धूम्रपान से होनेवाले दुष्परिणाम आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर देता हैं|
धूम्रपान से कई निरंतर बीमारिया हो जाती है| यह आपके शरीर पर बहुत बुरा प्रभाव डालते हैं|
सिगरेट को सिगार/हुक्के आदी के इस्तेमाल से आप स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं से नही बच सकते|
धूम्रपान से होनेवाले दुष्परिणाम से बचना हो तो तम्बाकू पर प्रतिबंध जरूर लगाले|
तम्बाकू के बारे में गलत धारणाए
- मैं तंबाकू खाता हूँ, पर मैं पोष्टिक भोजन भी लेता हूँ| इसलिए मुझे कैंसर नहीं होगा|
- मैं तो तम्बाकू कभी-कभी ही खाता हूँ| कैंसर तो उन्हें होता है, जो हररोज इसका सेवन करते हैं|
- तम्बाकू छोड़ने के बाद मैं खुद को बीमार, सुस्त महसूस करता हूँ / करती हूँ|
- मेंरे बाप-दादा भी कितने दिनों से खा रहे हैं| उनको कुछ नहीं हुआ तो मुझे भी कुछ नहीं हो सकता|
पर हम आपको बतादे की यह सभी गलत धरनाये है| कृपया इन बातोमे ना आये|
अक्सर लोग यह भूल जाते हैं कि कई लोग तम्बाकू से होने वाले रोगों के कारण जवानी में ही मर गए है|
तंबाकू / धुम्रपान से होने वाली बीमारियां
आइये जाने तम्बाकू और धूम्रपान से होने वाली गंभीर बीमारियों के बारे में
कैंसर
तंबाकू को चबाने से खाने की नली, सांस की नली, मुंह का कैंसर, जननांग का कैंसर होता है|
धूम्रपान करने से मुंह का कैंसर, खाने का कैसर, सांस की नली, पेट, पित्त की थैली, फेफड़े, लैरिंक्स,
पेशाब की थैली का कैंसर होता है|
मुँह के कैंसर पीड़ित मरीजोमेसे लगबग ९० प्रतिशत मरीज या तो धूम्रपान करते थे या किसी रूप में
तंबाकू या तम्बाकू उत्पादन खाते थे|
हृदय रोग
धुम्रपान या तम्बाकू से हृदय रोग जैसे की ब्लड प्रेशर बढ़ना, हार्ट अटैक भी होता है
धूम्रपान से होनेवाले दुष्परिणामटीबी
धुम्रपान से टीबी होने का भी खतरा चार गुना बढ़ता है|
गर्भवती और होनेवाले बच्चे को भी खतरनाक
गर्भपात, बच्चों में विकृतियां, महिलाओं में अनियंत्रित माहवारी आदी समस्याए उत्पन्न हो जाती है|
तनाव बढ़ना
लोग अकसर तनाव दूर करने के लिए तंबाकू /धुम्रपान करते हैं| पर हकीकत यह है की
तंबाकू / धुम्रपान करनेवाला व्यक्ति तनाव ग्रस्त होता है
त्वचा, बाल, नाखून संबंधित समस्याएं
धूम्रपान से आपकी त्वचा की संरचना बदलती हैं| जी त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ाती है|
यही नहीं नाखून के फंगल संक्रमण की भी संभावना बढ़ जाती है| एक अध्ययन के अनुसार तम्बाकू से
बालों झड़ने लगते है और गंजापन भी आ सकता है
पैरों की नसों में रुकावट
धूम्रपान करने से पैरों की नसों में थक्के की रुकावट आने की जोखिम १६ गुना तक बढ़ जाती है|
अगर पैरों की नसों में थक्कों की रुकावट आने के प्रारंभिक चिन्हों को नजरअंदाज किया जाये तो
गैंगरीन होने की सम्भावना अधिक रहती है|
दिमाग का दौरा
दिमाग के दौरा आकर मरने वालों लोगों में से ११ प्रतिशत लोग धूम्रपान करने वाले रहे हैं|
जो लोग रोजाना २० या इससे ज्यादा सिगरेट या बीड़ी पीते हैं उन्हें दिमागी दौरा आने की
सम्भावना दूसरों लोगों के मुकाबले डेढ़ गुना ज्यादा रहती है