प्यार अंधा क्यों होता है?
अक्सर हम लोगों के मुंह से कहावत सुनते हैं। लोग कहते हैं कि प्यार में इंसान अंधा हो जाता है। लेकिन क्या वास्तव में व्यक्ति प्यार में अंधा हो जाता है। क्या आप भी यही मानते हैं कि प्यार में पड़ने वाला हर व्यक्ति अंधा होता है। इस बात को कहने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं। आज उन्हीं कारणों के विषय में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि क्यों प्यार अंधा होता है।
Table of contents
शोधकर्ता क्या कहते हैं इस विषय में?
शोधकर्ताओं ने रिसर्च के दौरान यह देखा है कि जब भी कोई व्यक्ति किसी के प्यार में होता हैं। तो वह उस व्यक्ति के बिल्कुल करीब पहुंचता है और यह इंसानी फितरत है कि वह जब भी किसी के प्यार में पड़ जाता है। तो वह उसके अंदर केवल अच्छाइयों को ही देखता है। उसके अंदर के बुराई को प्यार में पड़ने के कारण देख ही नहीं पाता है। यही कारण है कि लोग अक्सर कहते हैं कि प्यार में पड़ने वाला व्यक्ति अंधा ही हो जाता है। यह सच है।
क्या इस बात का कोई उदाहरण है?
शोधकर्ताओं ने अपनी बातों को प्रूफ करने के लिए माता का उदाहरण दिया है। वह कहते हैं कि दुनिया में एक मां ही होती है। जो अपने बच्चे की हर बुराई को ढक लेती है और उसे कभी भी गलत नहीं समझती है। मां अपने बच्चे के लिए बहुत ज्यादा ही सेंसिटिव होती है और जब भी कोई दूसरा उसके बच्चे के खिलाफ कुछ भी कहता है।
तो वह उस व्यक्ति के सामने अपने बच्चे को बुरा नहीं कहती बल्कि उस व्यक्ति को बुरा कहती हैं। जो उसके बच्चे की शिकायत को लेकर आता है। कारण एक मां अपने बच्चे पर बहुत विश्वास करती है और उसे पता है कि उसका बच्चा कभी कुछ गलत कर ही नहीं सकता।
इस वजह से वह डट कर कहती है कि उसका बेटा या उसकी बेटी बेकसूर है और उन्होंने कोई गलती नहीं की है। यहां पर भी प्यार में अंधे होने की बात स्पष्ट रूप से दिखाई देती है कि बच्चा गलती कर रहा है लेकिन मां उसे गलत मानने के लिए राजी नहीं होती है।
मां के जैसे ही प्यार में पड़ने वाला व्यक्ति अपने पार्टनर को कभी गलत नहीं समझता
जो व्यक्ति किसी के प्यार में पड़कर अंधा हो जाता है। उसकी जिंदगी उसी दिन से धीरे-धीरे बर्बाद होने लगती है क्योंकि वह एक झूठे रिश्ते को जीता है। जिसमें फरेब के अलावा कुछ भी नहीं हो सकता।
यदि किसी का पार्टनर उसे धोखा देता है। उसे झूठे सपने दिखाता है। तो वह उस पर यकीन कर लेता है क्योंकि उसके अनुसार सामने वाला व्यक्ति उसे धोखा नहीं दे रहा बल्कि उससे प्यार कर रहा है।
धोखे में इतनी शक्ति होती है कि वह किसी भी झूठ को सच में परिवर्तित कर देता है और प्यार को इतना कमजोर कर देता है। कि प्यार मजबूरन उस झूठ को सच मान लेता है और उसी में जीने की कोशिश करता है। जिसका अंजाम उसे बाद में भुगतने मिलता है।
निष्कर्ष
शोधकर्ता ने जो भी तथ्य दिया है। उस तथ्य के अनुसार यह बात सच साबित हुई है कि प्यार में व्यक्ति अंधा हो जाता है। अंधेपन का कारण है जरूरत से ज्यादा लोगों पर विश्वास करना और बिना जांच-पड़ताल के किसी भी व्यक्ति से प्यार करना।
एक बात सच है कि दुनिया में आप किसी से भी प्यार कर लीजिए। लेकिन जितना प्यार आपकी खुद की मां आपसे करेंगी। उतना कभी भी कोई भी आपसे नहीं कर सकता। इसलिए मां के अतिरिक्त कभी भी किसी पर अंधा विश्वास नहीं करना चाहिए।