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चाणक्यनीति के अनुसार चरित्रहीन लड़की के शारीरिक लक्षण

विषकन्या ये शब्द शायद आपने सुना ही होगा। पुरुषों को रिझाने की कला में वह माहिर होती थी। चाणक्यनीति के अनुसार चरित्रहीन लड़की के शारीरिक लक्षण जानने से पहले ये समझ लेना बहुत जरूरी है की कैसे विषकन्याओं की फौज आचार्य चाणक्य ने खड़ी की थी। जो शत्रु साम दाम दंड भेद से काबू नहीं किया जाता ऐसे शत्रु की गुप्त वार्ता निकालने के लिए, या उनका खात्मा करने के लिए एक से बढ़कर एक खूबसूरत चरित्रहीन ललना को उन्होंने ट्रैनिंग दिया था। पुरुषों को कैसे आकर्षित किया जाता है ये सिखाया जाता था। कुछ साल की ट्रैनिंग होने तक वह इतनी पारंगत हो जाती थी, की चाहे कितना भी सज्जन हो या दुर्जन , छोटा या बड़ा बड़ा , जवान या बूढ़ा व्यक्ति उनकी तरफ आकर्षित हो ही जाता था।

शुरू से ही थोड़ा थोड़ा विष उनको खिलाया जाता था, पुरुषों को खुश करने की कला सिखाई जाती थी और 4-6 साल में उनकी शिक्षा शुरू है तबतक वह विष उनके शरीर में ऐसा घुलमिल जाता था, की उसका बुरा असर उनपर तो नहीं होता था, मगर जो भी उनसे संबंध बनाएगा, उसपर अवश्य होता था। उनके दम पर तो आचार्य चाणक्य ने एक सामान्य लड़के को राजा बनाया था। वह भी उस राजा को पहले ही चुनौती देकर। तो मै जो बतानेवाली हु दोस्तों शायद ये राज आप नहीं जानते होंगे की कैसे वो चरित्रहीन लड़की चुनते थे। ये उनका चरित्रहीन लड़की का सीक्रेट आज आपसे शेअर कर रही हु।

चाणक्यनीति के अनुसार चरित्रहीन लड़की के शारीरिक लक्षण

चाणक्यनीति एक प्राचीन भारतीय ग्रंथ है, जिसमें राजनीति, अर्थशास्त्र, धर्म, दर्शन, और जीवन के अन्य पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया गया है। चाणक्य को कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। वह एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने अपनी नीति में चरित्रहीन लड़की की पहचान के लिए कुछ शारीरिक लक्षणों का उल्लेख किया है।

चाणक्यनीति के अनुसार, चरित्रहीन लड़की के निम्नलिखित शारीरिक लक्षण हो सकते हैं:

आंखें बड़ी और चमकदार

चाणक्य का मानना था कि चरित्रहीन लड़कियों की आंखें बड़ी और चमकदार होती हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों को आकर्षित करने की कोशिश में रहती हैं। आपने आँखों से वह समनेवाले को घायल करती है।

नाक पतली और उठी हुई

आचार्य चाणक्य का मानना था कि चरित्रहीन लड़कियों की नाक पतली और उठी हुई होती है सामनेवाला उनकी तरफ देखकर दंग रह जाता है। उसकी सूझबूझ ही खो जाती है।

होंठ मोटे और लाल

चरित्रहीन लड़कियों के होंठ मोटे और लाल होते हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों को आकर्षित करने के लिए अपने सौंदर्य का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे होंठ पर अगर लिपस्टिक लगाई जाती है और कुछ विशिष्ट आकार में उनको मोड़ा जाता है, तो रथी महारथी जान न्योछावर कर देते है।

बाल घने

चाणक्य का मानना था कि चरित्रहीन लड़कियों के बाल काले और घने होते हैं क्योंकि वे हमेशा दूसरों को आकर्षित करने के लिए अपने सौंदर्य का इस्तेमाल करती हैं। अपने रेशम जैसे जुल्फों को औरत जब लहराती है पुरुषों की धड़कने रुक जाती है। बालों की वजह से वो दिल खो बैठते है।

