इतिहासमनोरंजनशादी विवाहसंबंध

हसीन सपने का डरावना अंत : मेरी कहानी

शादी हर लड़की का खूबसूरत सपना होता है जिसके ख्वाब वह बचपन से ही बुनने लगती है। ऐसा ही एक सपना मैंने भी देखा था लेकिन कई बार सपने बहुत जल्दी चकनाचूर हो जाते हैं। ऐसा ही एक बुरा अनुभव, आज मैं आप सबके साथ साझा कर रही हूं।

शादी का उत्साह

दिसंबर का महीना आया तो मेरे घर में तैयारियां शुरू हो गई क्योंकि आने वाली 13 जनवरी को मेरी शादी होने वाली थी। शादी की हर चीज के लिए मैं बहुत ज्यादा ही उत्सुक हो रही थी। तभी मेरी मां ने मुझे रोकते हुए कहा कि “बेटी अपनी शादी के लिए इतनी उछल कूद मत कर, किसी की बुरी नजर लग जाएगी”। पर मैं अपनी मस्ती में, मां की बातों को अनदेखा करती रही। आखिरकार 13 जनवरी का वह खूबसूरत दिन आ ही गया जिसका मैं महीनों से इंतजार कर रही थी। सुबह जल्दी उठते ही मैं शीशे के सामने खड़ी हो गई और खुद को निहारने लगी। मन ही मन में सपने सजा रही थी कि आज मैं अपने पति के घर जाऊंगी।

तभी पीछे से पिताजी ने आवाज लगाई, “मधु जल्दी तैयार हो जाओ, कहीं वरमाला की रस्म में देर ना हो जाए”। मैं उनकी तरफ देख कर मुस्कुरा दी और जल्दी से नहाने के लिए चली गई। सुबह के 10:00 बज चुके थे और मैं पार्लर से तैयार होकर आ गई थी।तभी दरवाजे पर बारात पहुंच गई और कुछ समय बाद शादी की रस्में भी शुरू हो गई। आखिर शाम तक विदाई लेकर मैं अपने पति के घर पहुंच गई और अपनी खूबसूरत जिंदगी को अपनी आंखों के सामने देख रही थी। लेकिन किसने सोचा था कि ये खुशियां मेरे लिए कुछ पलों की है।

शादी का खूबसूरत सपना सुहागरात को ही चकनाचूर हो गया

रात को जैसे ही मेरे पति कमरे में आए तो मुझ पर चिल्लाते हुए बोले “तुम मुझे बिल्कुल पसंद नहीं, मैं तुम्हें कभी अपनी पत्नी नहीं मानूंगा”। उनकी यह बातें सुनकर मानो जैसे मेरे पैरों तले से जमीन ही निकल गई हो। मेरी आंखों से आंसू बह रहे थे और जुबान से एक शब्द नहीं निकल रहा था।आखिर मेरे मुंह से कोई शब्द निकलता भी तो कैसे, क्योंकि जिस शादी के लिए मैं इतनी खुशियों से भागदौड़ कर रही थी।

उस खूबसूरत सपने को तोड़ने में मेरे पति ने एक सेकंड भी नहीं लगाया। कुछ समय पहले ही सुहागरात पर अपने पति से सरप्राइज गिफ्ट मिलने के सपने देख रही थी। लेकिन अब मेरे पति ने मुझे कुछ और ही सरप्राइज दे दिया था। पर मैंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उनसे पूछा कि “फिर तुमने मुझसे शादी ही क्यों की”। तो उनका जवाब था, “मेरे माता-पिता की जिद की वजह से मुझे तुम्हारे साथ शादी करनी पड़ी”।

कैसे करूं यह सब सहन

यूं ही रोते हुए पूरी रात गुजर गई और कब सूरज निकल आया, मुझे पता ही नहीं चला। लेकिन मैंने अपने परिवार से यह बात छुपाई क्योंकि उन्होंने बहुत मुश्किल से मेरी शादी की थी और मैं उन्हें फिर से दुखी नहीं करना चाहती थी। मेरे पति मेरे सामने ही अपनी गर्लफ्रेंड से बातें करते और मैं चुपचाप देखती रहती। हमारी शादी को 2 साल हो चुके हैं परंतु मैं आज भी एक पत्थर की मूर्ति की तरह चुप हूँ। इस उम्मीद में कि एक दिन मेरे पति को मेरी कीमत का एहसास होगा और वह मुझे अपना लेंगे। पर पता नहीं, कब वह दिन आएगा और मेरी आंखों से आंसू बहना बंद होंगे।

Next ad

Related Articles

Back to top button