मुश्किल वक्त में मनुष्य की मदद कौन करता हैं?

गुरु चाणक्य को उनके नीति के कारण ही जाना जाता है। वे जानते थे कि कूटनीति क्या होती है, चातुरता क्या होती और इन सबका जवाब कैसे देना है यह भी उन्हें पता था। इसलिए ही आज गुरु चाणक्य को पूरे विश्व में उनके नीति के कारण जाना जाता है।

चाणक्य नीति के अनुसार मुश्किल वक्त में मनुष्य की मदद कौन करता हैं?

यदि व्यक्ति मुश्किल में होता है। तो वह चाणक्य नीति का अनुसरण करता है। कारण चाणक्य नीति में लिखा है कि व्यक्ति जब मुश्किल में पढ़ता है। तो उन्हें किस राह का चयन करना चाहिए। गलत मार्ग में जाने वाला व्यक्ति भी सही मार्ग में जाने लगता हैं।

यदि व्यक्ति मुश्किल में पड़े, तो उसे किस मार्ग का चयन करना चाहिए या कौन सी नीति मनुष्य को मुश्किल वक्त से बाहर निकालने में मदद करती हैं। आइए उस पर नजर डालते हैं।

ज्ञान का सदुपयोग करें

गुरु चाणक्य कहते थे कि एक इंसान की पहचान उसकी बुद्धि से होती हैं। कारण एक बुद्धि ही है जिसके कारण मनुष्य अपनी काया को बना पाता है। जब भी व्यक्ति मुश्किल में पड़ता है। तो वह सुध बुध सब खो बैठता है। इससे उसकी मुसीबतें कम नहीं होती है। बल्कि और बढ़ जाती है। इसलिए चाणक्य नीति के अनुसार मनुष्य को मुश्किल वक्त में सबसे ज्यादा अपने बुद्धि का सदुपयोग करना चाहिए। ताकि वह मुश्किल परिस्थितियों से बाहर जल्द से जल्द निकल सकें।

हमेशा भगवान का सुमिरन एवं अच्छे संगत में रहना चाहिए

गुरु चाणक्य यह भी कहते हैं कि जो व्यक्ति हमेशा भगवान का सुमिरन करते हैं। वह कभी भी मुसीबत में नहीं पड़ते हैं। साथ ही ऐसे लोग हमेशा अच्छे संगत में ही ज्यादा रहते हैं। इसलिए उनका सामना मुसीबतों से कम होता है। लेकिन जो लोग मुश्किल में पड़ते हैं और भगवान का सुमिरन भी नहीं करते हैं। ऐसे लोगों के लिए गुरु चाणक्य यही कहते हैं कि मुश्किल वक्त में सदैव भगवान का सुमिरन करो और जब तुम उस मुसीबत से बाहर निकल जाओ। उसके बाद भी भगवान का सुमिरन करना कभी भी ना भूलों।

अनावश्यक पैसों को नष्ट ना करें

चाणक्य के अनुसार कभी भी व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा पैसा नहीं खर्च करना चाहिए। अनावश्यक चीजों पर तो पैसा बिल्कुल भी नष्ट नहीं करना चाहिए। कारण  जब व्यक्ति सबसे ज्यादा मुसीबत में पड़ता है। तो उसका बची हुई पूंजी ही उसकी मदद करती है।

यदि वह अच्छे वक्त पर अपने सभी पैसों को नष्ट कर देगा। तो बुरे वक्त में यदि वह चाहे भी तो नष्ट किए गए पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। इसलिए समय रहते ही मनुष्य को पैसे का संचयन करना चाहिए ना कि अनावश्यक उसे खर्च करना चाहिए।

हमेशा स्वस्थ रहने की कोशिश कीजिए

जब भी मनुष्य किसी मुसीबत में पड़ता है। तो उसे उस समस्या से लड़ने के लिए अपनी बुद्धि, अपने शरीर और अपना हाथ पैर का इस्तेमाल करना पड़ता है। इसलिए मनुष्य के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वह अपने आप को हमेशा तंदुरुस्त रखें।

ताकि जब भी वह किसी मुसीबत में पड़े। तो उस मुसीबत से लड़ने के लिए उसके शरीर में किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी या बीमारी ना रहें। यदि वह बीमार रहेगा तो वह अपने जीवन में आने वाले मुसीबतों का सामना कैसे करेगा।

वह तो पहले ही हार मान जाएगा और मनुष्य कभी भी बिना लड़े हार नहीं सकता। मनुष्य को तब तक लड़ना चाहिए। जब तक उसकी जान में जान है।

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