निजी सीक्रेटमहिला स्वास्थरिलेशनशीपशादी विवाहसंबंध

हँडसम पति चाहती थी ,मगर मोटा और काला मिला। फिर मैंने क्या किया पता है ?

हँडसम पति चाहती थी ,मगर काला मिला काला ही । क्या करू? समय के साथ जिना सिख लिया

नमस्कार दोस्तों, आज मैं आप के साथ अपना अनुभव शेयर करना चाहती हूं।

मेरा नाम अश्विनी है। मैंने बी एस सी किया है। कॉलेज में मै सबसे ज्यादा सुंदर थी। कई लड़के मेरे

अगल बगल घूमते थे। मगर हमारा दुर्भाग्य इतना की, हमारी चाह बहुत बड़ी थी। मुझे तो हीरो जैसा

लड़का ही चाहिये था। तो सबके प्रस्ताव मैंने बेहिचक ठुकराये थे। और खुद को खुद ही भाग्यशाली

लड़की होने का सर्टिफिकेट दिया था। कॉलेज में न सही मगर शादी के लिये तो मुझे चार्मिंग और

बॉडी बिल्डर, गोरा चिट्टा लड़का चाहिये था। इस सपनों के राजकुमार की तलाश में मेरे कई साल

बरबाद हो गए।

जैसे कि हर एक लड़की का सपना होता है, वैसा ही मेरा भी यही सपना था, कि

मेरा पति भी बहुत हैंडसम, चार्मीग, गुड लुकिंग, हो मगर मेरा यह सपना सपना ही रह गया।

पता नहीं क्यों, हमें हमारी मर्जी से शादी करने की अनुमति ही नहीं है।

देखते ही देखते मेरी शादी हो गई

कुछ समय पहले मेरे माता पिता ने मेरी मर्जी के खिलाफ मेरी शादी करवा दी।

मैं उस लड़के को बिल्कुल पसंद नहीं करती थी, क्योंकि वह वह लड़का बिल्कुल काला और थोड़ा मोटा भी था।

जो कि मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं था, परंतु मैं कर भी क्या सकती थी, एक लड़की जो ठहरी।

हमारे समाज में लड़कियों की मर्जी जाने बिना उनकी शादी करा दी जाती है। वही मेरे साथ हुआ,

हालांकि मैंने मना भी किया था, कि मुझे यह लड़का पसंद नहीं है।

परंतु मेरे माता पिता ने फिर भी उसी लड़के से मेरी शादी करा दी,क्योंकि वह अच्छा खासा कमाता था।

उसकी सरकारी नौकरी भी थी और मां-बाप का यही मानना है, कि सरकारी नौकरी है,

तो मुझे जिंदगी भर परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।

ये भी पढे गरीब विधवा महिला हु। बैंकवाले लोन चुकाने का दबाव बना रहे है। – My Jivansathi

फिर मैंने जो किया पता है ?

मैं तो यही चाहती थी, मेरे सपनों का राजकुमार बिल्कुल एक अभिनेता जैसा हो। बिल्कुल दिखने में हीरो हो,

गुड लुकिंग हो, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब अक्सर हमारे बीच लड़ाई का सिलसिला चलता रहता है।

किसी ना किसी बात का लेकर हमारे बीच झगड़ा हो ही जाता है। मैं जितना भी चाहूं जितनी भी कोशिश कर लू,

मगर लड़ाई हो ही जाती है।मैं एक संयुक्त परिवार में रहती हूं मतलब मुझे अर्जेस्ट करने में,

बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है। मेरी शादी को आज भी 7 साल हो गए। मेरे दो बच्चे भी हैं,

लेकिन फिर भी कभी सास से लड़ाई हो जाती है, तो कभी पति से।

मैं मानती हूं, हमें परेशानी और समस्याओं को झेलना ही पड़ता है। यह तो सभी के जीवन में रहती हैं,

परंतु कभी-कभी तो ऐसा मन करता है, कि इन सब को छोड़कर यहां से भाग जाऊं,

लेकिन अपने बच्चों को देखते ही यह कदम उठाने से पहले ही लड़खड़ा जाते है।

ये भी पढे पुरुष गूगल पर सबसे ज्यादा क्या सर्च करते हैं?most search on google by men – Apni Bat

हँडसम पति नहीं मिला। मगर जो मिला ‘अच्छा’ है

अब तो बच्चों में ही अपनी खुशी ढूंढ लेती हूं। उन्हीं के साथ खेलती हूं,उन्हीं के साथ मस्ती करती हूं,

उनको पढ़ाती हूं, पूरा अपना समय उन्हीं के साथ व्यतीत करती हूं।

कहते हैं, ना हमें समस्याओं के साथ जीना आना चाहिए। बस उसी तरह से खुद को ढाल लिया है।

मगर मैंने कोई समझौता नहीं किया है, बस अपना जीने का तरीका बदल लिया है,

क्योंकि हमें जिंदगी में कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए। समझौता करने से हम डिप्रेशन में चले जाते हैं,

हम पर दबाव बनाया जाता है, कि हमें यह काम करना ही चाहिए। नहीं,बल्कि मैंने खुद को जीना सिखाया है।

नई उमंग के साथ चाहे अपने बच्चों के साथ हैं, लेकिन खुद को उनके तरीके से व्यस्त रखती हूं।

मेरी निजी जिंदगी में कोई भी परेशानी नहीं है, क्योंकि कहते हैं,ना जैसा हम रहना चाहते हैं,

हम वैसे रह सकते हैं।इसीलिए मैंने लोगों की बातों पर ध्यान देना बंद कर दिया,खुद जीने का तरीका ढूंढ लिया,

और इससे बेहतर तरीका कोई नहीं हो सकता।

यकीन मानिए अगर आपको भी ऐसी कोई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है,

तो आपको भी चाहिए कि आप अपना समय उस चीज में व्यतीत करें।जिसमें आपको सबसे ज्यादा खुशी मिलती हो।

फिर देखिएगा, जिंदगी कितनी खूबसूरत हो जाएगी।

Next ad

Related Articles

Back to top button