स्त्रियाें में पुरुषों से ज्यादा होती हैं ये इच्छाएं , मगर वो कभी बताती नहीं
आचार्य चाणक्य ने स्त्री स्वभाव के बारे में किया हुआ विश्लेषण आज भी आदर्श है स्त्रियाें में होती हैं ये इच्छाएं
उन्होंने स्त्रियों के बारे में कुछ खास बाते बताई है। ये बाते स्त्रियां कभी किसी को भी नहीं बताती है।
चाणक्य नीति में पुरुष से स्त्री की तुलना करते हुये उनकी भावनाओं के बारे में एक श्लोक है। जिसमें स्त्रियों
की भूख, लज्जा, साहस और काम भावना के बारे में बताया गया है।पुरुष से तुलना में ये बढ़ती जाती है।
इस श्लोक में उन्होंने कितनी सटीक तुलना की है, जरा ध्यान से पढे। हो सके तो पूरी चाणक्य नीति
भी पढे क्योंकी इससे आपको बहुत ज्ञान मिलेगा
स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा ।
साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः ॥१७॥
स्त्रियाें में होती हैं ये इच्छाएं
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों की शक्ति के बारे में बताया है।वो कहते है कि,स्त्री की भूख
यानि आहार , भोजन पुरुषों से दोगुनी होती है। मगर ये बात व्यक्ति के खान पान शारीरिक स्थिति पर
हर व्यक्ति के लिये अलग अलग हो सकती है। इसके अलावा आचार्य चाणक्य कहते है, स्त्रियों में शर्म
याने की लज्जा पुरुषों से चार गुण ज्यादा होती है। इतना ही नहीं औरतों के बारे में तुलना करते हुये वो
लिखते है, की स्त्रियों में पुरुषों से 6 गुना ज्यादा साहस भी होता है। इसीलिए स्त्री को शक्ति का
दूसरा रूप माना गया है। आखिर में चाणक्य ने स्त्रियों के कामेच्छा के बारे में बताया है, की पुरुषों से
आठ गुना ज्यादा काम भावना स्त्रियों में होती है। लेकिन स्त्रियों में लज्जा और सहनशक्ति भी बहुत
ज्यादा होने के कारण वो इस भावना को उजागर होने नहीं देती। सदैव धर्म और संस्कार को
महत्व देकर अपने परिवार को संभालती है।
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