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…लेकिन मैं मां नहीं बन पाई

शादी के बाद एक औरत मां बनने के सपने देखने लगती है। हालांकि ससुराल वालों की तरफ से भी आने वाले नन्हे मेहमान की उम्मीद लगानी शुरू हो जाती है। लेकिन जिंदगी क्या मोड़ लेकर आएगी, यह तो कोई नहीं जान सकता।ऐसा ही मोड़ मेरी जिंदगी में भी आया जिसकी कहानी आज मैं आपको सुनाने जा रही हूं।

मां बनने के सुनहरे सपने

मैं जब भी अपनी शादी के सपने देखती तो सबसे पहले नन्हे मेहमान का चेहरा मेरे सामने जरूर आता। क्योंकि मैं भी उन लड़कियों में से थी जो शादी के तुरंत बाद ही बच्चा प्लान करना चाहती हैं। लेकिन मेरी किस्मत में शायद यह खुशियां भगवान ने लिखी ही नहीं। शादी के 10 दिन बाद ही मैंने अपने पति के सामने मां बनने की इच्छा जाहिर की।मेरे पति भी तुरंत सहमत हो गए लेकिन एक साल तक लगातार कोशिश करने के बावजूद भी मैं प्रेग्नेंट नहीं हो सकी।

लोगों की तीखी नजरों का सामना

मैं और मेरे पति दोनों ही इस बात से बहुत परेशान रहने लगे और ऊपर से परिवार वालों के ताने।साथ ही समाज द्वारा हर दिन के सवाल कि आखिर तुम बच्चा कब पैदा करेगी। लेकिन उन्हें कौन समझाए कि यह सब भगवान के हाथ में होता है ना कि इंसान के। परंतु दुनिया को भला कौन समझ सकता है, ऐसे में हौसला देने की बजाय सामने वाले व्यक्ति को और ज्यादा परेशानियां देते हैं।मैंने और मेरे पति ने अपने सभी चेकअप करवाए लेकिन सब कुछ नॉर्मल होने के बावजूद भी, मैं मां नहीं बन पा रही हूं।

हालांकि मेरे पति ने कभी मुझे इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि हमारी जिंदगी में कुछ कमी है।लेकिन हमारे घर के आंगन में किलकारियां गूंजने की कमी तो उन्हें भी महसूस होती है।बच्चे की ख्वाइश ने ना जाने हमें कहां-कहां भटकने को मजबूर कर दीया। मेरी सहेली ने हमें एक बाबा के बारे में बताया जो बांझ औरत को संतान का वरदान देते हैं। हम दोनों ही इस अंधविश्वास में नहीं पड़ना चाहते थे। लेकिन हमारी सुनी जिंदगी की वजह से हम इस राह पर भी चलने को विवश हो गए। उस बाबा के बताए हर टोने टोटके को हम 1 साल तक पूरा करते रहे लेकिन मेरी गोद फिर भी सुनी ही है।

मानसिक परेशानियां

बात यहीं खत्म नहीं हुई, इसके बाद तो मेरे दुखों का बढ़ना और भी शुरू हो गया। क्योंकि बच्चा पैदा ना होने की वजह से मैं मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार रहने लगी। इसके अलावा मेरे ससुराल वाले भी मेरे पति पर दूसरी शादी का दबाव डालने लगे। मेरे पति ने दूसरी शादी करने से साफ इंकार कर दिया परंतु इस बात से हमारे घर का माहौल जरूर बिगड़ गया। मेरी सास द्वारा मुझे हर रोज मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। एक दिन मेरी सास की कुछ सहेलियां हमारे घर आई। वे मुझे देख कर बोली कि “तेरी बहू प्रेग्नेंट है या फिर खा पी कर ही पेट बड़ा किया है”।

इस बात पर मेरी सास ने मेरी खिल्ली उड़ाते हुए कहा, ” यह बांझ क्या बच्चा पैदा करेगी, इसने तो मेरे बेटे की जिंदगी ही खराब कर दी। ऐसे ही बातों को सुनते हुए, आज 10 साल बीत गए हैं लेकिन मैं मां नहीं बन पाई। परंतु आज भी भगवान पर अटूट विश्वास रखती हूं और एक न एक दिन अपनी गोद हरी होने का इंतजार कर रही हूं।

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