क्या आप अपनी बातों को सिक्रेट रखते हैं। आपका जवाब हां है तो आप बिल्कुल सही काम करते हैं। अगर आप उन लोगों में से हैं। जो अपनी बातों को बिल्कुल भी सिक्रेट नहीं रखते हैं। तो आज का हमारा ब्लॉग बिल्कुल आप लोगों के लिए ही बना है। कहने का मतलब यह है कि गुरु चाणक्य ने कहा था कि व्यक्ति को कभी भी अपनी कुछ बातों को किसी और से शेयर नहीं करना चाहिए।
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किन बातों को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए?
यदि व्यक्ति गलती से भी अपने उन सीक्रेट्स को लोगों के साथ शेयर कर देते हैं। जिसे शेयर नहीं करना चाहिए। तो इससे उनका ही नुकसान हो जाता है। आइए जानते हैं कि किन बातों को कभी भी किसी और से नहीं कहना चाहिए।
आप क्यों दुखी हैं, यह ना बताएं
हम मानव अक्सर यही गलती करते हैं कि जब भी हम परेशान होते हैं, दुखी होते हैं। तो हम अपनी बातों को किसी और से कहकर हल्का महसूस करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इस विषय पर गुरु चाणक्य क्या कहते थे? गुरु चाणक्य बहुत ही बुद्धिमान व्यक्ति थे।
वह कहते थे कि यदि आप दुःखी है। तो अपने दुःख को ईश्वर से शेयर कीजिए ना कि अपने से या अपने किसी मित्र से क्योंकि जिससे आप अपनी बातों को कह रहे हैं भले ही वह व्यक्ति आपका अपना हो। लेकिन आपके दुःख को देखकर वह मन ही मन खुश होता है। सामने से वह आप को सांत्वना देता है और आपके पीछे ही आप के विषय में बातें भी बनाता है। इसलिए कभी भी अपने दुःख की बात को किसी और से भूल से भी ना शेयर करें।
पति-पत्नी को कभी भी अपनी बातों को किसी तीसरे व्यक्ति से नहीं खाना चाहिए
पति-पत्नी का रिश्ता दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता होता है। इस रिश्ते में दोनों एक दूसरे के जितने करीब होते हैं। वह दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से जानते एवं पहचानते हैं। लेकिन जब यही पति पत्नी आपस में झगड़ते हैं और अपनी बातों को किसी तीसरे व्यक्ति को जाकर कहते हैं।
तब उनके वैवाहिक जीवन में एक के बाद एक तकलीफ उत्पन्न होने लगती है। जिससे वह खुद भी अनजान रहते हैं। इसलिए वैवाहिक जीवन में सुख शांति प्राप्त करने के लिए आप कभी भी पति या पत्नी के बीच की बात को किसी और को जाकर ना कहें। आपके बीच में जो भी समस्या है। वह दोनों आपस में मिलकर समझाने की कोशिश करें। किसी तीसरे व्यक्ति को बोलकर आपकी समस्याएं कम नहीं बल्कि और अधिक बढ़ जाएगी।
आर्थिक समस्या के बारे में भी किसी से ना कहें
हमारे अच्छे दिनों में हमारे आसपास, हमारे मित्र, हमारे अपने हमेशा रहते हैं। लेकिन इन्हीं लोगों की पहचान सबसे ज्यादा तब होती है। जब हम खुद दु:ख की घड़ी से जूझ रहे होते हैं। जी,हां दोस्तों उन्हें दुःख की घड़ी में से एक घड़ी होती है। आर्थिक समस्या का आना। जब हम आर्थिक समस्याओं का सामना करते हैं। तब हमारे आसपास के लोग हमसे सबसे ज्यादा दूरी बनाते हैं।
उस वक्त उन्हें ऐसा लगता है कि हम अपने आर्थिक समस्या से उभरने के लिए उनसे कर्ज लेंगे। यज्ञ सोचकर वह हमसे दूरी बना लेते हैं। ताकि हम उनकी मदद ना लें सकें। ऐसे होते हैं, हमारे करीबी एवं मित्र लोग इसलिए कभी भी अपने आर्थिक समस्याओं की चर्चा अपने प्रिय जनों से ना करें।
आप कितना कमाते हैं यह भी ना कहें
जिस तरह से अपने आर्थिक तंगी के विषय में अपने प्रिय जनों से बातें नहीं करनी चाहिए। ठीक वैसे ही आप कितना कमाते हैं, यह जानकारी भी अपने प्रिय जनों को कभी नहीं देनी चाहिए। इससे हमारे प्रिय जन हमसे जलते हैं। इसलिए कभी भी अपनी इनकम के विषय में अपने प्रिय जनों से ना चर्चा करें।