मेरा नाम स्नेहल परांजपे है। मुंबई की रहनेवाली मै एक विधवा हु ।
मेरी उम्र 30 साल है। मुझे एक बेटी है। दूसरी कक्षा में पढ़ाई कर रही है। 4 साल
पहले मेरे पति की accident में मौत हो गई। तब से मै बहुत दुखी रहने लगी इसलिए।
मेरे सांस ससुर और माँ पापा मुझपर दूसरी शादी के लिये जोर दे रहे है। उनका मानना है की
मेरी बाकी की उम्र जाया ना की जाये । मै अपने पति की यादों को कभी भुला नहीं सकती।
मुझे दूसरी शादी में कोई दिलचस्पी नहीं है। और ना ही शादी करने से मुझे खुशी मिलनेवाली है।
मै मेरी बेटी से दूर होना नहीं चाहती। और अगर मै शादी कर भी लेती हु तो क्या मेरे भावी पति
के साथ गद्दारी नहीं होगी ? क्यों की ये असंभव है, की पति को मै भुला पाऊं।
ये बात सही है, की मेरी चिंता घरवालों को है, इसलिए मेरे भलाई के लिये वो ये निर्णय लेने का दबाव
बना रहे है। आप को क्या लगता है ? मेरा फैसला गलत है ? मै एक विधवा हु
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हमारी सलाह : मै एक विधवा हु
स्नेहल जी आप एक mature महिला है। सभी के दृष्टिकोण से आप परिचित है। मगर कभी कभी
हम अपने ही उसूलों के साथ अड़े रहते है। आपके पति को आप 4 साल बाद भी भुला नहीं पाई हो।
इसलिए चिंताग्रस्त दिखती हो। अगर आप इस नर्वसनेस से बाहर नहीं निकली तो दिमागी बीमारी
का शिकार हो सकती हो। आप अगर शादी नहीं करना चाहती तो भी ठीक है। मगर घरवालों को
खुश दिखो। वो लोग तुमसे बहुत प्यार करते है। उन्होंने अपना बेटा खोया है। बहु को खोना नहीं चाहते।
फिर भी तुम खुश रहो इसलिए दूसरी शादी के बारे में सोच रहे है। उनको लगता है, की शादी के बाद
आप के आसपास का माहौल बदल जाएगा। घर बदल जाएगा। तो धीरे धीरे तुम खुश रहने लगोगी।
तो शादी कर लेना आपके लिये सही रहेगा।
फिर भी अगर शादी करनी ही नहीं है, तो रहने की जगह बदल दो। हो सकता है, की नए माहौल में
आप अपने गम को भुला सको। घरवालों को आप खुश दिखना जरूरी है। फिर वह आपपर शादी का
दबाव नहीं बनाएंगे।