तुलसी को भारतवर्ष मे सबसे पवित्र स्थान दिया गया है मगर तुलसी के खतरनाक दुष्परिणाम भी होते है
आज भी तुलसी के नाम पर पुजापाठ,व्रत और यहाँ तक की तुलसी की शादी भी की जाती है। तुलसी हमारे लिए संजीवनी
से कम नहीं| तुलसी लगभग सभी के घरों में होती ही है| इसके सेवन से ना
जाने कितनी बीमारिया ठीक होती है| सेहत और सौंदर्य से जुडी कई समस्याओं का अचूक
इलाज भी करती है तुलसी| आयुर्वेद में भी तुलसी के पौधे के हर हिस्से फायदेमंद बताया है।
पत्तों में भारी मात्रा में लौह और आर्सेनिक भी पाया जाता है इसलिये पत्ते खाने से आपके दांतों की ऊपरी परत को नुकसान हो सकता है ।
मुहांसे, दाग, धब्बे और झुर्रियां दूर करने और त्वचा के अनेक रोगों में तुलसी का उपयोग किया जाता है।
पौधे में ज्यादा घनत्व वाला तेल पाया जाता है । इस तेल में भारी मात्रा में विटामिन सी होता है। साथ ही कैरोटीन भी पाया जाता है
रोज तुलसी के पत्ते खाने से मुह के बैक्टीरिया खत्म होते है, परिणामस्वरूप मुह की बदबू की समस्या खत्म होती है, साथ ही पाचनक्रिया में मदद होती है, शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ बाहर निकालने में मदद मिलती है। वजन कम होता है।
तुलसी चबाने से दांतों की ऊपरी परत को नुकसान हो सकता है, मगर सेहत को फायदा भी होता है।
तुलसी के खतरनाक दुष्परिणाम
वैसे तो तुलसी पौधे के अगणीत फायदे है| पर इसका सही इस्तेमाल किया जाना चाहिए|
इसकी आपको जानकारी जरुर होनी चाहिए| नहीं तो फायदे के वजह यह काफी नुकसान भी पहुंचा सकती है|
आइये देख लेते हैं इसके नुकसानों के बारे में।
ये है तुलसी के खतरनाक दुष्परिणाम side-effects/dangers of tulsi/holy-basil
सेवन से खून पतला होता है
तुलसी में हमारे खून को पतला करने की क्षमता है। इसीलिए कुछ दवा के साथ इसका सेवन नही करना चाहिए|
अगर ऐसा हो तो चोट लगने पर खून ना रुकना, शरीर पर नील के निशान होना आदी समस्याए उत्पन्न हो सकती है|
और अगर आप पहले से खून पतला करने की कोई दवा ले रहें हैं तो यह काफी नुकसान कर सकती है|
सर्जरी के बाद तुलसी ना खाएं
जिन मरीजों की अभी अभी सर्जरी हुई हैं उन्हें तुलसी का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
क्यूंकि तुलसी में खून को पतला करने के गुण होने के कारन जख़्म जल्दी ठीक नहीं होता|
मधुमेह / हाइपोग्लाइसीमिया में नुकसानदायक
यदि कोई मधुमेह / हाइपोग्लाइसीमिया का शिकार हैं| और दवा के लिए तुलसी ले रहा है,
तो इससे खून में शर्करा मात्रा अत्यधिक कमी हो सकती है|
गर्भवती महिला (Pregnant Woman) इसका सेवन ना करे
तुलसी गर्भाशय के संकुचन को प्रेरणा देती है| गर्भवती महिला को इसका सेवन नहीं करना चाहिए|
इसके सेवन से गर्भाशय सिकुड़ जाता है| जिससे माँ-बच्चे दोनों पर भी बुरा असर पड़ता है।
जिससे गर्भपात होने की भी आशंका होती है|
महिला मासिक चक्र(Menstrual Cycle) में ना खाए|
तुलसी महिलाओं के मासिक चक्र पर भी प्रभाव डाल सकती है| पीठ में दर्द, ऐठन आदी समस्याएउत्पन्न हो सकती है|
पुरूषों की प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव effect of tulsi on sperm count
तूलसी के सेवन से प्रजनन शक्ति कमज़ोर होती है| एक अध्ययन में देखा गया है कि इसके सेवन से पुरुषों में
प्रजनन क्षमता में कमी देखी गयी है| इसीलिए पुरुषों को ज्यादा तुलसी खाने से दूर ही रहना चाहिए|
ब्लड शुगर लेवल में कमी low blood sugar
ब्लड शुगर लेवन कम करने के लिए लोग अक्सर तुलसी खा लेते हैं| पर इसे खाते समय सावधानी की ज़रूरत है|
अगर वह व्यक्ति पहले से ही मधुमेह/ ब्लड शुगर लेवल को कम रखने की दवा खा रहा है, तो यह उसके लिए
नुकसानदायक होगा। क्यूँकी तुलसी भी ठीक ऐसेही काम करती है।
लीवर को नुकसान
तुलसी में मुख्य तत्व युजनोल है| यूजेनॉल एक हेपेटाोटोक्सिक है| जो लिवर को नुक्सान पूछा सकता है|
तुलसी के ज्यादा सेवन से श्वास लेने में दिक्कत, खांसी के दौरान खून, मूत्र में खून, गले और मुंह में जलन
आदी तकलीफ हो सकती हैं|
जहरीली तुलसी
तुलसी का पौधा उन जगहों पर आसानी से मिलता है जहां क्रोमियम का स्तर ऊँचा होता है| क्रोमियम की वजह
से तुलसी के पत्ते जेहरीले होते हैं|क्रोमियम शरीर में लिवर और किडनी को काफी नुक्सान पहुँचता है|
इसलिए हमेशा आर्गेनिक तुलसी ही खाएं|
तुलसी के पत्तों को चबाना नहीं चाहिए
कई विशेषज्ञ कहते है की तुलसी के पत्तों को चबाना नहीं चाहिए| क्योंकि इसमे पारद होता है|
जो शरीर मे दाखिल होता है| और लंबे समय ऐसा करने से बहुत नुकसान कर सकती है|
तुलसी के पत्ते अगर चबा दिए जाये| तो यह एसिडिक होने के कारण दांतो के उपर के इनेमल को पिघला सकते है|
तुलसी के पत्तोंको दांतो से चबाकर ना खायें| अगर खायें हैं या फिर चबाये है तो इसके तुरंत बाद कुल्ला कर लें|
इसमें मौजूद अम्ल दांतों के एनेमल को ख़राब कर देता है|
सफ़ेद दाग
तुलसी के बीजों को खाने के बाद या तुलसी का जूस पीने के बाद दूध का सेवन करे तो सफेद दाग हो सकते है|
इन खाद्यपदार्थों के साथ ना ले
तुलसी के साथ दूध, मूली, नमक, हल्दी, प्याज, लहसुन, मांसाहार, खट्टे फल का सेवन नहीं करना चाहिए|
चर्म रोग
तुलसी के सेवन के बाद दूध पिने से चर्म रोग हो सकता है|
शहद और तुलसी रस गर्म ना करे|
तुलसी रस को अगर गर्म करना हो तो शहद के साथ कभी ना करे| क्यूंकि गर्म वस्तु के साथ
शहद विष सामान हो जाता है|
तुलसी किसी संजीवनी से कम नहीं है| इसके सही इस्तेमाल से त्वचा, बाल, शरीर लम्बी उमर तक स्वस्थ रह सकते है|
आशा है आपको ” तुलसी के खतरनाक दुष्परिणाम side-effects/dangers of tulsi/holy-basil” यह जानकारी पसंद आई होगी|
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