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क्या अनाथ होना अपशकुन होता है?

नमस्कार मेरा नाम सोनाली है। मेरी उम्र 28 साल है। मेरे जन्म के बाद मेरी मां की मौत हो गई थी क्योंकि उनकी प्रेगनेंसी में प्रॉब्लम थी। फिर 12 साल की उम्र में पिताजी चल बसे। चाचा-चाची ने मुझे अनाथ आश्रम भेज दिया। 21 साल की उम्र में एक बड़े परिवार में मेरी शादी हुई। शादी के एक साल बाद मैं मां बनी और मेरे पति को उसको 6 महीने बाद लखवा मार गया। तब से वह घर पर ही है। ऐसे में ससुराल वाले मुझे ताने मारते हैं कि मैं अपशकुन हूं। अब वह मुझे घर छोड़कर जाने कह रहे। क्यां करूं नौकरी भी नहीं करती है। बच्ची छोटी और पति को छोड़कर मैं जा‌ नहीं सकती। एक्स्पर्ट जवाब दीजिए क्या अनाथ होना अपशकुन होता है?

जवाब- क्या अनाथ होना अपशकुन होता है?

आपकी कहानी सुनकर हम नि: शब्द हो गए है। लेकिन इन सब में आपकी कोई गलती नहीं है। अगर कोई आपको दोष दे रहा है, इसमें उस इंसान की गलती है, जो चीज़ों को‌ प्रैक्टिकल रूप से ग्रहण करना नहीं जानता है। आपकी वर्तमान समस्या से आपको बाहर निकालने में हम पूरी मदद करेंगे।

सबसे पहले एक नौकरी की तलाश कीजिए

अभी जो आपकी परिस्थिति है। इस परिस्थिति से यदि आप निकलना चाहती है। तो आपको सबसे पहले एक नौकरी की तलाश करनी चाहिए। यदि आप नौकरी करेंगी। तो आपको किसी पर आश्रित नहीं रहना होगा। यदि आप निराश्रित रहेंगी। तो आपको किसी की बात भी नहीं सुननी पड़ेगी और जो लोग आपको घर से बाहर जाने की धमकी दे रहे हैं। तो आप अपने दम पर घर से बाहर भी निकल पाएंगी और अपने बच्चे एवं पति का पालन पोषण भी अच्छे से कर पाएंगी।

आत्मनिर्भर बनिए

आज के वक्त में औरतें जितना आत्मनिर्भर बनेगी। उतना उनके जीवन के लिए अच्छा होगा। इसलिए आप भी आत्मनिर्भर बने ताकि कल फिर से कोई आपको यह ना कह सके कि आप अपशकुनी हैं। खुद को स्ट्रांग भी बनाइए। यह जिंदगी है जो आपकी है। इस पर कोई और अपना हक नहीं जमा सकता। क्या अनाथ होना अपशकुन होता है?

आपकी मां ने जब आप को जन्म दिया था। उससे पहले ही उन्हें पता था कि वह मरने वाली हैं। इसलिए उन्होंने आपको चुना ताकि आप जी सकें। आप अपनी मां की कुर्बानी को इस तरह बर्बाद ना होने दीजिए। खुद को प्रूफ करके दिखाइए कि आप में भी कोई बात है। आप में कोई बुरी छाया नहीं है। आपके साथ जो भी हुआ वह सब वक्त के कारण हुआ। जो बीते हुए समय के साथ चला गया है। अनाथ होना अपशकुन नहीं होता है

ससुराल वालों को एफ आई आर की धमकी दिजिए

यदि आपके ससुराल वाले आपको बार-बार घर छोड़ने की लिए कहते हैं। तो उनसे डरिए नहीं। बल्कि उनसे कहे कि यदि वह बार-बार घर छोड़ने की धमकी देंगे। तो  आपको मजबूरन उनपर केस करना होगा। जो उनके लिए अच्छा नहीं होगा।

कभी भी अपने आप को दोषी ना समझे

बचपन से लेकर अभी तक जो भी आपके जिंदगी में हुआ है यह सब ईश्वर की लीला थी इसलिए इन सभी चीजों के लिए अब उन सभी अपने आप को दोषी करार मत दीजिएगा। इससे आपका ही मनोबल टूटेगा। इस वक्त आप जितना मनोबल बढ़ाएंगी। उतना आपके लिए अच्छा होगा। आप अभी एक मां है और एक पत्नी भी है। आपके ऊपर दो लोगों की जिम्मेदारियां हैं। इसलिए नौकरी ढूंढिए। ताकि आप मां और पत्नी का रिश्ता निभा पाएं।

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