यदि मंगल ग्रह लग्न या लग्न से 12वें भाव, प्रथम भाव, 4वें घर, 7वें घर या 8वें भाव में स्थित हो, तो यह किसी की जन्म कुंडली में मंगल दोष बनाता है। मंगल दोष लग्न चार्ट, चंद्र राशि चार्ट और शुक्र चार्ट के माध्यम से देखा जाता है। ये लेख पढ़कर आप बिना कुंडली देखे सिर्फ देखकर मांगलिक लड़की को पहचान सकते हो। मांगलिक ladki की पहचान
Table of contents
यदि किसी की जन्म कुंडली में मंगल घरों से ऊपर हो, तो इसे “उच्च मांगलिक दोष” माना जाएगा। यदि यह इन भावों में से किसी एक कुंडली में स्थित है, तो इसे “निम्न मांगलिक दोष” माना जाएगा।
मंगल दोष के प्रकार
उच्च मंगल दोष–
यदि मंगल जन्म कुंडली, चंद्र कुंडली और शुक्र कुंडली से पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो तो इसे उच्च मांगलिक दोष माना जाएगा। कुछ मांगलिक दोष में व्यक्ति बहुत सारे परेशानियों का सामना करते हैं।
निम्न मंगल दोष-
यदि मंगल दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित हो जैसे कि मून चार्ट और शुक्र चार्ट, तो इसे निम्न मांगलिक दोष या “आंशिक” माना जाएगा। कुछ ज्योतिषियों के अनुसार 28 वर्ष की आयु के बाद इसे रद्द किया जा सकता है।
मंगल दोष वाली लड़कियों के लक्षण
अब सवाल यह उठता है कि यदि कोई महिला मांगलिक है, तो कैसे पता चलेगा। लक्ष्ण द्वारा क्या पता किया जा सकता है कि महिला मांगलिक है या नहीं?
जवाब है, हां। लक्षण देखकर पता चल जाता है कि सामने वाला मांगलिक है या नहीं। कैसै …ऐसे–
स्वभाव से पता चल जाता है
मंगल दोष के साथ जन्म लेने वाले लोग बहुत ही ज्यादा उग्र, आक्रामक और गर्म स्वभाव वाले होते हैं। मंगल दोष वाले महिलाओं को बात-बात पर गुस्सा आता है। कभी इनका गुस्सा बढ़ जाता है, तो कभी इनका गुस्सा तुरंत शांत हो जाता है।
मानसिक तनाव द्वारा
मंगल दोष मानसिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करता है। जो विवाह में तनाव और कलह का कारण भी बनता है। यदि कोई महिला मांगलिक है, तो उनको अवश्य ही मानसिक तनाव से गुजरना पड़ता है।
मांगलिक दोष वाली महिलाएं नकारात्मक सोच की होती हैं
मंगल दोष व्यक्ति ( मांगलिक लड़की ) में नकारात्मकता को जन्म देता है। जो असहिष्णुता, प्रतिस्पर्धा, तर्क, संघर्ष, प्रभुत्व और अंत में विपत्ति की ओर ले जाता है, मंगल का दोष।
संबंध टूटते चले जाते हैं
मांगलिक लड़की जो भी महिलाएं कभी भी किसी के साथ अच्छे संबंध बनाकर नहीं रख पाती। हमेशा सबसे लड़ाई झगड़ा करती हैं। ऐसी महिलाएं ज्यादातर मांगलिक दोष वाली होती हैं। जो अपने मंगल के दोष के कारण सभी से बहस कर बैठती हैं और अंत में कोई भी उनका अपना बनकर नहीं रहता है।
शादी में बांधा आ जाता है
मंगल दोष का प्रभाव मुख्य रूप से विवाह पर देखा जाता है। या तो वैवाहिक संबंध बनाना मुश्किल हो जाता है। बात यह है कि यदि आपका मंगल अस्त-व्यस्त है, तो यह आपको आक्रामक, असहिष्णु, अस्थिर और चंचल दिमाग वाला बना देगा।
मांगलिक ladki की पहचान
हर ग्रह का हर एक व्यक्ति पर प्रभाव रहता है। जो लोग मंगल दोष वाले होते हैं। उन पर मंगल का प्रभाव बुरी तरीके से होता है। ऐसे में वह मेडिटेशन जितना करेंगे। वह उनके लिए उतना अच्छा है। कारण मेडिटेशन के कारण लोगों को गुस्सा कम आता है और मंगल दोष वाले बहुत ज्यादा गुस्सा करते हैं। अपने गुस्से पर काबू रखना है ताकि संबंध अच्छे बन सकें।
जिस महिला या पुरुष की जनम कुंडली में 1, 4, 7, 8, 12 वें स्थान में मंगल होता है, उस व्यक्ति को मांगलिक दोष है ऐसा माना जाता है। इन लोगों पर मंगल का विशेष प्रभाव होता है। कुछ अन्य ग्रहों की स्थिति मंगल का प्रभाव कम करती है। शादी करने से पहले कुंडली मिलन करके मंगल दोष निष्प्रभ होता होगा तो शादी हो सकती है।
कुछ ग्रहों की स्थिति मांगलिक प्रभाव कम करती है। अगर ऐसी कोई स्थिति नहीं है, तो accident , आग, अकाल मृत्यु , खून ऐसी अनहोनी होने की आशंका होती है। फिर भी कोई निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लीजिए।