त्योहारों का वैज्ञानिक महत्व । होली हो या दिवाली हर त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से
मनाया जाता है। हर त्यौहार का अपने आप में कोई ना कोई महत्व होता है।
त्योहारों का वैज्ञानिक महत्व होता है। इस बात से हम सभी अनजान हैं।
दोस्तों आज हम अपने ब्लॉग में त्योहारों के वैज्ञानिक महत्व के विषय में बात करेंगे।
वैज्ञानिक महत्व के विषय में बताने से पहले हम आपको एक बात और साफ-साफ कह देना चाहते हैं।
जो त्योहार पश्चिमी देशों या भारत के अतिरिक्त अन्य देशों में मनाए जाते हैं।
कुछ एक त्योहारों को छोड़कर। अन्य सभी त्योहारों का कोई वैज्ञानिक महत्व नहीं होता।
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नवरात्रि और वैज्ञानिक महत्व
दोस्तों आप सभी जानते ही होंगे कि नवरात्रि के दौरान उपवास रखा जाता है।
अब हम आपको बताते है कि इस त्योहार को मनाने का वैज्ञानिक कारण क्या है।
उपवास रखने से हमारा शरीर डिटॉक्सीफाई हो जाता है।
वैज्ञानिक रूप से यह देखा गया है कि सप्ताह में एक बार हल्का भोजन करने से पाचन तंत्र को थोड़ा आराम मिलता है।
दिवाली और वैज्ञानिक महत्व
यह वह त्योहार है जिस दिन मां काली ने रौद्र रूप धारण किया था।
बुरे असुरों के वध का दिन है दिवाली। जिसे दीप जलाकर मनाया जाता है।
श्री राम जी भी अपनी पत्नी सीता और भाई भरत के साथ 14 दिन का वनवास काटकर।
इसी दिन अयोध्या वापस लौटे थे। इसलिए भी यह दीपोत्सव मनाया जाता है।
इसलिए दिवाली में दीप जलाने का नियम है।
ताकि सभी नकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के मन से, उनके घर से निकल जाए।
सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है दीप के द्वारा।
लोहरी और वैज्ञानिक महत्व
पंजाब के लोककथाओं का मानना है कि लोहड़ी के दिन जलाए गए अलाव की लपटें लोगों के संदेशों और
प्रार्थनाओं को सूर्य देवता तक ले जाती हैं।
ताकि फसलों को बढ़ने में मदद करने के लिए ग्रह को गर्माहट मिल सके।
बदले में, सूर्य देव भूमि को आशीर्वाद देते हैं और उदासी और ठंड के दिनों को समाप्त करते हैं।
गणेश चतुर्थी और वैज्ञानिक महत्व
गणेश चतुर्थी को आमतौर पर सितंबर महीने में मनाया जाता है।
हमारे पूर्वज मानते थे कि भगवान गणेश की 21 प्रकार के पत्रों से पूजा करने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण है।
इसका उद्देश्य प्रकृति के अनमोल औषधीय खजाने के ज्ञान को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है।
वसंत पंचमी और वैज्ञानिक महत्व
सरस्वती पूजा के दिन पीला वस्त्र पहने का नियम है। क्या आप जानते हैं कि यह पीले वस्त्र क्यों पहने जाते हैं।
वैज्ञानिक दृष्टि से यदि देखा जाए तो मौसम और त्योहार भी सरसों की फसल के पीले फूलों का आनंद लेते है।
साथ ही फसलों के पकने का जश्न मनाते हैं। जिसे हिंदू देवी सरस्वती के पसंदीदा रंग से जोड़ा जाता हैं।
दोस्तों भारत देश में त्योहार आज से नहीं बल्कि युगों से मनाया जा रहा है।
हर त्योहार का अपने आप में महत्व है। साथ ही त्योहारों के वैज्ञानिक महत्व भी उनके साथ ही जुड़े हुए हैं।
9 दिन की नवरात्रि, दीपों का त्योहार दिवाली, रंगों का त्योहार होली, फसलों का त्योहार लोहरी आदि जितने
भी त्यौहार भारत देश में मनाए जाते हैं। इन सभी त्योहारों का वैज्ञानिक महत्व है जो अपने आप में बहुत खास हैं।
आप भी हर त्योहार को धूमधाम से मनाएं क्योंकि हर त्योहार आपको एक सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
जो आपके लिए बहुत लाभकारी है।