माँ बाप के सामने यहां बिकती है लड़कियां
हमने आज तक कपड़ों का सेल, बुक का सेल, जूतों का सेल आदि अनेक विषयों में सुना है। यह सेल अक्सर गर्मी या सर्दी में लगता है। सेल में जाने के लिए हर एक के मन में उत्सुकता होती है। सेल के ऑफर जबरदस्त होते हैं। ऑफर दिया ही जाता है। लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए।
कुछ ऐसा ही सेल भारत देश से दूर बूल्गारिया नामक एक देश में लगता है। बूल्गारिया देश में एक जगह है जिसका नाम है स्टारा जागोर। स्टारा जागोर में ऐसा अनोखा सेल लगता है। जिसके बारे में जानकर आप सभी चौंक जाएंगे। जी, हां यहां कपड़े, जूते, कंबल आदि का सेल नहीं बल्कि लड़कियों का सेल लगता है। माँ बाप के सामने यहां लगती है लड़कियों की बोली
क्यों लगता है सेल स्टारा जागोर बूल्गारिया में?
गरीबी व्यक्ति से क्या नहीं करवाता है। गरीबी के कारण एक भाई दूसरे भाई का खून तक कर देता है। वहीं बूल्गारिया में लोग गरीबी के कारण अपनी बेटियों को सरेआम सेल लगा कर बेच देते हैं। ऐसा कर उन्हें किसी भी तरीके की शर्मिंदगी नहीं महसूस होती।
घरवाले की मंजूरी से ही लगती है बोली
जिन लड़कियों की बोली स्टारा जागोर नामक जगह पर लगती है। वह सभी उनके माता-पिता की इच्छा से ही लगती है। यहां तक कि लड़कियों को पता होता है कि उनकी बोली लगने वाली है। इसलिए वह बहुत ही संज-संवरकर आती है।
स्टारा जागोर में लड़कियों को खरीदने दूर दूर से लोग आते हैं
स्टारा जागोर के बाजार में बच्चे से लेकर बूढ़े तक कोई भी लड़कियों को खरीद सकते हैं। मजबूरी के कारण लड़कियां वहां पर बिक जाती हैं। सिर्फ लड़कियों को खरीदने के लिए उस बाजार में बहुत भिड़ होता है।
कुछ लोग इस सेल को शादी का नाम भी देते हैं
वही बूल्गरिया के ही कुछ लोगों का कहना है कि स्टारा जागोर के बाजार में जिन लड़कियों की बोली लगती है। वास्तव में वह बोली नहीं बल्कि उनकी शादी हो जाती है। जो भी आदमी लड़कियों को खरीदते हैं। वह उनसे शादी कर उन्हें अपने घर लेकर जाते हैं। सेल लगाकर ही यहां पर गरीब लड़कियों की शादी की जाती है। माँ बाप के सामने यहां बिकती है लड़कियां
कई युगों से ही बेटी बेचकर बहू बनाने की प्रथा है यह
जो लोग आर्थिक रूप से बहुत ताकतवर है। उन्हें कभी भी किसी चीज की दिक्कत नहीं होती है। ना खाने की, ना पहनने की, ना अपने घर में बच्चों की शादी करवाने की। लेकिन जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर है। वही समाज में हमेशा से ही हर चीज के लिए तरसते हैं। ना ही उन्हें खाने को अच्छा मिलता है। ना ही उन्हें पहनने को अच्छा मिलता है और जब बात उनके घर की बेटियों की शादी की होती है। तब भी वह किसी अच्छे घर में अपनी बेटियों का विवाह पैसों के कारण नहीं करवा पाते हैं।
बहुत पुरानी प्रथा है बोली लगना
युगों पहले ऐसी परिस्थितियों को देखकर बुजुर्गों ने यह नियम बनाया था। जिसके अनुसार गरीब घर की बेटियों को संज-संवरकर बाजार में बेचने के लिए रखा जाने लगा। जिस लड़के को जो लड़की पसंद आती थी। वह उसके परिवार वालों को पैसा देखकर। उससे शादी कर अपनी पत्नी बनाकर अपने घर ले जाता था।