RELIGION AND SPIRITUALITYधार्मिकरिश्तेसंबंधसमाजसंस्कृति और परंपराएं

गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं? क्या है इसका महत्व? 

गुरुपौर्णिमा एक प्रमुख भारतीय पर्व है जो गुरु-शिष्य परंपरा को समर्पित है। यह पर्व आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और इसे विशेष रूप से महान गुरु वेद व्यास की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन गुरु की पूजा और सम्मान किया जाता है, क्योंकि एक अच्छे गुरु का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व होता है। गुरु पूर्णिमा क्यों मनाते हैं? क्या है इसका महत्व? 

गुरु का अर्थ है ‘अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला’। एक गुरु न केवल शिक्षा प्रदान करता है, बल्कि जीवन के हर पहलू में मार्गदर्शन भी करता है। गुरु हमें सही और गलत का भेद सिखाते हैं, हमें नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक करते हैं और हमारे व्यक्तित्व को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके ज्ञान और अनुभव से हम अपने जीवन में सही दिशा प्राप्त कर सकते हैं।

गुरुपौर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह पर्व न केवल शैक्षिक संस्थानों में बल्कि हर उस स्थान पर मनाया जाता है जहां शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया होती है। इस दिन शिष्य अपने गुरु को विशेष उपहार और संदेश भेजते हैं, जिससे उनका सम्मान व्यक्त किया जा सके।

गुरुपौर्णिमा का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह पर्व हमें हमारे गुरु की शिक्षाओं को याद रखने और उन्हें अपने जीवन में लागू करने का अवसर देता है। यह दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि शिक्षा का महत्व कितना अधिक है और कैसे एक गुरु हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं।

इस प्रकार, गुरुपौर्णिमा न केवल एक पर्व है बल्कि एक ऐसा दिन है जो हमें गुरु के महत्व को समझने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।

गुरुपौर्णिमा की परंपराएं और रीति-रिवाज

गुरुपौर्णिमा, जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पर्व है, गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन विशेष पूजा विधि और अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। सबसे पहले, गुरु की प्रतिमा या चित्र को एक पवित्र स्थान पर स्थापित किया जाता है। इसके बाद, शिष्य अपने गुरुओं के चरणों में फूल, फल, मिठाइयाँ, और वस्त्र अर्पित करते हैं। यह गुरु को सम्मान देने और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक तरीका होता है।

गुरुपौर्णिमा के दिन गुरु को भेंट देने की परंपरा भी प्राचीन काल से चली आ रही है। शिष्य अपने सामर्थ्य के अनुसार, अपने गुरु को वस्त्र, धन, पुस्तकें, या कोई अन्य उपयोगी वस्त्र भेंट करते हैं। यह भेंट गुरु के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक होती है और इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

इसके अलावा, गुरुपौर्णिमा के दौरान विशेष हवन और यज्ञ का आयोजन भी किया जाता है। इन अनुष्ठानों का उद्देश्य गुरु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। शिष्य अपने गुरु के मार्गदर्शन में इन अनुष्ठानों को सम्पन्न करते हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

गुरुपौर्णिमा पर कई स्थानों पर सत्संग और प्रवचन का आयोजन भी किया जाता है। इन कार्यक्रमों में शिष्य और अनुयायी मिलकर गुरु के उपदेशों का अनुसरण करते हैं और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेते हैं। इस प्रकार, गुरुपौर्णिमा की परंपराएं और रीति-रिवाज गुरु-शिष्य के संबंध को और भी मजबूत बनाते हैं और हमें हमारे आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।

गुरुपौर्णिमा संदेश: क्यों और कैसे भेजें

गुरुपौर्णिमा एक महत्वपूर्ण पर्व है जो हमारे जीवन में शिक्षकों और गुरुओं की अहमियत को दर्शाता है। इस दिन, हम अपने गुरु को श्रद्धांजलि देने और उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद देने के लिए संदेश भेजते हैं। गुरुपौर्णिमा संदेश भेजने से हम अपने गुरुओं के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त कर सकते हैं। यह संदेश न केवल हमारे संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि हमें उनके द्वारा सिखाए गए मूल्यों को याद करने का भी अवसर प्रदान करता है।

