शादी के बाद प्यार कैसे बचाएं?
मेरी उम्र 25 है। मेरा love marriage हुआ है। पति पहले जैसे प्यार नहीं करता। शादी के बाद प्यार कैसे बचाएं? How to Save Love After Marriage: Tips and Advice मेरे पति और मैंने जो प्यार के हसीं सपने संजोए थे, शादी के बाद वो कहीं खो से गए हैं। मुझे समझ नहीं आता, हमारे बीच का प्यार पहले जैसा क्यों नहीं रहा? मैंने सोचा था कि हम हर मुश्किल को मिलकर सुलझाएंगे, पर अब हमारे संवाद में ही कमी आने लगी है। मुझे प्यार की वही गर्माहट, समर्पण, समझ, सुकृति, समय की ज़रुरत है, जो पहले हुआ करती थी। मगर शादी से पहले का मेरा प्रेमी और शादी के बाद का वही पति दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। आखिर मै करू तो क्या करू?
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शादी से पहले का बॉयफ्रेंड जब पति बन जाता है, तो अक्सर लोगों का मानना है कि प्यार कम हो जाता है। लेकिन क्या यह सच है? चलिए, हंसी-मजाक में समझते हैं कि ऐसा क्यों होता है।
पहले, जब वह बॉयफ्रेंड होता है, तो ‘प्रोजेक्ट प्यार’ पर पूरी मेहनत से काम करता है। डेट्स पर जाना, सरप्राइज देना, मिलने के लिए बहाने ढूंढना – सब कुछ ‘A+’ परफॉरमेंस के साथ।
लेकिन शादी के बाद? ‘प्रोजेक्ट प्यार’ से ‘प्रोजेक्ट संसार’ पर स्विच हो जाता है! अब प्यार की मीटिंग्स में ‘किराने की लिस्ट’ और ‘बिजली के बिल’ की चर्चा होती है।
कहते हैं, प्यार में ‘क्वालिटी’ महत्वपूर्ण होती है, ‘क्वांटिटी’ नहीं। पर क्या हो, जब ‘क्वालिटी’ के समय में ‘सोने की क्वांटिटी’ बढ़ने लगे? 😴
हमेशा याद रहे, पति-पत्नी में प्यार कम नहीं होता, सिर्फ ‘प्रकट’ होने का ‘स्टाइल’ बदल जाता है। पहले ‘रोम-रोम’ में प्यार होता है, शादी के बाद ‘रुम-रुम’ (कमरे-कमरे) में! 😅
शादी के बाद पति और पत्नी के रिश्ते में अक्सर बदलाव आ जाते हैं। जहां पहले प्यार की बहार होती थी, वहीं अब कई बार संवाद में कमी आने लगती है। परंतु, यह समझना महत्वपूर्ण है कि शादी से पहले और बाद में प्यार का इज़हार करने के तरीके में परिवर्तन स्वाभाविक है।
पति का प्यार पहले जैसा क्यों नहीं होता?
शादी से पहले, संबंधों में नवीनता होती है, और समय कम होने के कारण, प्रेमिका को प्रेमी से मिलने का हर पल ख़ास होता है। परंतु, शादी के बाद, समय की प्रचुरता होने से, प्रेम का प्रकटीकरण कम हो सकता है।
पति-पत्नी में प्यार कैसे बढ़ाएं?
- संवाद: संवाद हमेशा महत्वपूर्ण होता है। अपने मन की बातें, अपेक्षाएं, और समस्याएं स्पष्टता से साझा करें।
- समय: समय निकालकर साथ में कुछ ख़ास पलों को संजोना महत्वपूर्ण है।
- समझ: परिस्थितियों को समझना और सहनुभूति रखना ज़रुरी है।
- समर्पण: प्रेम में समर्पित होना, समस्याओं को मिलकर हल करना ज़रुरी है।
- सुकृति: प्रेम में सुकृति (good deeds) ज़रुरी होती है, छोटी-छोटी ख़ुशियों का महत्व समझें।
प्रेम में प्रक्रिया ज़रुरी होती है, प्रक्रिया में समस्याएं ज़रुरी होती हैं, प्रक्रिया में समस्याओं का समाधान ज़रुरी होता है। इसलिए, प्यार को वापस लाने के लिए, इन points पर ध्यान देना ज़रुरी है।