2022 मकर संक्रांति के दिन क्या करना चाहिये?
मकर संक्रांति विशेष
हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति का त्योहार पौष महिने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। हिंदू धर्म में यह त्योहार बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा, यह वही दिन है जब भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते है। इसलिए इस दिन का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है।
मकर संक्रांति | मुहूर्त |
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तिथि | 14 जनवरी, 2022 |
पुण्य काल | 14:12:26 से 17:45:10 तक |
अवधि | 3 घंटे 32 मिनट |
महापुण्य काल मुहूर्त | 14:12:26 से 14:36:26 तक |
अवधि | 0 घंटे 24 मिनट |
संक्रांति पल | 14:12:26 |
Table of contents
मकर संक्रांति के बारे में मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन अपनी आर्थिक क्षमता के अनुसार दान करता हैं। उसे उसका फल मिलता है। साथ ही, उन्हें अपने जीवन की सभी इच्छाओं की पूर्ति के साथ भगवान सूर्य का आशीर्वाद भी मिलता है।
मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को खरमास की अवधि समाप्त हो जाती है। इसके बाद ही विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य होने लगते हैं।
विशेष टिप्स जो मकर संक्रांति के दिन करना चाहिए
मकर संक्रांति का दिन हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान करने से जीवन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
साथ ही सुख, शांति और आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति के लिए भी यह लाभदायक है। तो आइए जानते हैं उन आसान और अचूक उपायों के बारे में जिनके जरिए आप अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं।
तिल डालकर मकर संक्रांति पर स्नान करना शुभ होता है
मकर संक्रांति के दिन स्नान करने से पहले तिल को जल में डाल दें। तिल के पानी से स्नान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही ऐसा करने से व्यक्ति को रोगों से मुक्ति भी मिलती है।
बीमार व्यक्ति तिल का लेप अवश्य लगाएं
यदि कोई व्यक्ति बीमार है। तो उनको मकर संक्रांति के दिन तिल का लेप लगाना चाहिए। इसके बाद व्यक्ति को अच्छे से स्नान करना चाहिए। इससे अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद मिलती है।
तिल वाला जल ही भगवान सूर्य को अर्पित करें
मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद जल में कुछ तिल डालकर भगवान सूर्य को अर्पित करना चाहिए। यह व्यक्ति को नए विचार प्रदान करते है। उन्हें सफलता भी मिलते हैं।
मकर संक्रांति पर चावल की खीर खाएं
इस दिन भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए चावल को गुड़ और दूध में मिलाकर उसकी खीर बनाकर खाना चाहिए। इसके अलावा, भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए कच्चे चावल और गुड़ को भी बहते पानी की धारा में डाल सकते हैं।
तांबे के सिक्के का मकर संक्रांति में विशेष महत्व है
कुंडली में भगवान सूर्य के दोष को कम करने के लिए तांबे का सिक्का या तांबे के चौकोर सिक्के का एक टुकड़ा पानी की धारा में अवश्य बहाएं।
सूर्य मंत्र का जाप करें
सूर्य यंत्र को घर में रखें और कुंडली में यदि सूर्य की स्थिति कमज़ोर हो तो 501 बार सूर्य मंत्र का जाप करें।
गलतियों को सुधारने के लिए मकर संक्रांति पर दान पुण्य करें
ऐसा माना जाता है कि कंबल, गर्म कपड़े, घी, तिल आदि का दान करने से। अंजाने से की गई गलतियों से छुटकारा मिलता है। साथ ही शांति और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मकर संक्रांति से पहले सूर्य दक्षिणी गोलार्ध में होता है। इसी कारण भारत में ठंड के दिन में रातें लंबी और दिन छोटे होते हैं। लेकिन मकर संक्रांति के साथ, सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर अपनी यात्रा शुरू करता है। इसलिए, फिर दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती है।