इतिहासधार्मिकलाईफ स्टाइलव्रत कथासंबंधसलाह / मार्गदर्शन

बहक गई, गलतियाँ कर बैठी। पापमुक्ति चाहती हु।भौमवती अमावस्या व्रत कैसे करू ?

मै कांचन नाम की शादीशुदा महिला हु। मेरे पति मॉल में नौकरी करते है। भौमवती अमावस्या व्रत से अनभिज्ञ हु।

एक बेटा और एक बेटी है। घरबैठे कपड़े सिलाई का काम भी मै करती हु। आमदनी न ज्यादा है

ना ही कम। मुझसे अनजाने में कहे, या धनलोभ के चक्कर में कुछ गलतियाँ हो गई थी। उसका पछतावा

मुझे हमेशा से रहा है। किसी को बता भी नहीं सकती, और सहन भी नहीं कर सकती ऐसी कुछ मेरी

स्थिति हो गई है। मैंने कही पढ़ा है, की भौमवती अमावस्या के दिन प्रायश्चित्त लेने से सारे पाप धूल जाते

है। तो प्लीज मुझे भौमवती अमावस्या के बारे में बताइये। कब मुझे व्रत करना चाहिये ?

शायद आपके सलाह की इनको जरूरत है मुझसे प्यार नहीं करते। पति बेइज्जत करते है। क्या मुझे छोड़ने का इरादा होगा ? – (myjivansathi.com)

हमारी सलाह : भौमवती अमावस्या व्रत

जब आकाश में चंद्रमा की रोशनी पूरी तरह से बिखरी होती है, उस रात को पूर्णिमा कहते है और जिस

दिन आकाश में कोई चांद नहीं दिखाई देता है, उस रात को अमावस्या कहते है। हर महीने में एक बार

अमावस्या, दो बार एकादशी और एक बार पूर्णिमा आता है।

आज हम सितंबर महीने में आने वाली अमावस्या के बारे में बताएंगे। अमावस्या के विषय में कहा जाता

है कि जिस दिन सूर्य और चंद्रमा का मिलन होता है उस दिन को ही शास्त्र के अनुसार अमावस्या कहा जाता है।

इस बार वर्ष 2021 के सितंबर महीने के 07 तारीख को अमावस्या है।07 सितंबर का दिन मंगलवार है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि मंगलवार के दिन यदि अमावस्या आता है तो उस अमावस्या

को भौमवती अमावस्या कहते है।

भौमवती अमावस्या के रहस्य

आइए जानते हैं भौमवती अमावस्या के महत्व के बारे में-
भौमवती अमावस्या का हिंदू शास्त्रों में बहुत अधिक महत्व है। भौमवती अमावस्या के दिन हर हिंदू घर के लोग प्रात: काल उठकर स्नान कर लेते हैं। बहुत लोग गंगा में जाकर भी स्नान करते हैं।
हिंदू शास्त्र में कहा जाता है कि अमावस्या के दिन गंगा में जाकर स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है एवं पाप धुल जाता है। साथ ही व्यक्ति के मन का दुख भी समाप्त हो जाता है गंगा में अमावस्या के दिन डुबकी लगाने से।
7 सितंबर 2021 को जो अमावस्या आने वाली है उस अमावस्या का नाम ही भौमवती अमावस्या है।तिथि का समय: 06 सितंबर, 7:38 पूर्वाह्न – 07 सितंबर, 6:21 पूर्वाह्न है।
अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ने के कारण उस दिन मंगल देव की पूजा की जाएगी।
भौमवती अमावस्या के दिन ‘मंगल रीना हरता स्तोत्र’ का पाठ करने के साथ यदि घर में ‘नवग्रह शांति हवन’ करवाऐंगे तो अच्छा फल मिलता है।
लोगों को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलेगी।

भौमवती अमावस्या व्रत और तर्पण

  • हिंदू धर्म में श्राद्ध कर्म और तर्पण करना एक बहुत ही शुभ कार्य माना जाता है।
  • हिंदू लोग अपने पितरों की दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने के लिए ब्राह्मणों को घर पर बुलाकर,
  • या किसी मंदिर पर जाकर भोजन कराते हैं। 
  • भौमवती अमावस्या पर दान करने से भी पितरों कोप्रसन्नता होती है,
  • और वे खुश होकर अपने वंश पर आशीर्वाद बरसाते हैं।
  • कुछ लोग व्रत भी रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन उपवास करने से,
  • व्यक्ति को सभी पितृ दोष से मुक्ति मिल जाती है।

इस चमत्कारी अमावस्या का फल

  • भौमवती अमावस्या के दिन दान दक्षिणा करना बहुत फलदायी साबित होता है,
  • और यह दान मुक्ति या ‘मोक्ष’ की प्राप्ति में भी मदद करता है। 
  • इस अमावस्या पर दान करने वाले व्यक्ति को भगवान मंगल की कृपा से आनंदमय जीवन जीने का आशीर्वाद मिलता है। 
  • यह दिन उन लोगों के लिए भी, विशेष रूप से खास होता है, जो मंगल दोष से पीड़ित हैं।
  • मंगल गृह का प्रभाव हानिकारक, दर्दनाक, खूनी होता है। उससे मुक्ति मिल जाएगी।
  • जब भौमवती अमावस्या ‘अधिक’ मास के दौरान आता है, तो यह और भी शुभ माना जाता है।
  • भौमवती अमावस्या एक वर्ष में शायद ही कभी एक बार आता है,
  • इसलिए इस दिन का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।

Next ad

Related Articles

Back to top button