बेटी को अच्छी बातें मां की ओर से सीखाना चाहिए या ससुराल में सबको जब्त कैसे करना है, यह सिखाना चाहिए?
बेटी के शादी के बाद हर मां अपने-अपने तरीके से बेटी को ससुराल में रहने के नियम,वहां के तौर तरीके आदि के बारे में सीखाती है। वहीं दूसरी और कुछ ऐसी मां भी होती है जो अपनी बेटी को ससुराल में अच्छे से रहने की सीख नहीं देती है। बल्कि अपनी बेटी को सिखाती है कि शादी के बाद कैसे अपने सास-ससुर, पति आदि को जब्त करेगी और उन्हें दिन रात अत्याचार करके परेशान करेगी।
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जबकि शादी के बाद बेटी क्या करेगी और क्या नहीं यह सब कुछ मां से पूछना नहीं चाहिए। मां को भी अपनी बेटी की जिंदगी में दखल नहीं देना चाहिए। वरना शादीशुदा जिंदगी बर्बाद हो जाती है?
बेटी को हर बात अपनी मां से कहने से बचना चाहिए
शादी के बाद बहुत सारे लोगों की आदत होती है कि वह अपने घर की पूरी बात अपनी मां को पूरा दिन फोन से बात करके बता देती। शादी के बाद कभी भी एक शादीशुदा महिला को अपने ससुराल वालों की बात अपने मायके में नहीं बताना चाहिए। वरना उन्हीं को आगे चलकर परेशानी होती है, उनकी शादीशुदा जिंदगी पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाती है।
यदि सब अच्छे से बात करें तो उसे भी अच्छे से बात करना चाहिए
ससुराल जाकर कभी भी उच्च स्वर में नवविवाहित बहू को बात नहीं करना चाहिए। कारण घर में कोई ना कोई बड़े बुजुर्ग होते हैं। हमेशा अपने से बड़ों को सम्मान देना चाहिए ना कि उनसे तर्क करना चाहिए। यदि ससुराल में आपसे सब अच्छे से बात करते हैं। तो आप को भी अच्छे से बात करना चाहिए।
बेटियों को शादी के बाद अपनी मां की बातें कम सुननी चाहिए और अपने दिल की बातें ज्यादा सुननी चाहिए
शादी के बाद जब बेटी एक बहू बनती है और नए घर में प्रवेश करती है। तो उसे अपने नए घर में प्रवेश करते ही एक अलग पहचान मिलती है। बेटी को बहु बनने के बाद अपनी एक बहुत ही बुरी आदत का त्याग करना पड़ेगा। वह है हर घंटे में अपनी मां को फोन लगाना। शादी के बाद ज्यादातर बेटियों का घर उनकी मां के कारण ही टूटता है। इसलिए बेटियों को अपनी मां की बातें कम और अपने दिल की बातें ससुराल में ज्यादा सुननी चाहिए।
किसी को दबाकर रखना भी गलत है
हर किसी को अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए न। यदि आप अच्छे काम करेंगे। तो आपके साथ सब कुछ अच्छा ही होगा। ठीक उसी तरह से जब आप ससुराल प्रवेश करेंगे। तो वहां पर आप नए लोगों से मिलेंगे जहां पर कोई आपकी जेठानी, कोई आपके सांस, तो कोई ननद होगी। लेकिन आपको सबके साथ अच्छे से पेश आना होगा। सबसे प्यार से बात करनी होगी। यदि आप से कोई प्यार से बात ना करें तो कोई बात नहीं। अपने दुखीपन से ससुराल के लोगों को हर्ट ना करें। कभी भी औरों के साथ गलत नहीं करना चाहता मैं अपने ससुराल में किसी भी व्यक्ति को दबा कर रखना चाहिए।
ससुराल में यदि आपके साथ कोई गलत करता है। तो आपको उसके साथ गलत नहीं करना है बल्कि आपको उसके साथ अच्छे से पेश होना है। हर घर में कोई ना कोई किसी ना किसी के पीछे पड़ा रहता है। इसका मतलब यह तो नहीं कि हम उन सब चीजों से दुखी हो जाएं।