शादी में विघ्न आते है ? करें ये उपाय। माँ गौरी खुद करेगी आपकी समस्या का समाधान

मै अविवाहित लड़की हु। साधारण परिवार से हु। मगर दिखने में अच्छी हु। मेरी शादी में विघ्न आते है

मेरी पढ़ाई एम ए तक हो गई है। मै नौकरी नहीं करती हु।मगर घर में कपड़े सिलाई का काम करती

हु। केक बनाने का ऑर्डर भी लेती हु। महीने में गाव से 10-15 ऑर्डर मिल जाते है।आमदनी भी होती है।

पिछले 4-5 साल से मेरी शादी होते होते रह जाती है। मुझे बहुत चिंता होती है। लव मेरिज का भी खयाल

आता है। मेरे माँ बाप भी बहुत परेशान हो गए है।क्या कोई उपाय है,जिससे मेरी शादी जल्द हो सके,

शादी में जो विघ्न आते है वो दूर हो जाये?

हमारी सलाह : शादी में विघ्न आते है ? करें ये उपाय।

यदि आप लड़की हैं और आप मांगलिक हैं तो आप गौरी पूजन कर सकती हैं,इससे आपके शादी में

आने वाले विघ्न पल भर में दूर हो जाएंगे। जो भी कन्या मांगलिक होती है। यदि उनकी विवाह में

अड़चन पैदा होता है तो उन्हें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गौरी पूजन करने की सलाह दी जाती है।

आज हम अपने ब्लॉग के माध्यम से गौरी पूजन करने की पूरी विधि बताएंगे।

गौरी पूजन का महत्व सावन महीने में बहुत ज्यादा होता है। सावन महीने के प्रत्येक मंगलवार को माता

गौरी की पूजा की जा सकती है। इससे माता गौरी आपसे प्रसन्न  भी काफी होती हैं। सावन महीने में

माता गौरी की पूजन को मंगला गौरी के नाम से पुकारा जाता है। वहीं गौरी पूजन गणेश चतुर्थी के

पांचवें दिन किया जाता है। इस पूजन में भी माता गौरी की आराधना की जाती है।

गणेश जी की माता ही गौरी माता है। इन्हें पार्वती माता भी कहा जाता है। गौरी पूजन को विवाहित स्त्री

अपने पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। वही अविवाहित स्त्रियाँ जो मांगलिक है वह अपने मांगलिक

दोष को कम करने के लिए गौरी माता की पूजा करती हैं।

12 सितंबरगौरी पूजन प्रारंभ सुबह 9.49 a.m.
14 सितंबरगौरी माता विसर्जन प्रातः 7.04 a.m.

गौरी पूजन विधि

गौरी माता पूजन विधि

गौरी पूजन के संबंध में पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि राक्षसों के अन्याय से परेशान होकर महिलाओं ने माता गौरी का आह्वान किया था और राक्षसों से अपने सुहाग की रक्षा की गुहार भी लगाई थी। तब से लेकर अभी तक गौरी पूजन किया जाता है।

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