अजीबोगरीब शादी | हर रात यहाँ बदल जाता है पति
अजीबोगरीब शादी : जहाँ घर के सभी भाई एक ही लड़की से करते है शादी और हर रात बदल जाता है पति
भारत में आपको ऐसे कई किस्से सुनने मिल जाएँगे, जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना होगा। ऐसे ही कई आश्चर्यजनक परम्परा आपको विवाह से जुड़ी भी मिल जाती है जिसे सुनकर आप दंग हो जाएंगे । अगर कोई आपसे कहे कि प्राचीन काल की ही तरह आज के समय मे भी एक औरत के एक से अधिक पति होते है तो शायद ही आपको विश्वास हो लेकिन यह बात बिल्कुल सत्य है।
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आज भी भारत के कई गांवों में इस परंपरा को निभाया जा रहा है एक ही घर के सभी भाई एक ही लड़की के साथ शादी करते है । हालांकि इस बदलते युग के साथ अब धीरे धीरे इस परंपरा को खत्म भी किया जा रहा है लेकिन अब भी कई लोग इस प्राचीन परंपरा को निभाते चले आ रहे है।
भ्रातृ बहुपतित्व शादी
भ्रातृ बहुपतित्व विवाह के नाम से प्रचलित इस प्रथा में घर के सभी लड़के एक ही लड़की से विवाह करते है । इस शादी में सबसे छोटे बेटे को शामिल होने नही दिया जाता है लेकिन अगर उसकी उम्र वयस्क है तो उसे शादी में ले भी जाया जाता है। इस प्रथा में घर का बड़ा बेटा एक लड़की के साथ विवाह करता है जिसके बाद वह अपनी पत्नी को अपने बाकी के भाइयों के साथ भी रखता है। इनके बच्चे भी एक ही पत्नी के साथ होते है। पिछले कुछ सालों में इस प्रथा में गिरावट भी आई है लेकिन आज भी अरुणाचल और हिमाचल प्रदेश के कई गांवों में लोग इसी प्रकार से शादी करते है।
सभी भाइयों की एक ही पत्नी
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में इस प्रकार के विवाह का काफी प्रचलन भी है। इसके अलावा तिब्बत में तो इस प्रथा को बहुत आम माना जाता है, जहाँ दो से अधिक भाई एक ही पत्नी के साथ रहते है और बच्चे भी पैदा करते है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि पता भी नही चलता है कि कौन किसका बच्चा है लेकिन सभी बच्चों को एक समान प्यार दिया जाता है और एक ही बराबर माना भी जाता है।
सभी बच्चे सभी भाइयों को अपना पिता मानते है । हालांकि कई परिवारों में ये भी देखा गया है कि बच्चे घर के बड़े लड़के को ही पिता कहते है। चीन के तिब्बत पर अधिग्रहण के बाद से इस प्रकार की शादी में बहुत कमी भी आई है लेकिन आज भी कई गांवों में इस प्रथा को आगे बढ़ाया जा रहा है जहां घर के सभी बेटे एक ही पत्नी रखते है।
क्यों निभाते है ये भ्रातृ बहुपतित्व विवाह
अमेरिकी सोशलिस्ट और तिब्बत स्कॉलर , मेलविन सी गोल्डस्टीन ने अपने एक लेख में बताया है कि इस प्रकार की शादी की परंपरा तिब्बत में बहुत ही साधारण सी बात है। उनके लेख में यह भी बताया गया है कि तिब्बत में साल 1950 तक बौद्ध भिक्षुओं की संख्या एक लाख से अधिक थी । उस दौरान घर की छोटी सी जमीन का बंटवारा न करना पड़े , इस उद्देश्य से घर के छोटे बेटे को भिक्षु बनने के लिए भेज दिया जाता था।
इसी प्रकार जमीन के बंटवारे को रोकने के लिए महिलाओं ने एक ही स्त्री से घर के सभी लड़कों का विवाह करवाना शुरू कर दिया और ये प्रथा पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रही । बाद में साल 1959 से लेकर 1960 में कानून बनाकर इस परंपरा पर रोक भी लगा दी गई थी लेकिन फिर भी लोग छिपते छिपाते टैक्स बचाने के चक्कर मे और जमीन बचाने के चक्कर मे इस प्रथा का पालन कर रहे है। आज भी हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई गांवों में घर के लड़कों की शादी एक ही स्त्री के साथ कराई जाती है।
घर का बड़ा बेटा एक लड़की के साथ विवाह करता है और फिर उम्र के अनुसार बाकी के सभी भाई एक ही लड़की के साथ संबंध बनाती है। सभी भाइयों के बच्चे भी उसी एक स्त्री के साथ होती है और अगर घर का छोटा बेटा उम्र में कम है तो उसे शादी में सम्मिलित भी नही किया जाता है। बदलते जमाने के साथ भले ही अब लोगो की सोच में बदलाव आ चुका हो और इस प्रथा में कमी आई है।
सूचना : यह लेख सुनी सुनाई बातों पर आधारित है। सिर्फ मनोरंजन मात्र पढ़ें। ज्यादा सिरियासली न लें