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पति कुछ काम का नहीं । निकम्मे पति को छोड़ना चाहती हु।

मेरा नाम कामिनी है। मै एक शादीशुदा महिला हु। निकम्मे पति को छोड़ना चाहती हु।

मेरी शादी को 5 साल हो चुके है। मुझे एक छोटीसी बेटी है। घर में सांस का राज है।

पति की सैलरी होते ही, सबकुछ माँ के हवाले कर देता है। बाद में महीनाभर मांगकर लेना पड़ता है।

एक तो पति ऐसा निकम्मा। जिसको एहसास भी नहीं है, की मुझे एक बच्ची भी है। उसके लिये भी साबुन,

पाउडर, खाना और बहुत कुछ लगता है। मुझे भीख मांगने की आदत नहीं है। बिना मांगे खरीदने की

आदत सांस को नहीं है।

मै इस घर में बुरी तरह फस गई हु। सांस मेरा खयाल रखना तो दूर, मुझसे खुद की सेवा कराती है।

पड़ोसी के सामने मुझपर अपना अधिकार जताना सांस को खूब पसंद है। मेरा पति तो निकम्मा है।

उसको इन बातों से कुछ फरक नहीं पड़ता। अपने बीवीबच्चों की जरूरतों के लिये वह गैरजिम्मेदार

बन जाता है। वैसे तो मेरे पापा मुझे पैसे देते है। उससे हमारी जरूरत की चीजे मै खरीद सकती हु।

मगर इनको भी तो अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिये । ये लोग मेरे पापा की इज्जत भी नहीं करते।

मुझे तो बार बार ऐसे निकम्मे पति से तलाक लेने का खयाल आता है। मगर पापा ने रोक लिया है। इसलिए

चुप हु। कृपया मुझे सुझाव दीजिए की क्या मुझे अलग होना चाहिये ? या नहीं ?

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हमारा सुझाव : निकम्मे पति को छोड़ना चाहती हु।

आपका पति तो सचमुच निकम्मा निकला। जो सारा पगार माँ के हवाले करता हो। और अपना फर्ज

भूल जाता हो, वह निकम्मा तो है। अगर आपको अपना खर्च पापा के पैसे से करना पड़े, और आपके निकम्मे पति

को इसमें जरा भी शर्म महसूस न हो तो इससे बुरा क्या हो सकता है। आप का पति इस लायक ही नहीं। जो अपनी

जिम्मेवारी नहीं समझ सकता उसके साथ रहने में कोई भलाई नहीं है। आप स्वतंत्र विचार करनेवाली स्त्री है।

किसी को पैसे के लिये बिनती करना आपको अच्छा नहीं लगता। मगर आपके स्वाभिमान को ये लोग पहचान नहीं

सकते तो छोड़ दो ऐसे परिवार को। दुनिया बहुत बड़ी है। मगर सबकुछ अपने पापा को बताकर ही करना।

अपना निर्णय पापा को बता दो। और एक अच्छे नतीजे पर पहुँच जाओ।

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