विदाई के वक्त दुल्हन क्यों रोती है?

विदाई के वक्त दुल्हन क्यों रोती है?

शादी के बाद एक बेटी को अपना मायका छोड़कर अपने पति के घर अर्थात ससुराल जाना पड़ता है। एक पल में एक लड़की का मायका, उसका रिश्ता सब कुछ बदल जाता है। यह सब कुछ शादी के साथ फेरे में बंधने के बाद ही होता है। अब बात होता है कि शादी के बाद जब दुल्हन की विदाई होती है। तो फिर वह रोती क्यों है? क्या दुल्हन का रोना विदाई के दौरान जरूरी होता है या अन्य कोई कारण है। जिस वजह से दुल्हन अपना मायका छोड़ते हुए रोती है। विदाई के वक्त दुल्हन क्यों रोती है?

अपना घर छोड़ने पर सभी को रोना ही आता है

जिस घर में बचपन बितता है। जिस घर का हर एक कोना साक्षी होता है। फिर ऐसे परिवेश को छोड़कर जाना क्यों पड़ता है। शादी के बाद बेटी को अपना खुद का घर छोड़ कर तो जाना ही पड़ता है और जब अपना ही घर छोड़कर जाना पड़े। तब आंखों में आंसू तो आ ही जाएंगे ना। बचपन से जिस घर में हम बड़े होते हैं। वह घर हमारे लिए हमारे बचपन की स्मृति होते हैं। इसलिए विदाई के वक्त बेटियां भावुक हो जाती हैं।

अपने ही घर को अलविदा कहते हुए दु:ख ही होता है

कल तक जो घर आपका था। जो माता-पिता आपके अपने थे। जो घर परिवार आपका खुद का था। शादी के बाद इनमें से कुछ भी आपका नहीं रहता है। इन सब को अलविदा कहते हुए एक लड़की को शादी के बाद अपने पति के घर ही जाना पड़ता है और उसके घर को ही ताउम्र अपना घर मानना पड़ता है। जब भी एक औरत इन सब बातों को याद करती है। तब ही वह भावुक हो जाती है। विदाई के दिन ही भावुक होना जरूरी नहीं होता। यह एक इमोशन है, जो ऑटोमेटिक फील होता है।

दुल्हन के ना रोने पर बरातियों के मन में क्या सवाल उठते हैं?

बिदाई पर दुल्हन नहीं रोई तो समाज क्या कहेगा ?

शादी के बाद जब विदाई होती है। उस वक्त लगभग 100 में से 99.9% लड़कियां रोती हैं। जो व्यक्ति अपने विदाई के दौरान नहीं होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि उसके अंदर भावनाएं नहीं है। यह भी तो हो सकता है कि वह अपनी भावनाओं को स्पष्ट करने में असमर्थ हो रहा है।

बिदाई पर दुल्हन ना रोने से लोगों की प्रतिक्रिया क्या होगी?

किस तरह के सवाल उठते हैं विदाई के वक्त लड़की के ना रोने  पर!
एक और जहां पर पूरे देश के लोगों को शिक्षित करने के लिए भारत देश की सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वही हमारे समाज में मौजूद कुछ और शिक्षित लोग भी हैं। जो किसी भी बात का बतंगड़ बनाने में 1 मिनट नहीं लगाते हैं।
विदाई के वक्त लड़की के आंखों से आंसू गिरा है। तो लोगों को लगता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कहां जा रही है कई बार तो लोग अब अपसुकून भी बोल देते हैं।

सारांश

शादी के बाद हर बेटियां ही रोती है। कारण वह जानती है कि वह शादी कर एक नए घर में जा रही है। नए परिवेश में घुलने मिलने में वक्त लगता है। इस वजह से भी मायके से विदा लेते हुए दुल्हन को रोना आता है।

विदाई का पल सबसे दुखद पल होता है। जब हर एक चेहरे पर आंसू होता है और सबसे ज्यादा आंसू उस बेटी के माता-पिता की आंखों में होता है। जिसकी बेटी का कन्यादान कर माता-पिता बहुत अच्छा महसूस कर रहे होते हैं। बेटियां पिता का गरूर होती है बेटियां और जब वह बेटी ही पिता का घर छोड़कर जाती है।

तो माता-पिता के साथ-साथ बेटी भी उस घर से जुड़ी सभी यादों को याद करते हुए रोती है।

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