शरीर सुडौल

लड़कियों का शरीर का गठन सुडौल होना ही चाहिए। क्योंकि वे हमेशा दूसरों को आकर्षित करने के लिए अपने सौंदर्य का इस्तेमाल करती हैं। आकर्षक शरीर उनका आकर्षण का केंद्र होता है। और शरीर के कौन से भाग को लटके झटके मारने है, ये बात जो महिला बखूबी जानती है, उसके पीछे आशिकों की लाइन लग जाती है।

इन शारीरिक लक्षणों को चाणक्य ने चरित्रहीन लड़की की पहचान के लिए एक संकेत के रूप में बताया है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये लक्षण केवल एक संकेत हैं। किसी लड़की के चरित्र का निर्धारण केवल उसके शारीरिक लक्षणों से नहीं किया जा सकता है।

चाणक्यनीति में चरित्रहीन लड़की के शारीरिक लक्षणों के बारे में कुछ और बातें भी बताई गई हैं। उदाहरण के लिए, आचार्य चाणक्य का मानना था कि चरित्रहीन लड़की की आवाज मधुर होती है। वह हमेशा दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश में रहती है। इसलिए, उसकी आवाज में एक विशेष प्रकार का आकर्षण होता है।

रित्रहीन लड़की का चाल-चलन भी चंचल होता है। वह हमेशा दूसरों की नज़र में रहना चाहती है। इसलिए, वह हमेशा अपने आप को सजती-संवारती रहती है।

ऐसी लड़की की हँसी भी खिलखिलाती होती है। वह हमेशा खुश रहने की कोशिश करती है। इसलिए, उसकी हँसी में एक विशेष प्रकार का आकर्षण होता है। कई लोग तो सिर्फ एक स्माइल पर ही फिदा होते है।

इसके बारे में विचारवंतों की राय

आधुनिक समय में चाणक्यनीति के इन विचारों को लेकर कुछ मतभेद हैं। कुछ लोग मानते हैं कि ये विचार अवैज्ञानिक और रूढ़िवादी हैं। वे कहते हैं कि किसी लड़की के चरित्र का निर्धारण केवल उसके शारीरिक लक्षणों से नहीं किया जा सकता है। इसके लिए उसके व्यक्तित्व और व्यवहार का अध्ययन करना आवश्यक है।

दूसरी ओर, कुछ लोग मानते हैं कि चाणक्यनीति के ये विचार अभी भी प्रासंगिक हैं। वे कहते हैं कि इन विचारों में कुछ सच्चाई है। चरित्रहीन लड़कियों में अक्सर कुछ शारीरिक लक्षण पाए जाते हैं। हालांकि, ये लक्षण केवल एक संकेत हैं। किसी लड़की के चरित्र का निर्धारण केवल उसके शारीरिक लक्षणों से नहीं किया जा सकता है।

चाणक्यनीति आपके जीवन में भी लागू कर सकते हो

मान लीजिए कि आप किसी लड़की को पसंद करते हैं और आप उससे शादी करना चाहते हैं। चाणक्यनीति के अनुसार, आपको उस लड़की के शारीरिक लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए। अगर उस लड़की के पास चाणक्य द्वारा बताए गए लक्षण हैं, तो आपको सावधान रहना चाहिए। अगर ऐसी लड़की को पटाना चाहते हो तो आसानी से पट जाएगी। मगर शादी करनी हो, तो उनके बारे में पूरी जानकारी लेकर ही सही निर्णय लें

यह भी हो सकता है कि वह एक अच्छी लड़की हो। इसलिए, आपको उस लड़की के साथ समय बिताना चाहिए और उसके व्यक्तित्व को समझने का प्रयास करना चाहिए। मगर याद रहें आशिकी में प्यार अंधा हो जाता है।

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