगा था। मैंने अपने पति को मिलकर
बताया की बेटी की शादी का पूरा खर्चा वो करें। मगर वह नहीं मान रहे है। पति पैसे नहीं देता,
मुझे उन्होंने प्रस्ताव
दिया है की बेटी के साथ मेरे साथ रहोगी तो ही मै बेटी और तुम्हारी जिम्मेवारी लूँगा । माँ बाप के साथ
रहोगी तो मुझसे कोई उम्मीद मत रखना। मेरे सामने ये समस्या है की, मुझे जिंदगीभर उन्होंने
सहारा दिया। अब जबकि वो बूढ़े हो चुके है। उनको सहारे की जरूरत है तब उन्हे अकेला कैसे छोडू ?
कुछ लोग मुझे सुझाव दे रहे है की कोर्ट में पति के खिलाफ केस दर्ज करो, और जायदाद में हिस्सा मांगों।
मगर मुझे लड़ाई झगड़ा नहीं चाहिये। मै ऐसा क्या करू की बेटी की शादी भी धूमधाम से हो
और पति भी नाराज ना हो ? साथ ही माँ बाप को भी सहारा दे सकु ?
हमारा सुझाव
आप की समस्या देखकर हमें आशा की किरण दिख रही है। आप नेकदिल है इसलिए अपने पति और माँ बाप
को तकलीफ में नहीं देख सकती हो। पहले अलग होने का जो भी कारण रहा हो, अब अगर पति आपको
साथ में रहने की बिनती कर रहा है, तो उनके मन में भी आप के लिये द्वेष की भावना नहीं है।
और उनकी इच्छा है की आप और बेटी उनके साथ रहें, इसमें बुराई क्या है। अब बात रही माता पिता की
तो आप वहाँ रहकर भी उनको मदद कर सकती हो। आपकी तरह उनकी भी खुशी उनकी बेटी की
खुशी में है। आप एकबार उनसे भी बात करें।
आप अपने पति के साथ खुश हो तो उनको भी आनंद ही मिलेगा। आप वहा रहकर जितनी हो सके
उनको मदद कर सकती हो। इसमें आपके पति की कोई आपत्ति शायद नहीं होगी।
विनम्र निवेदन
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