बांझपन की वजह से मुझे अलग किया जाता है। बांझपन का इलाज हो तो बताइये।
मै शादीशुदा महिला हु। बांझपन का इलाज करके थक गई हु। लगता है, जिंदगीभर ऐसे ही रहना पड़ेगा।
दुख की और एक बात ये है,आस पड़ोस की महिलाये बांझपन की वजह से मुझे किसी शुभ कार्य में शामिल
नहीं करती है। मेरे पीठ पीछे मुझे अनाप शनाप बोलती रहती है। घर में भी सांस ससुर मुझसे थोड़े रूठे
ही रहते है। डॉक्टर के पास जाकर भी कुछ फायदा नहीं हुआ। डॉक्टर पैसे तो लेते है। मगर जिम्मेदारी
नहीं लेते। मै माँ बनना चाहती हु। मेरी उम्र 33 है। क्या बांझपन का इलाज संभव है? अगर है, तो प्लीज
बताइये।
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हमारी सलाह : बांझपन का इलाज
संतान हीनता या इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है जिससे ना जाने कितने ही लोग प्रभावित है।
अधिकतर लोग अपने इस समस्या के बारे में खुलकर बात ही नहीं करते ।क्योंकि उन्हें इस बात
का संदेह होता है कि लोग उनका मजाक बनाएंगे। फिर होता यह है कि कुछ साल तक इंतजार
करने के बाद उन्हें डॉक्टर की शरण में जाना पड़ता है लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ
ऐसे चमत्कारी नुस्खे जिन्हें अपनाकर आप अपनी प्रजनन क्षमता को आसानी से बढ़ा सकते हैं और
अपनी संतान पाने का सपना पूरा कर सकते हैं ।चलिए चर्चा करते है, इन घरेलू उपाय पर जो
महिला तथा पुरुष दोनों की ही बांझपन समस्या को खत्म कर देंगे-
इनफर्टिलिटी या बांझपन की समस्या का इलाज
दशमूलारिष्ट
यह एक ऐसी औषधि है जिसका प्रयोग करके बहुत-सी महिलाओं को लाभ हुआ है।
दशमूलारिष्ट का काढ़ा प्रतिदिन लेने से प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है।
दालचीनी
अधिकतर महिलाओं को माहवारी अनियमित,या खुलकर न आने की समस्या होती है। समस्या
चाहे इनफर्टिलिटी की हो या फिर अनियमित माहवारी की ,दालचीनी का काढ़ा एक रामबाण
उपाय है।इसके लिए आपको दालचीनी में जीरा,सौंठ और गुड का प्रयोग करके एक काढ़ा
बनाना है। माहवारी आने के पाँच दिन पहले से ही इसका सेवन शुरू कर दे। एक महीने में
सिर्फ पाँच दिन ही इसका प्रयोग करना है ।
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अनार
अनार एक फल ही नहीं अपितु औषधि भी है।अनार खाने से गर्भाशय में रक्त का संचार सही
ढंग से होता है और यह गर्भाशय को ताकत देता है।बांझपन की समस्या महिलाओं में ही
नहीं पुरुषों में भी होती है ।इसलिए अनार ,पुरुषों के शुक्राणुओं को भी बढ़ाने में सहायता करता है।
बरगद की छाल
यह सबसे ज्यादा आजमाया हुआ नुस्खा है क्योंकि बरगद की छाल प्रजनन अंगों में किसी भी
तरह के विकार को ठीक करती है ।इसे बारीक कूटकर इसका महीन चूर्ण बना लें। प्रतिदिन
खाली पेट लगातार छह महीने तक इसका सेवन करें परंतु माहवारी के दिनों में इसका इस्तेमाल बंद कर दें।
लहसुन
लहसुन तो आमतौर पर सभी घरों में पाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पुरुषों
में शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ाता है।इसके लिए रोजाना अपने खाने में लहसुन का प्रयोग करें
या रोज सुबह खाली पेट दो लहसुन की कलियों का सेवन करें ।
अश्वगंधा चूर्ण
जब बात आयुर्वेद की आती है अश्वगंधा को कैसे भूला जा सकता है।अश्वगंधा बहुत सी बीमारियों
में कारगर है। इसका इस्तेमाल महिला तथा पुरुष दोनों ही कर सकते हैं ।रोजाना एक चम्मच
अश्वगंधा चूर्ण को गर्म दूध के साथ ले। अगर एक साथ आप एक चम्मच नहीं ले सकते तो दिन
में दो बार भी आधा-आधा चम्मच करके आप इसका सेवन कर सकते हैं ।
शतावरी
महिलाओं के लिए शतावरी एक वरदान से कम नहीं है क्योंकि यह तनाव को कम करने
में भी सहायता करती है। बांझपन का एक कारण तनाव भी हो सकता है ।
1 से 2 ग्राम शतावरी चूर्ण रोजाना ले।
लोधरा
यह औषधि महिलाओं में अंडा बनने की समस्या को खत्म करती है तथा मासिक धर्म के
दौरान होने वाले ज्यादा रक्त प्रवाह को भी ठीक करती है ।प्रतिदिन लोधरा की पिसी हुई
छाल को 1 से 3 ग्राम की मात्रा में लें। जो आपके गर्भधारण की संभावना को बढ़ाता है।
अशोक का प्रयोग
मासिक धर्म की समस्याओं के साथ-साथ ल्यूकोरिया भी बांझपन का कारण बनता है।
प्रतिदिन सुबह और शाम खाना खाने से पहले एक चम्मच पाउडर का गाय के
दूध के साथ सेवन करें।