गुरुपौर्णिमा संदेश भेजने के कई तरीके हो सकते हैं। आधुनिक युग में, सोशल मीडिया एक प्रभावी माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने गुरुओं को संदेश भेज सकते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसे प्लेटफार्म पर आप सुंदर और प्रेरणादायक संदेश साझा कर सकते हैं। इसके अलावा, व्हाट्सएप और अन्य संदेश ऐप के माध्यम से भी आप व्यक्तिगत रूप से संदेश भेज सकते हैं। इस प्रकार के संदेश त्वरित और प्रभावी होते हैं, और आपके गुरु को सीधे प्राप्त होते हैं।

अगर आप अपने गुरु को व्यक्तिगत रूप से मिल सकते हैं, तो मौखिक संदेश सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है। इस प्रकार के संदेश में आपकी भावनाएँ और सम्मान स्पष्ट रूप से व्यक्त हो सकते हैं। आप एक सुंदर कार्ड या हस्तलिखित पत्र भी दे सकते हैं, जो आपके गुरु के प्रति आपकी श्रद्धा को दर्शाता है।

इस प्रकार, गुरुपौर्णिमा के अवसर पर संदेश भेजने के विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके, हम अपने गुरुओं के प्रति अपनी कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त कर सकते हैं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन में गुरु का स्थान कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति सदैव आभारी रहना चाहिए।

संदेश लेखन के टिप्स

गुरुपौर्णिमा पर अपने गुरुओं को संदेश भेजना एक महत्वपूर्ण और पवित्र अवसर होता है। संदेश को प्रभावी और अर्थपूर्ण बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स पर ध्यान देना आवश्यक है। सबसे पहले, संदेश में सम्मान और आभार की भावना को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें। गुरु के प्रति कृतज्ञता और उनके योगदान के लिए धन्यवाद देना संदेश की प्रमुख विशेषता होनी चाहिए।

दूसरे, संदेश को व्यक्तिगत और भावनात्मक बनाना महत्वपूर्ण है। उदाहरण देकर या गुरु के साथ बिताए हुए खास पलों को याद करके संदेश को व्यक्तिगत बनाएं। यह आपके और आपके गुरु के बीच के संबंध को और भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा, संदेश को सरल और स्पष्ट भाषा में लिखें ताकि वह आसानी से समझ में आ सके।

तीसरे, प्रेरणादायक उद्धरणों का उपयोग भी संदेश को प्रभावी बना सकता है। महान गुरुओं और शिक्षकों के उद्धरणों को शामिल करने से संदेश और भी प्रेरणादायक और अर्थपूर्ण बन सकता है। उद्धरणों के माध्यम से गुरु के महत्व और उनकी शिक्षा की महत्ता को दर्शाया जा सकता है।

अंत में, संदेश को संक्षिप्त और सटीक रखें। लंबे संदेश की बजाय छोटे और प्रभावी संदेश अधिक प्रभावशाली होते हैं। मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में व्यक्त करें और अनावश्यक विवरणों से बचें। इस तरह का संदेश गुरु को पढ़ने में भी सरल और सुखद लगता है।

इन टिप्स का पालन करके आप गुरुपौर्णिमा पर एक ऐसा संदेश लिख सकते हैं जो आपके गुरु के प्रति आपके सम्मान और आभार को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता हो। याद रखें, संदेश में आपकी सच्ची भावना और कृतज्ञता झलकनी चाहिए, क्योंकि यही संदेश को प्रभावी और यादगार बनाता है।

पारंपरिक गुरुपौर्णिमा संदेश

गुरुपौर्णिमा का पर्व भारतीय संस्कृति में एक विशेष स्थान रखता है। यह दिन गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक है, जहां शिष्य अपने गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। इस अवसर पर पारंपरिक संदेश भेजना एक सम्मान की बात है। यहां कुछ गुरुपौर्णिमा के पारंपरिक संदेश दिए गए हैं जिनके माध्यम से आप अपने गुरु को आदर पूर्वक शुभकामनाएं भेज सकते हैं:

1. श्लोक: “गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा। गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवेनमः॥” – इस श्लोक के माध्यम से हम गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर के रूप में मान्यता देते हैं और उनका सम्मान करते हैं।

2. संस्कृत मंत्र: “अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम्। तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरवे नमः॥” – यह मंत्र गुरु की महिमा का वर्णन करता है, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त हैं और जिनके दर्शन मात्र से हमें सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है।

