जन्म लेने के बाद एक बच्चे का रिश्ता सबसे पहले उसके माता-पिता से जुड़ता है। उसके बाद उसके परिवार के सभी लोगों से उसका रिश्ता जुड़ता है और धीरे-धीरे जैसे ही नन्हा सा बच्चा बड़ा होता चला जाता है। वह भिन्न-भिन्न लोगों से मिलने लगता है और एक दिन उसके जीवन में ऐसा वक्त आता है। जिस वक्त वह एक नए रिश्ते में हमेशा के लिए बंध जाता है। जिसे कहते हैं शादी।
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गुरू चाणक्य की कौन सी नीति पति पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाती है?
चाणक्य नीति: ये 3 चीजें ही पति-पत्नी का रिश्ता बनाती हैं मजबूत. सबसे अनमोल रिश्ता होता है। पति-पत्नी का रिश्ता। जिस रिश्ते को मजबूत करने के लिए चाणक्य नीति में गुरु चाणक्य ने कुछ बातें कही है। आज हम उन्हीं बातों पर चर्चा करने वाले हैं-
प्रेम से रहने की बात कही गई है
किसी भी रिश्ते में प्रेम बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और उन्ही रिश्तों में से एक है। पति पत्नी का रिश्ता, जिसमें प्रेम होना बहुत ज्यादा जरूरी है। कारण संबंध में अगर प्रेम नहीं होगा। तो संबंध आगे कैसे बढ़ेगा। इसलिए हर पति-पत्नी को यह कोशिश करनी चाहिए कि वह अपने पति या अपनी पत्नी को ज्यादा से ज्यादा प्रेम दें। ताकि उनका संबंध हमेशा अच्छा रह सकें।
एक दूसरे के प्रति समर्पित रहने की बात कही गई है
किसी भी रिश्ते में समर्पण होना एक बहुत बड़ी बात होती है। यदि आप किसी के साथ संबंध में हैं और आप उस संबंध को निभाते वक्त समर्पित नहीं होते हैं। तो इसमें गलती सामने वाले की नहीं बल्कि आपकी है।
पति-पत्नी के बीच में समर्पण का भाव होना बहुत जरूरी है। ताकि दोनों एक दूसरे का साथ जीवन भर निभा सकें। यदि दोनों में से कोई एक भी समर्पण का भाव नहीं रखता है। तो उनके शादीशुदा जिंदगी में कभी भी मजबूती नहीं आती है।
एक दूसरे का हमेशा सम्मान करें
आज के वक्त पर बहुत कम ही लोग ऐसे होते हैं जो लोगों को सम्मान देते हैं। 100 में से केवल 20 ही लोग ऐसे होते हैं जो एक दूसरे को सम्मान देना जानते हैं। खासकर आजकल के जो पति-पत्नी होते हैं। वह दोनों एक दूसरे को बहुत कम ही सम्मान देते हैं।
आज के समय के पति- पत्नी दोनों ज्यादा से ज्यादा एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं। एक अगर दूसरे को अपशब्द बोल देते हैं। दोनों को बैठकर एक दूसरे के साथ अच्छी बातें करने चाहिए वहां दोनों एक दूसरे को आरोप लगाने में अपना कीमती वक्त जाया कर देते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करने हेतु हमेशा एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। यदि एक बुरा बोले भी तो सामने वाले को उसे पलट कर जवाब में बुरा नहीं बल्कि अच्छा बोलना चाहिए। सम्मान देना चाहिए। इसलिए रिश्ते में सम्मान देना सीखिए और अपने रिश्ते को मजबूत बनाइए।
रिश्तों में झूठ का सहारा ना लें
पति पत्नी का संबंध चाहे जैसा भी हो। लेकिन कभी भी पति या पत्नी को अपने संबंध के बीच में झूठ का सहारा नहीं लेना चाहिए। एक सच 100 झूठ के बराबर होता है। तो फिर आप एक सच बोल कर अपने रिश्ते को क्यों नहीं ठीक करते हैं। 100 झूठ बोल कर अपने रिश्ते को सुधारने की कोशिश बिल्कुल भी ना करें। जितना हो सके सच बोले। यदि आप झूठ का सहारा लेंगे तो ऐसा करके आप अपने रिश्ते को ही खोखला करेंगे। रिश्ते को खोखला करने के बजाए सच बोलकर रिश्ते में मिठास लाने की कोशिश कीजिए।