जीवन में हमेशा सावधानी बरतनी चाहिये। ऐसी स्त्रीयों से बचकर ही रहना वरना आपको कभी भी खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कुछ सावधानियाँ बताई है। किसी से बचकर रहने की नसीहत
दी है। इसको कभी भी नजरंदाज मत करना। अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुये चाणक्य कहते है, की
चरित्रहीन स्त्री और बुद्धिहीन मित्र से हमेशा दूर ही रहना चाहिये।
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी बुद्धि हिन को उपदेश नहीं देना चाहिये। ऐसा करना मतलब खुद का समय
बरबाद करना ही है। चरित्रहीन स्त्री से सदैव दूर रहने को चाणक्य ने कहा है। ऐसी स्त्रियों के उपयोग से कई
दुश्मन राजाओं को उन्होंने मरवा दिया था। उनके गुप्त राज प्राप्त कीये थे। इसलिए चाणक्य ने ऐसी स्त्री से दूर
रहने की सलाह सबको दे रखी है।
ऐसी स्त्रीयों से बचकर ही रहना वरना बरबाद हो जाओगे।
चरित्रहीन स्त्री की समज में इज्जत तो होती ही नहीं, मगर अगर आप उसके
साथ दिखते हो तो आपकी इज्जत भी कम हो जाएगी। बुद्धिमान पुरुष को ऐसी स्त्रियों की मदद कभी नहीं करनी चाहिये।
वरना वह स्त्री कभी न कभी आपको जरूर डंक करेगी। उससे दूरी बनाये रखनी चाहिये।
चाणक्य ये भी बताते है, की अनैतिक कार्य करने वाले से कभी मित्रता नहीं रखनी चाहिये। वरना मुसीबत कभी
भी आपको घेर सकती है। कटु बोलनेवाली स्त्री से संगत करना विष पीने के बराबर है। इनसे हमेशा सावधान रहे।
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