3. पारंपरिक बधाई संदेश: “गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएँ! जीवन की कठिन राहों में आपका मार्गदर्शन हमें हमेशा सही दिशा दिखाता है। आप हमारे जीवन में ज्ञान का दीप जलाते रहें।”

गुरुपौर्णिमा पर इन पारंपरिक संदेशों के माध्यम से आप अपने गुरु को अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट कर सकते हैं। यह न सिर्फ हमारे गुरु-शिष्य संबंध को मजबूत करता है, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपराओं को भी जीवंत रखता है। इन संदेशों का प्रयोग कर आप इस पर्व को और भी विशेष बना सकते हैं।

विशेष अवसरों के लिए गुरुपौर्णिमा संदेश

गुरुपौर्णिमा का पर्व गुरु-शिष्य परंपरा के सम्मान और गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। विशेष अवसरों जैसे गुरु के जन्मदिन, सेवानिवृत्ति या किसी विशेष उपलब्धि के समय, गुरुपौर्णिमा संदेशों का विशेष महत्व होता है। इन संदेशों के माध्यम से हम अपने गुरुओं को उनके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद कह सकते हैं।

गुरु के जन्मदिन पर भेजे जाने वाले संदेशों में उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उनके द्वारा दिए गए शिक्षा की विशेषताओं का उल्लेख करना चाहिए। उदाहरण के लिए, “प्रिय गुरुजी, आपके जन्मदिन पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं। आपने हमें सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है और आपके उपदेश हमारे जीवन को रोशन करते हैं।”

सेवानिवृत्ति के अवसर पर, संदेशों में उनके द्वारा किए गए योगदानों और उनके प्रभाव को व्यक्त करना चाहिए। “आदरणीय गुरुजी, आपकी सेवानिवृत्ति के इस शुभ अवसर पर हम आपके अनमोल योगदान को याद करते हैं। आपकी शिक्षा और मार्गदर्शन ने हमें हमेशा सही दिशा दिखाई है।”

किसी विशेष उपलब्धि के समय, संदेशों में उस उपलब्धि की प्रशंसा और गुरु के प्रयासों की सराहना करनी चाहिए। “गुरुजी, आपकी इस विशेष उपलब्धि पर हमें गर्व है। आपके कठिन परिश्रम और समर्पण के बिना यह संभव नहीं हो पाता। आप हमें हमेशा प्रेरित करते हैं।”

इन संदेशों का उद्देश्य केवल शुभकामनाएं देना नहीं है, बल्कि गुरु और शिष्य के बीच के उस अनमोल संबंध को और मजबूत करना है। गुरुपौर्णिमा संदेशों के माध्यम से हम अपने गुरुओं को यह महसूस करा सकते हैं कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा और मार्गदर्शन हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है।

गुरुपौर्णिमा के अवसर पर अपने गुरुओं को संदेश भेजने की प्रथा सदियों पुरानी है, लेकिन डिजिटल युग में यह परंपरा और भी आसान और व्यापक हो गई है। आजकल, ईमेल, सोशल मीडिया और टेक्स्ट मैसेज के माध्यम से अपने गुरुओं को आदर और सम्मान प्रकट किया जा सकता है। यहां कुछ आधुनिक गुरुपौर्णिमा संदेशों के उदाहरण दिए गए हैं जो आप विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर भेज सकते हैं।

गुरुपौर्णिमा संदेशों का संग्रह

गुरुपौर्णिमा के अवसर पर हमारे गुरुओं को संदेश भेजना एक सम्मानजनक परंपरा है। इस पर्व पर हम अपने शिक्षकों और मार्गदर्शकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। यहां पर विभिन्न प्रकार के गुरुपौर्णिमा संदेशों का संग्रह प्रस्तुत किया गया है, जो आपके दिल की भावना को शब्दों में व्यक्त करने में मदद करेंगे। इन संदेशों में छोटे संदेश, लंबे संदेश, प्रेरणादायक संदेश, और कविताएं शामिल हैं।

छोटे संदेश:

1. “आपके ज्ञान और मार्गदर्शन के लिए आपका धन्यवाद। गुरुपौर्णिमा की शुभकामनाएं।”

2. “गुरु की शिक्षा जीवन का प्रकाश है। गुरुपौर्णिमा की बधाई!”

