शादी के कई सालों बाद भी क्यों होता है तलाक?

क्यों होता है साथ रहने के बाद भी तलाक?

तलाक शादीशुदा जोड़े के जिंदगी में एक ऐसा फैसला होता है। जो उनकी जिंदगी की दशा और दिशा दोनों को ही बदल कर रख देता है। ऐसा भी देखा गया है कि पति और पत्नी शादी के बाद पांच-पांच साल तक साथ रहकर एक दूसरे को समझने कि हर मुमकिन प्रयास करते हैं। लेकिन अंत में जब वह हार जाते हैं तब वह तलाक जैसे निर्णय लेने में मजबूर हो जाते हैं।

आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि आखिर क्यों व्यक्ति तलाक जैसे फैसले लेने पर मजबूर हो जाते है। तलाक बहुत सारे कारणों के वजह से लोग लेते हैं। शादी के कई सालों बाद भी क्यों बन जाते हैं तलाक के आसार?

लोगों में धैर्य कम होता जा रहा है

हर इंसान में एक समान सा धैर्य हो यह तो जरूरी नहीं है ना। रिश्ते जोड़ने में जितना वक्त लगता है। उससे भी कम वक्त लोगों को रिश्ता तोड़ने में लगता है। रिश्ता तोड़ना आसान काम नहीं है। कानूनी प्रक्रिया में बहुत समय लग जाता है। 

जब तक कानूनी प्रक्रिया में समय लगता है। तब तक लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए कि उनके आपसी संपर्क ठीक हो जाएं और उन्हें तलाक जैसी परिस्थिति से ना गुजरना पड़े।

आज कल लोगों में धैर्य नहीं है। वह किसी भी चीज को धैर्य के साथ नहीं बल्कि जल्दबाजी के साथ करना चाहते हैं। चाहे वह काम हो रिश्तेदारी हो या अन्य कोई और चीज़।

शास्त्रों के अनुसार एक व्यक्ति को समझने में आजीवन लग जाता है

एक जमाना था। जब रिश्ते को तोड़ने में नहीं बल्कि जोड़ने में विश्वास रखा जाता था। तभी तो पहले के जमाने में तलाक जैसे शब्द का प्रयोग भी करना अपशकुन माना जाता था। 

लेकिन आज के समय में तलाक मानो खेल हो गया हो। अदालत में सबसे ज्यादा केस मुकदमा तलाक को लेकर ही चलता है।

बीवी नौकरी पर जा रही है। तो पति उस पर शक कर उसे तलाक देना चाहता है। पति व्यस्त होने के कारण पत्नी को कम समय देता है। तो पत्नी किसी और से प्यार कर बैठती है। इस वजह से तलाक लेना चाहती है।

अरे! एक व्यक्ति को समझने में वक्त लगता है 1 साल, 2 साल,3 साल। कभी-कभी तो मृत्यु के आखिरी वक्त तक भी एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को समझ नहीं पाता है। कारण जब व्यक्ति के अंदर समझने की इच्छा ही नहीं होगी तो वह कुछ नहीं समझ सकता।

5 साल तक साथ रहने के बावजूद भी यदि पति पत्नी तलाक ले रहे हैं। तो इसका साथ अर्थ यही है कि दोनों एक दूसरे को पसंद ही नहीं करते है। हो सकता है कि उनकी शादी उनके मर्जी के खिलाफ हुई हो।

तालमेल बैठाने की हर संभव कोशिश करनी चाहिए

जिनके इरादे नेक होते हैं। वे कभी भी हारते नहीं हैं। 5 साल रहने के बावजूद भी यदि पति-पत्नी में से कोई एक अपने रिश्ते को बचाने की कोशिश करेगा। तो वह अवश्य ही अपने रिश्ते को बचा पाएगा क्योंकि 5 साल बहुत होता है। एक दूसरे को समझने के लिए और 5 साल में यदि व्यक्ति एक दूसरे को समझते ही नहीं है। तो इसका अर्थ यह है कि दोनों ही अक्रू है जो एक दूसरे को समझना ही नहीं चाहते। सिर्फ अपने आप में मस्त रहना चाहते हैं।

तलाक लेने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन उसके पीछे कोई खास वजह होनी चाहिए। छोटी मोटी वजह लेकर तलाक लेने से जज साहब भी परेशान हो जाते हैं। उन्हें भी अच्छा नहीं लगता कि रोज उनके सामने कोई एक ही बात लेकर प्रकट हो। हां जब तलाक के पीछे का कारण गंभीर होता है। तलाक आसानी से हो जाता है। लेकिन जब समस्या कोई खास नहीं होती। तभी प्रक्रिया में वक्त लग जाता है। हमेशा सही वक्त पर सही फैसला लेने की कोशिश कीजिए।

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