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सफलता, संपन्नता, सुख और शांति के सूत्रधार गणेश उत्सव से जुडी 10 अहम बातें।

सफलता, संपन्नता, सुख और शांति के सूत्रधार गणेश उत्सव से जुडी 10 अहम बातें।

विनायक चतुर्थी को ही गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। वैसे तो गणेश चतुर्थी की धूम सबसे

ज्यादा मुंबई शहर में देखी जाती है। लेकिन आज के युग में बहुत सारे शहरों में भी गणेश उत्सव को

बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान गणेश को माता पार्वती,एवं शिव जी के पुत्र के रूप में जाना

जाता है। साथ ही गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। जो घर में प्रवेश करते ही अपने भक्तों के

दुख को हर लेते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को है और एक हफ्ते तक यह तिथि रहेगी।

17 सितंबर को ही अतिथि समाप्त हो जाएगा। इसलिए आप चाहे तो अपने घर में गणेश जी को डेढ़ दिन,

3 दिन,5 दिन या 11 दिन तक रख सकते हैं एवं उनकी पूजा आराधना भी कर सकते हैं. और

अपनी मन्नत भी उनसे मांग सकते हैं। 10 things related to ganesh utsav

कहा जाता है कि बाप्पा गणेश चतुर्थी के दौरान अपने भक्तों की मनोकामना को अवश्य पूरी करते हैं।

आज हम अपने ब्लॉग के माध्यम से आपको गणेश उत्सव से जुड़ी 10 जरूरी बातों को बताएंगे।

जो आपको गणेश चतुर्थी की तिथि के दौरान ध्यान में रखना है।

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1.सफेद फूल बिल्कुल भी ना चढ़ाए-

गणेश उत्सव के दौरान भगवान श्री गणेश को भूल से भी सफेद फूल अर्पित ना करें क्योंकि कहा जाता है कि,

आप जिस भगवान की पूजा कर रहे है। उनके पसंदीदा फूल को ही अर्पित करना चाहिए और भगवान

श्री गणेश को पीला रंग ज्यादा पसंद है। इसलिए उन्हें पीले रंग का ही फूल चढ़ाए।गणेश जी को लाल रंग

का फूल भी बहुत पसंद है आप चाहे तो पूजा में लाल रंग का फूल भी प्रयोग कर सकते हैं।

2. तुलसी का पत्ता बिल्कुल भी भगवान गणेश को अर्पित ना करें

आप में से बहुत लोग गणेश जी को भोग लगाते वक्त तुलसी का पता डाल देते हैं। आपकी जानकारी के

लिए बता दें कि बहुत समय पहले की बात है जब तुलसी ने विवाह के लिए गणेश जी को प्रस्ताव दिया था।

लेकिन गणेश जी ने उन्हें मना कर दिया था। इसलिए तुलसी ने उन्हें अभिशाप दिया था और तब से लेकर

अभी तक तुलसी और गणेश जी की दुश्मन है। इसलिए गणेश जी के भोग में तुलसी पत्ते को शामिल

नहीं किया जाता है।

3. गणेश उत्सव में सूखे फूल के प्रयोग से बचें

यदि आप चाहते हैं कि भगवान श्री गणेश इस विशेष दिन के दौरान,आप को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद दें।

तो उनकी पूजा बिल्कुल भी सूखे हुए फूल से ना करें क्योंकि,सूखे हुए फूल से यदि भगवान श्री गणेश की

पूजा करेंगे तो वह आपसे नाराज हो जाएंगे। घर में दरिद्रता का वास हो सकता है सूखे हुए फूल का प्रयोग

करने से इसलिए ताजे फूलों का व्यवहार कीजिए।

4. पान और लड्डू का भोग अवश्य लगाएं-

भगवान श्री गणेश के आरती में ही पान और लड्डू का उल्लेख किया गया है। इसलिए भगवान श्री गणेश

को प्रसन्न करने के लिए उनके भोग में पान एवं लड्डू को अवश्य शामिल कीजिए।

5.ना करें चंद्रमा का दर्शन-

गणेश चतुर्थी को कलंक चतुर्दशी भी कहा जाता है। गणेश चतुर्दशी के दिन रात में चंद्रमा का दर्शन बिल्कुल

भी करने से मना किया जाता है। इसका कारण यह है कि यही वह चांद है जिसे देखकर भगवान श्रीकृष्ण

पर चोरी का आरोप लगा था। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से झूठे आरोप लगते हैं। बदनामी होती हैं,

और भगवान श्री गणेश भी नाराज होते हैं। इसलिए चंद्रमा के दर्शन से बचें चतुर्थी की रात को छोड़कर

किसी भी दिन चांद को देख सकते हैं।

6.दूर्वा का प्रयोग करें-

भगवान गणेश को पूजा के दौरान दूर्वा अवश्य अर्पित करें उन्हें दूर्वा बहुत पसंद है।

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7.दाई सूड़ वाली मूर्ति स्थापित करें-

जब भी आप घर में भगवान श्री गणेश की मूर्ति पूजा के लिए लाएंगे,तो दाई ओर सूड़ हो,

ऐसी मूर्ति लाइए ऐसी मूर्ती आपको काफी ऐश्वर्य, प्रतिष्ठा आदि प्रदान करेगी।

8. गणेश जी के साथ चूहा हो इस बात का भी ध्यान रखें-

मूषक राजा को गणेश जी के सवारी के रूप में जाना जाता है। इसलिए ऐसे मूर्ति को ही लाइएगा

जिसमें गणेश जी  मूषकराज में विराजमान हो क्योंकि मूषक राज के बिना गणेश जी अधूरे हैं।

9. 21 बार मंत्र जाप अवश्य करें-

भगवान श्री गणेश की मूर्ति स्थापना के बाद आप गणेश मंत्र को भी 21 बार जरूर पढ़े।

ओम गं गणपतये नमः।। यही है मंत्र गणेश जी का।

10. गणेश जी के गिलास और कलश का खास रखें ख्याल-

भगवान श्रीगणेश को जब आप जल अर्पित करेंगे तो दाहिने ओर ही गिलास को रखिएगा।

गणेश जी के कलश में मौली अवश्य बांधिएगा।

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