लंबे संदेश:

1. “गुरु वह दीपक हैं जो हमें अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाते हैं। आपकी कृपा और शिक्षा के लिए मैं हमेशा आभारी रहूंगा। गुरुपौर्णिमा के इस पावन अवसर पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं।”

2. “गुरु का आशीर्वाद सदा हमारे साथ होता है, चाहे हम कहीं भी हों। आपकी शिक्षा ने मेरे जीवन को नई दिशा दी है। गुरुपौर्णिमा के इस विशेष दिन पर आपके प्रति मेरे दिल से धन्यवाद।”

प्रेरणादायक संदेश:

1. “आपके दिखाए रास्ते पर चलकर ही मैंने जीवन के कई कठिनाईयों को पार किया है। आपकी शिक्षा ने मुझे सशक्त बनाया है। गुरुपौर्णिमा की मंगलकामनाएं।”

2. “गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है। आपके ज्ञान और मार्गदर्शन के बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच पाता। गुरुपौर्णिमा पर आपको हार्दिक धन्यवाद।”

गुरुओं को भेजने के लिए नए संदेश

  • गुरुदेव को गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए सदैव आभारी रहूँगा।
  • आपके चरणों में शीश झुकाकर, गुरुपौर्णिमा की शुभकामनाएं। आपके ज्ञान और आशीर्वाद से मेरा जीवन सदैव प्रकाशित रहे।
  • गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर, मेरे गुरुदेव को नमन। आपने मुझे जो कुछ भी सिखाया है, उसके लिए मैं सदैव ऋणी रहूँगा।
  • गुरु बिना ज्ञान अधूरा, गुरु के चरणों में शीश झुकाकर, गुरुपौर्णिमा की हार्दिक बधाई।
  • आपकी शिक्षा और मार्गदर्शन मेरे जीवन की अमूल्य धरोहर है। गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुदेव, आपके ज्ञान की ज्योति से मेरे जीवन का मार्ग सदैव प्रकाशित रहे। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक बधाई और नमन।
  • आपके चरणों में शीश झुकाकर, गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। आपने मेरे जीवन में जो बदलाव लाए हैं, उसके लिए मैं सदैव आपके ऋणी रहूँगा।
  • गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर, मैं अपने गुरुदेव का आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मुझे जीवन जीने की कला सिखाई।
  • गुरु रत्न की जय, गुरु रत्न की जय। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक बधाई।
  • आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए धन्यवाद, मेरे गुरुदेव। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुदेव, आपके ज्ञान का भंडार अनंत है, और आपकी शिक्षाएं अमूल्य हैं। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक बधाई और नमन।
  • आपके चरणों में शीश झुकाकर, गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं। आपने मुझे जो सिखाया है, वो जीवन का सबसे बड़ा उपहार है।
  • गुरु पूर्णिमा के इस पावन अवसर पर, मैं अपने गुरुदेव को नमन करता हूँ, जिन्होंने मुझे हँसते हुए जीना सिखाया।
  • गुरु रत्न की जय, गुरु रत्न की जय। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक बधाई और ढेर सारा प्यार।
  • आपके मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए धन्यवाद, मेरे प्यारे गुरुजी। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।

दोस्त रिश्तेदारों को भेजने के लिए गुरुपौर्णिमा के नए संदेश

  • गुरुपौर्णिमा के पावन पर्व पर, सभी गुरुजनों को नमन और शुभकामनाएं।
  • आइए इस गुरुपौर्णिमा पर, हम अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें और उनके ज्ञान एवं मार्गदर्शन का अनुसरण करें।
  • गुरु ज्ञान के प्रकाश हैं, जो अंधकार को दूर करते हैं। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरु ही वो शख्स होते हैं, जो हमें सही रास्ता दिखाते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त करने में हमारी मदद करते हैं। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का यह पावन अवसर है। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुओं को समर्पित यह पावन पर्व, हमें उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • आइए इस गुरुपौर्णिमा पर, हम अपने गुरुओं के ज्ञान और अनुभवों से सीखें और अपने जीवन को सार्थक बनायें।
  • गुरु ही वो शक्ति हैं, जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का यह पावन अवसर है। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुपौर्णिमा का यह पावन पर्व, हमें सिखाता है कि जीवन में शिक्षा और ज्ञान का कितना महत्व है।
  • गुरुओं को समर्पित यह पावन पर्व, हमें उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का बहाना देता है। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारी मिठाइयाँ।
  • आइए इस गुरुपौर्णिमा पर, हम अपने गुरुओं के ज्ञान और अनुभवों से सीखें और अपने जीवन को मजेदार बनायें।
  • गुरु ही वो हीरो हैं, जो हमें जीवन के युद्ध में जीतना सिखाते हैं। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।
  • गुरुओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का यह पावन अवसर है। गुरुपौर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं और ढेर सारा प्यार।
  • गुरुपौर्णिमा का यह पर्व, हमें सिखाता है कि जीवन में शिक्षा और ज्ञान का कितना मजा है।

