क्या देवर खुद की विधवा भाभी से शादी कर सकता है?

क्या देवर खुद की विधवा भाभी से शादी कर सकता है? विवाह एक अति पवित्र बंधन है, जो दो व्यक्ति

के साथ ही दो परिवारों का भी मिलन कराता है।परंतु आजकल के इस कलियुगी समय में रिश्तो की

परिभाषा ही बदल रही है। इसके प्रभाव से देवर और भाभी का रिश्ता भी छूटा नहीं है। आजकल लोग

शादी करने के लिए रिश्तो की मानमान मर्यादा को भी भूल रहे हैं।

ऐसे में देवर और भाभी की शादी को भी बेशक गलत ही माना जाएगा। लेकिन कई बार इंसान के सामने

कुछ परिस्थितियां ऐसी उत्पन्न हो जाती हैं। जहां ना चाहते हुए भी अपनी जिंदगी के फैसले बदलने पड़ते हैं।

हालांकि हमारा मानना है कि परिस्थितियों के हिसाब से जहां फैसला लेना पडे।

क्या देवर खुद की विधवा भाभी से शादी कर सकता है?

कभी कभी मान मर्यादाओं का उल्लंगन करना भी सही होता है

वहां कुछ मान मर्यादाओं को दरकिनार करना भी सही हो सकता है।ऐसी ही एक मर्यादा है, देवर और भाभी

के रिश्ते की। वैसे तो देवर और भाभी का रिश्ता मां-बेटे का माना जाता है। एक देवर के लिए भाभी हमेशा

ही मां समान होती है। लेकिन जब बात की जाए विधवा भाभी की तो यहां मान मर्यादा नहीं जिम्मेदारी देखी जाती है।

अगर किसी भी परिवार में बड़े बेटे की मृत्यु हो जाती है जो शादीशुदा हो और छोटा बेटा कुंवारा हो।

तो ऐसे में अक्सर बड़ी बहू को देवर के साथ शादी के बंधन में बांधने का सोचा जाता है।

ऐसी शादी में कोई जबरदस्ती करना तो बिल्कुल गलत होगा, फिर चाहे वह देवर के साथ हो या भाभी के।

परंतु अगर यह शादी पूरे परिवार की सहमति से हो रही है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अपने भाई की मृत्यु

के बाद उसकी अमानत को अगर दर-दर भटकना पड़े। तो इसमें कौन सा किसी की शान में चार चांद लग जाएंगे।

देवर भाभी और परिवार की राय

इसलिए अगर देवर और भाभी के साथ साथ पूरा परिवार भी इस बात से सहमत है। ऐसे में विधवा भाभी से

शादी करने में किसी भी तरह की बुराई नहीं है। लेकिन कई जगह पर देवर के साथ जबरदस्त थी पल्लू बांधने

की रसम भी है। यह बात सरासर गलत है जिसके खिलाफ आवाज उठानी भी जरूरी है। जबरदस्ती किसी

पर अपनी मर्जी थोपना कानूनी रूप से भी जुर्म है। यहां तक की कुछ परिवारों में शादीशुदा देवर के साथ भी

जबरदस्ती विधवा भाभी की शादी कर दी जाती है। जिसमें एक जिंदगी बनाने को लेकर कई जिंदगी बर्बाद

कर दी जाती है।यदि भाभी अपने देवर के साथ शादी नहीं करना चाहते तो उसे जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए।

बल्कि ससुराल वाले उसे अपनी बेटी बनाकर दूसरी जगह शादी कर सकते हैं।

जोर जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए

इस मामले में कई लोग अपने परिवार की बेइज्जती महसूस करते हैं। लेकिन जबरदस्ती किसी की जिंदगी

बर्बाद करना भी किसी बेइज्जती से कम नहीं है। माना कि आपके बेटे की अकाल मृत्यु से आप बहुत

ज्यादा आहत हुए होंगे। तो इसमें आपकी बहू को भी तो उतना ही कष्ट हुआ है ना जितना आप लोगों को।

इसलिए इस दुख की घड़ी में भी अपना समझदार होने का परिचय दें। यदि देवर और भाभी के साथ पूरा

परिवार सहमत हो। तभी इस रिश्ते को आगे बढ़ाएं अन्यथा और भी बहुत से रास्ते हैं। जिनके आधार पर

आप भविष्य संबंधित सही फैसले कर सकते हैं।

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