आपके साथ भी बुरा हो रहा है? शनि साढ़ेसाती के लक्षण और उपाय पढ़ लीजिए ताकि जिंदगी खुशहाल बने
24 जनवरी 2019 साल से शनि की साढ़ेसाती मकर राशि पर विद्यमान है। कहां जाता है शनि ग्रह
की राशि मकर राशि ही है। वर्तमान समय में भी शनि की साढ़ेसाती मकर राशि पर ही है और यह
साढ़ेसाती की दशा 2025 वर्ष तक चलेगी। आज हम शनि की साढ़ेसाती के विषय में जानेंगे।
शनि साढ़ेसाती होती क्या है?
साढ़ेसाती का अर्थ होता है सात साल। जब शनि ग्रह मंद गति से चलता हैं। तो उस चलने की दशा
को ज्योतिषी भाषा में शनि साढ़ेसाती कहा जाता है। शनि ग्रह पूरे सारे 7 साल तक मंद गति से चलता है।
शनि ग्रह के मंद गति से चलने के कारण उसके आगे एवं पीछे के ग्रह काफी प्रभावित होते हैं।
साढ़ेसाती के दौरान क्या कार्य करना चाहिए?
शनिदेव की साढ़ेसाती के दौरान जिस ग्रह पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। उन सभी ग्रहों के जातकों
को प्रत्येक शनिवार हनुमान जी के मंदिर में जाकर हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए एवं
हनुमान जी को लड्डू का भोग भी चढ़ाना चाहिए। हर दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप 5 बार करना चाहिए।
काले कुत्ते को शनिवार के दिन रोटी खिलाना चाहिए। उड़द डाल की खिचड़ी बनाकर उसका भोग लगाकर
खाना शनिवार के दिन अच्छा होता है।
यदि भोग लगा हुआ खिचड़ी बच जाता है तो उसे फेंके नहीं बल्कि उसे कुत्ते को या फिर कौओं को खिला दिजिए।
शनि साढ़ेसाती के दौरान कभी भी किसी कुत्ते को मारना नहीं चाहिए वरना उससे शनि भगवान नाराज हो जाते हैं।
काले वस्त्रों का दान शनिवार के दिन करना चाहिए।
ये उपाय साढ़ेसाती की तीव्रता कम करेंगे
शनि भगवान को खुश करने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के पास घी वाला दीपक जलाना चाहिए।
काले रंग की चिटियों को गुड़ या आटा खिलाएं। शनिवार के दिन तिल का दान करना शनि साढ़ेसाती के समय
अच्छा माना जाता है। शनिवार के दिन भूल से भी लोहे का सामान ना खरीदें इससे शनि भगवान आप से
नाराज हो सकते हैं। शनिवार के दिन आप तिल खरीद नहीं सकते हैं लेकिन आप तिल का दान कर सकते हैं।
शनिवार के दिन लोहे का सामान, लकड़ी का सामान, कोयला,नमक इत्यादि वस्तु को नहीं खरीदना चाहिए।
अन्यथा शनि साढ़ेसाती की दशा शुरू हो सकती है।
शनि साढ़ेसाती के लक्षण
जब किसी व्यक्ति का शनि साढ़ेसाती आरंभ होता है तो व्यक्ति मानसिक तौर पर बुरी तरीके से परेशान हो जाता है।
व्यक्ति को धन की हानि होती है। उसे अपने लोगों से धोखा मिलता है। व्यक्ति स्वभाव से बहुत चिड़चिड़ा हो जाता है।
व्यक्ति मांस एवं मदीना का पान करने लगता है। घर में दरार आने शुरू हो जाते हैं। मन में कटु भावना उत्पन्न होने लगता है।
साढ़ेसाती से बचने के उपाय
- भगवान शिव एवं हनुमान की उपासना करने से व्यक्ति शनि साढ़ेसाती के प्रभाव से थोड़ा आराम पाता है।
- प्रातः काल स्नान कर भगवान शिव को जल देने से साढ़ेसाती की दशा कम होती है।
- पीपल के पेड़ को अर्घ्य देने से भी शनि महाराज प्रसन्न होते हैं और
- शनि महाराज के प्रसन्न होने पर साढ़ेसाती की दशा भी कम होती हैं।
- शनि स्तोत्र का पाठ साढ़ेसाती के दौरान रोज करना चाहिए।
- व्यक्ति को अपने हाथ में लोहे का छल्ला बनाकर पहनना चाहिए।
- घोड़े के नाल की अंगूठी बनाकर पहनने से भी साढ़ेसाती की दशा का प्रभाव कम होता है।
- यदि नाव के कील का छल्ला बनाएंगे तो वह भी साढ़ेसाती की दशा से आपको बचा सकता है।
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