Adhik Maas 2023 | अधिक मास में जरूर करें ये कार्य | दूर होंगी परेशानियां

कुछ कार्य अधिक मास में करने से दोगुना फायदा होता है। Adhik Maas 2023 | अधिक मास में जरूर करें ये कार्य | दूर होंगी सभी परेशानियां हर तीसरे वर्ष में, हिंदू कैलेंडर में एक महीना अधिक होता है। जिसे अधिक मास या मलमास कहते हैं। अधिक मास भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित मास है। इसीलिए इस महीने में ज्यादा पूजा-पाठ और धार्मिक कार्य किए जाते हैं। आइए जानते हैं, ऐसे कौन से कार्य हैं जिन्हें अधिक मास में अवश्य करना चाहिए।

Adhik Maas 2023 | अधिक मास में जरूर करें ये कार्य | दूर होंगी परेशानियां

पूजा पाठ

अधिक मास में जितना अधिक पूजा पाठ किया जाता है, उतनी ही भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अधिक मास के देवता भगवान  श्री विष्णु है। अतः इस महीने में भगवान विष्णु के लगभग सभी अवतारों की पूजा की जाती है। इस तरह की पूजा करने से मनुष्य के ऊपर आने वाले सभी संकट टल जाते हैं।

श्री कृष्ण पूजा

श्री कृष्णा भगवान विष्णु के अवतार हैं। अतः अधिक मास में भगवान श्री कृष्ण की पूजा भी की जाती है। अधिक मास में श्रीमद्भागवत गीता, श्री राम कथा वाचन, गजेंद्र मोक्ष कथा और भगवान विष्णु के नरसिंह स्वरूप की पूजा की जाती है। इस महीने में यह सभी धार्मिक कार्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। जो लोग भी भगवान विष्णु से जुड़े पूजा पाठ व्रत और त्योहार करता है, उसे वैकुंड की प्राप्ति होती है।

विशेष पूजा अर्चना

पुरुषोत्तम मास में भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। श्रद्धा भक्ति से भगवान की पूजा करना व्रत करना, तप करना और पापों के नाश के लिए भगवान से प्रार्थना की जाती है। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, और हमारे पापों का नाश करते हैं।

 हिंदू धार्मिक ग्रंथों में भगवान विष्णु ने इस महीने को अपना नाम देकर यह संदेश दिया था, कि जिसका कोई नहीं होता उसके भगवान श्री हरि विष्णु होते हैं। इस महीने में जो व्यक्ति मेरा नाम लेगा, मेरी उपासना करेगा उसे जीवन में कभी भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना होगा। उस व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होगी। इसीलिए मलमास में दान पुण्य करना, गरीबों की सेवा करना, अनंत सुख की प्राप्ति के लिए उचित माना गया है।

शाम के समय दीपदान करना

अधिक मास में घर में श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना चाहिए और पुरुषोत्तम नाम के 14 अध्याय का नित्य पाठ करना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए और शाम के समय तुलसी के पास दीप दान करना चाहिए।

अधिक पुण्य की प्राप्ति के लिए आप मलमास में गायों को हरा चारा भी खिला सकते हैं। इसके अलावा व्यक्ति को एक समय का भोजन करना चाहिए। अधिक मास में गेहूं, चावल, तेल, बथुआ, आंवला दूध, दही, पीपल, जीरा कटहल आदि खाना चाहिए। इसके अलावा अधिक मास में किसी भी तरह का बादी भोजन नहीं करना चाहिए।

व्यायाम और योग 

अधिक मास में यदि कोई भी कार्य किया जाता है, तो उसके 10 गुना बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। अधिक मास में ध्यान और योग करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक आत्म ज्ञान होता है। इसके अलावा योग करने से आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। मनुष्य के समस्त कुंडली दोष भी ठीक हो जाते हैं। सेहत और स्वास्थ्य के लिए अधिक मास में किए गए उपायों से व्यक्ति के भीतर नई ऊर्जा का जन्म होता है।

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