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बहुत गिड़गिड़ाई नहीं अपनाया । पति अब मुझसे सहारे की अपेक्षा करता है।

बहुत गिड़गिड़ाई मगर नहीं अपनाया । मै एक तलाकशुदा महिला हु। 20 साल पहले मेरे पति ने मुझे छोड़ दिया था।

मेरी बेटी उस वक्त महज 1 साल की थी। मेरा पति जो कमाता था। अपनी माँ को देता था।

घर में सिर्फ देवर और उसकी बीवी की चलती थी। ससुर नहीं थे। सांस बहुत खदूस थी। मेरी

जेठानी भी मुझसे ही सारा काम करवाती थी। क्यों की मै दहेज में उसके जैसे गहने नहीं लाई थी।

सब घरवाले उसके ही पक्षधर थे। मेरे खान पान पहनावे पर उसका नियंत्रण था। फिर भी कभी

मुझसे प्यार से पेश नहीं आती थी। फिर भी मै चुपचाप सबकुछ सहती रही। जब मैंने बेटी को जनम

दिया तो वह देखने को आई थी। उसके मनमुताबिक उसका स्वागत मेरे घरवालों ने नहीं किया था

इसलिए मुझे छोड़ देने के लिये मेरे पति पर दबाव बनाया। और पति भी बैलबुद्धि था। उनकी बातों

में आकार मुझे हमेशा के लिये छोड़ दिया। बहुत गिड़गिड़ाई मगर नहीं अपनाया।

मेरे बुरे वक्त मुझसे दुर्व्यवहार किया

मेरे पापा उनके सामने गिड़गिड़ाए मगर उनका दिल जरा भी नहीं पसीजा। मुझे घर से बेदखल कर

दिया। कोर्ट कचहरी के चक्कर के लिये, वकील की महंगी फीस के लीए हमारे पास पैसे भी नहीं थे।

मैंने बहुत मेहनत से बेटी को पाला , पोसा, बड़ा किया।अच्छा रिश्ता देखकर उसकी शादी भी कर दी है।

दूध डेयरी का बिजनेस शुरू किया। और आज मारे पास बहुत कुछ है।

मगर दूसरी शादी कराने के चक्कर में मेरे पति से सिग्नेचर लेकर सारी जायदाद देवर ने अपने नाम की है।

उसको दो वक्त की रोटी भी भाई से भीख में मिलती है। पति अब मुझसे सहारे की अपेक्षा करता है। लोग

मुझे उनका हाल बताते है। मगर मेरे मन में उनके लिये अब कोई जगह नहीं। मेरी बेटी उनका मुह तक

देखना नहीं चाहती है। मगर रिश्तेदार कहते है, की मुझे बुढ़ापे में पति को सहारा देना चाहिये। मगर मेरे मन में उनके

लिये सिर्फ नफरत ही है। आपको क्या लगता है ? मै गलत हु ? या सही ?

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हमारी सलाह : बहुत गिड़गिड़ाई मगर नहीं अपनाया

हर स्त्री को आपसे सीखना चाहिये। आत्मनिर्भर बनो। फिर दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

एक वो वक्त था, जब आप उनके सामने गिड़गिड़ाती थी। अपमान के बावजूद आप उनके साथ

रहने को तैयार थी। उस वक्त आप बहुत गिड़गिड़ाई मगर नहीं अपनाया था। वो लोग स्वार्थी निकले।

आपका पति नादान था। वो अपने पराए में फर्क नहीं समझ सका। जब उनके दिन अच्छे थे,

आपको उन्होंने सहारा नहीं दिया, तो आप सहारा देने की क्यों सोच रही हो ? उनको अपने हाल पर छोड़ दो।

वैसे भी आपने तलाक लिया ही है। आप बिल्कुल गलत नहीं है।

मगर बेटी की शादी होने के बाद अगर आपको अकेलापन महसूस होता है, तो घरजमाई

देखकर आप चाहे तो दूसरी शादी कर सकती है। मगर उनके बारे में ना ही सोचे, और ना ही

जानने की कोशिश करें। बस खुश रहे, मुस्कुराते रहे।

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