विधवा महिलाओं को सहन करनी पड़ती है ये समस्याएं
भारत में विधवाओं द्वारा सामना की जाने वाली अधिकांश समस्याएं क्या हैं?
हमारे समाज में एक अकेली औरत या एक विधवा औरत को बहुत तरीके के समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी उनके चरित्र पर उंगली उठाया जाता है। तो कभी नौकरी के नाम पर उनका शोषण भी किया जाता है।
विधवा औरत को पति के मृत्यु के बाद अपने ससुराल वालों की तरफ से घर से बाहर भी निकाल दिया जाता है। यहां तक कि उन्हें बच्चे होने के बाद भी उनके बच्चों को भी संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है।
विधवा महिलाओं को सहन करनी पड़ती है ये समस्याएं
संपत्ति के अधिकार:-
अधिकांश भारतीय विधवाएं अपने उत्तराधिकार के अधिकारों से वंचित रहती हैं। यदि किसी विधवा का बेटा है, तो उसे संपत्ति का अधिकार मिलता है। वहीं अगर उसकी कोई संतान नहीं होती या उसकी बेटी होती है तो उसे वास्तव में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि ‘हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1969’ के अनुसार महिलाओं को पुरुषों के तरह ही संपत्ति पाने का पात्र बना दिया गया है। संपत्ति के लिए संघर्ष इतने खराब होते हैं कि देवर अपनी विधवा भाभी को बदनाम कर गांव छोड़ने के लिए मजबूर कर देते हैं।
पुनर्विवाह को मंजूरी ना देना:-
कुछ जातियाँ विधवाओं के पुनर्विवाह पर रोक लगाती हैं। समाज के अनुसार एक विधवा को दूसरी शादी करने का अधिकार नहीं होता। यदि विधवा की शादी बाद में हो भी जाती है, तो कभी-कभी उसके स्वयं के घरवाले उसे अपने घर में आने की अनुमति नहीं देते।
शोक अधिकारों का पालन:-
एक औरत जब विधवा होती है। तब उन्हें जबरदस्ती सफेद वस्त्र पहनने के लिए मजबूर किया जाता है।हालांकि सुहाग के चले जाने के बाद पति की विधवा को सुहाग का कोई भी सामान पहनने का हक नहीं होता। पर वह हल्के रंग के रंगीन कपड़े तो पहन सकती है। लेकिन रूढ़िवादी समाज औरतों को उस हक से भी वंचित कर देता है। उसे जबरदस्ती वह हर काम करने के लिए कहता है। जो उसकी इच्छा के विरुद्ध होता है।
हिंसा की शिकार:-
विधवाओं पर आमतौर से अपने पति की मौत का कारण बनने का आरोप लगाया जाता है। इसके अलावा, भारत के कई हिस्सों में, विशेष रूप से जनजातियों में, उन्हें कभी-कभी मार दिया जाता है। जबकि ऐसा करना कानूनी रूप से अपराध है।
आर्थिक समस्या:-
एक विधवा औरत यदि कम पढ़ी लिखी हो या उसके पास रोजगार का कोई अन्य साधन ना हो। तो वह सबसे ज्यादा आर्थिक समस्या से जूझती है। जब औरत आर्थिक समस्याओं से जुड़ती है तब वह अपने बच्चे को शिक्षा दिलाने के लिए स्कूल तक नहीं भेज पाती। वह उनको आय अर्जित करने के लिए काम पर भेजने के लिए बाध्य हो जाती हैं।
महिलाओं की इन समस्या का समाधान क्या है?
औरतों का शिक्षित होना बहुत ज्यादा जरूरी है
शिक्षा मनुष्य के जीवन का दशा एवं दिशा दोनों ही बदल कर रख देता है। यदि औरतें शिक्षित होंगी तो भविष्य में हर विकट परिस्थितियों से वह सामना कर पाएंगी। यदि वह वैधव्य जीवन भी यापन करेंगी। तो भी वह अपने शिक्षित होने का फायदा उठा पाएंगी। अपने शिक्षा के बलबूते पर वह किसी अच्छी जगह नौकरी प्राप्त कर पाएंगे एवं अपना गुजारा कर पाएंगी। वह भी बिना किसी के सहायता के।
अपने हक के खिलाफ लड़ना होगा
जीवन में यदि अच्छे दिन देखने हैं। तो अच्छे दिन को देखने के लिए आवाज उठाना होगा। औरतों को हक के लिए लड़ना होगा। जो उनका है। यदि वह बिना लड़े ही आसानी से लोगों को दे देंगी। तो लोग फायदा तो उठाएंगे ही ना। बदलाव स्वयं से कीजिए। आप खुद एक उदाहरण बनिए। ताकि समाज के लोग आपका उदाहरण दे सकें।
आप आज आवाज उठाएंगी तो कल आप जैसे लोग आपसे प्रेरित होंगे। वह भी अपने हक के लिए लड़ेंगे और समाज में जो भी समस्याएं वर्तमान समय में विधवाओं को झेलना पड़ रहा है। भविष्य में वह सभी समस्याएं विरोध के कारण लुप्त हो जाएगा।