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मौनी अमावस्या के दिन क्या होता है?

मौनी अमावस्या का बहुत महत्व है। इस दिन उपवास के दौरान मौन का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। शास्त्रों में लिखा है कि यदि कोई केवल होठों से भगवान का नाम जपता है, तो उसे पुण्य की प्राप्ति होती है।

मन में नाम जपने से भी अधिक लाभ होता है। शास्त्रों के अनुसार दिन भर इस दिन को मौन व्रत रखना होता है। यदि कोई व्यक्ति दान देने से पहले लगभग डेढ़ घंटे का मौन रखता है और व्रत तोड़ते समय मौन रखता है, तो उसे 18 गुना अधिक पुण्य मिलता है।

मौनी अमावस्या के दिन क्या होता है?

कब आता है, यह अमावस्या?

माघ महीने में आने वाले अमावस्या की तिथि को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन दान और स्नान करने को शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था और उनके नाम से ही ‘मौनी’ नाम आया था। इसलिए इस अमावस्या को ‘साइलेंट न्यू मून’ भी कहा जाता है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के महत्व और नियम के विषय में।

मौनी अमावस्या 2022 में कब पड़ रहा है? 

अगले 1 फरवरी, मंगलवार को मौन अमावस्या है। अमावस्या को दोपहर 1:33 से 1 फरवरी की रात 11:35 बजे तक होगी।

माघ मास में पवित्र गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान करना शुभ होता है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या में इस स्नान की महिमा और गुण कहीं ज्यादा अधिक हो जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार मौन व्रतों का पालन करने से यदि अमावस्या में गंगा स्नान किया जा सकें। तो मानव जीवन के अनेक जन्मों के पाप धुल जाते हैं। 

खास दिन पर कैसे करें स्नान और पूजा?

सुबह और दोपहर में नहाने से पहले एक संकल्प लें। पहले माथे को पवित्र जल से की करवाएं फिर पूजा करें और फिर स्नान करें। अपनी खुद की शुद्धिकरण के बाद सूर्य देव को तिल और जल अर्पित करें। मन में मंत्र जाप करके जितना हो सके दान करें।

यदि आप बिना निर्जला उपवास नहीं कर सकते हैं,  तो आप इस दिन केवल फल और पानी खाकर भी उपवास कर सकते हैं। मौनी अमावस्या के दिन क्या होता है?

इस दिन, क्रोध से दूर रहें। किसी को बुरी बात न कहें। ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन भगवान का ध्यान करना बेहतर होता है क्योंकि शांत मन से मंत्रों का जाप करना कहीं अधिक पुण्य का काम है।

क्या है अमावस्या के पीछे की कहानी?

हिंदू धर्म में अमावस्या का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह परिवार के पूर्वजों और दिवंगत आत्माओं को याद करने और उनकी पूजा करने का एक आदर्श समय माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस दिन चांदनी नहीं होती, उस दिन सूरज की रोशनी उन तक पहुंचती है। वह दिन अमावस्या के अतिरिक्त और कोई दिन नहीं होता।

इसे हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है। मौनी अमावस्या का महत्व कुंभ मेले के दौरान कई गुना बढ़ जाता है, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है और विशेष दिनों में नदी में स्नान को शाही स्नान कहते हैं। हर अमावस्या में से माघी अमावस्या को ज्यादा महत्व दिया जाता है।

कारण यही वह अमावस्या है। जिस दिन दुनिया भर से लोग अपने पाप को पुण्य में बदलने का कार्य करते हैं। दान पुण्य करते हैं और अपने नाम कुछ अच्छी बातें ईश्वर के पास लिखवाते हैं।

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