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घर में तस्वीर हो तो जरूर रखें ध्यान, नहीं तो हो जाएगा अपशकुन!

अगर घर में शिव जी की मूर्ति या तस्वीर हो तो जरूर रखें इन बातों का ध्यान, नहीं तो हो जाएगा अपशकुन!

वास्तु के नियमों के अनुसार घर में प्रतीमा, मूर्ति या भगवान के चित्र रखने से सकारात्मकता बढ़ती है। जब बुरा समय चला जाता है तो कई तरह की परेशानियां दूर हो जाती हैं। शिव पुराण में कहा गया है कि इस पूरी सृष्टि की रचना भगवान शिव की इच्छा से ब्रह्मा ने की थी। इसी वजह से ज्यादातर लोग घर में शिव की तस्वीरें या मूर्ति रखते हैं। आइए जानते हैं कि घर में शिव की तस्वीर या मूर्ति रखते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

भगवान शिव को विनाश का देवता कहा जाता है। भगवान शिव राजसी रूप और रौद्र रूप दोनों के लिए जाने जाते हैं। वास्तु के अनुसार घर में देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने से नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती है, लेकिन मूर्तियों को रखने के नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। अगर घर में भगवान की मूर्ति, तस्वीर या मूर्ति को गलत दिशा में या गलत तरीके से रखा जाता है। तो यह जीवन में परेशानी का कारण बन सकता है।

भगवान शिव की सपरिवार वाली तस्वीर घर में रखें

याद रखें कि जिस तस्वीर में भगवान शिव, माता पार्वती, पुत्र गणेश और कार्तिक रहते हैं अपने पूरे परिवार के साथ। घर में ऐसी तस्वीरें लगाना शुभ होता है। इस वजह से घर में झगड़ा भी नहीं होता है। घर के बच्चे भी खुश रहते है।

रौद्र रूप वाली तस्वीर से बचें

कैलाश पर्वत के उत्तर दिशा में भगवान शिव का वास है। इस कारण शिव जी की मूर्ति या चित्र को उत्तर दिशा में रखना बेहतर होता है। भोले बाबा का रौद्र रूप वाला तस्वीर कभी भी गशघर में ना रखें। ऐसे तस्वीर घर में विपत्ति लाते हैं।

उत्तर दिशा में भगवान शिव की तस्वीर जरूर लगाएं

घर की उत्तर दिशा में शिव जी की तस्वीर या मूर्ति ऐसी जगह रखनी चाहिए। जहां से घर में आने-जाने के रास्ते में हर कोई महादेव के दर्शन कर सकें। ऐसे में लोगों से आपके संबंध हमेशा अच्छे रहते हैं।

हंसमुख चेहरा वाला तस्वीर लगाएं

शिव जी जिस तस्वीर में हंस रहे हैं। ऐसी तस्वीर को लगाना अच्छा माना जाता है। ऐसी तस्वीर लगाने से घर के बच्चों का ध्यान पढ़ाई के प्रति बढ़ता है।

इन सबके अतिरिक्त भगवान शिव की सही पूजा करने से ना केवल सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बल्कि मनचाहा जीवनसाथी और नौकरी भी मिल सकती है। स्नान करने के बाद भगवान शिव को दूध और शहद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से रोजी-रोटी, नौकरी या व्यवसाय से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।

उसके बाद भक्तों को भस्म और जल से शिव लिंग का अभिषेक करना चाहिए। शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद चंदन का भोग लगाना चाहिए। चंदन का स्वभाव ठंडा होता है और ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन शांतिपूर्ण और खुशियों से भर जाता है। इस मंत्र का जाप करते रहना चाहिए, ओम महा शिवाय सोमाय नम:।

ऐसा करने के बाद भक्तों को भगवान शिव को फूल और फल चढ़ाने चाहिए और शिव की आरती भी करनी चाहिए। प्रार्थना शुद्ध मन और विश्वास के साथ की जानी चाहिए। बाद में, भक्तों को चरणामृत को स्वीकार करना चाहिए, जो पुजारी द्वारा प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।

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