चार लाइने

1. “गुरु का होता है अद्भुत ज्ञान,
उनकी शिक्षा से सजे हमारे प्राण।
गुरुपौर्णिमा पर करते हैं नमन,
उनके आशीर्वाद से हो जीवन धन।”

2. “ज्ञान का दीप जलाएं,
गुरु के चरणों में शीश नवाएं।
गुरुपौर्णिमा का ये पावन पर्व,
गुरु के आशीर्वाद से हो सबका कल्याण।”

गुरुपौर्णिमा पर 10 कविताएं

कविता 1:

गुरुदेव चरणों में शीश झुकाए, गुरुपूर्णिमा की बधाई सुनाए। ज्ञान दीप जो आप जलाए, जीवन हमारा आप सजाए।

कविता 2:

गुरु रत्न की जय जयकार हो, ज्ञान रूपी समुद्र अपार हो। गुरुपूर्णिमा का यह पावन पर्व, गुरु देव के चरणों में झुक कर सर्व।

कविता 3:

ज्योति स्वरूप गुरु देव हमारे, अंधकार मिटा कर करते उजियारे। गुरुपूर्णिमा पर उनको नमन करें, ज्ञान और शिक्षा की वरदान पाएँ।

कविता 4:

गुरु शब्द है पवित्र और महान, जो दिखाए हमें जीवन का रास्ता सही ज्ञान। गुरुपूर्णिमा पर उनको धन्यवाद देते हैं, जो हमें सिखाते हैं जीना कैसे हर पल हँसते हैं।

कविता 5:

गुरु के चरणों की धूलि है सोना, जो कर देती है जीवन हमारा खुशहाल और मधुमय जोना। गुरुपूर्णिमा पर उनको शुभकामनाएं देते हैं, जो हमें सिखाते हैं जीना कैसे हर पल नए सपने देखते हैं।

कविता 6:

गुरुदेव की वाणी अमृत की धार, जो कर देती है जीवन हमारा उज्ज्वल और न्यार। गुरुपूर्णिमा पर उनके चरणों में झुक कर सर्व, ज्ञान और शिक्षा की वरदान पाकर बनें हम ध्रुव।

कविता 7:

गुरु रत्न की जय जयकार हो, जो दिखाते हैं हमें सत्य का मार्ग बारम्बार। गुरुपूर्णिमा का यह पावन पर्व है उनका, जो करते हैं जीवन हमारा सुंदर और अनमोल नवरंगी तारका।

कविता 8:

ज्योति स्वरूप गुरु देव हmare, जो दूर करते हैं अज्ञान का अंधकार सारे। गुरुपूर्णिमा पर उनको धन्यवाद और नमन करें, जो हमें सिखाते हैं जीना कैसे हर पल नए हौसले भरें।

कविता 9:

गुरु शब्द है पवित्र और प्यारा, जो दिखाए हमें जीवन का मार्ग सही और सच्चा। गुरुपूर्णिमा पर उनको शुभकामनाएं देते हैं, जो हमें सिखाते हैं जीना कैसे हर पल खुशियां बिखेरें।

कविता 10:

गुरु के चरणों की धूलि है सोने से भी महंगी, जो कर देती है जीवन हमारा समृद्ध और मंगी। गुरुपूर्णिमा पर उनको नमन करें और शुभकामनाएं देते हैं, जो हमें सिखाते हैं जीना कैसे हर पल आगे बढ़ें।

Next ad

Related Articles

Back to top button