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मेरी सहेली के कई बॉयफ्रेंड है

कोई काम न करनेवाली, एकसाथ कई मित्रों से अफेयर रखनेवाली, पढीलिखी, सुंदर, आकर्षक दिखनेवाली मेरी सहेली के कई बॉयफ्रेंड है । बेचारी गरीब है और घर में अकेली रहती है। उसके कई बॉयफ्रेंड है। उनसे वह छोटी छोटी जरूरतों के लिए भी पैसे मांग लेती है। मुझे ये सब बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। मै कैसे उसको सही रास्ते पर लाऊ?

एक्सपर्ट की राय: मेरी सहेली के कई बॉयफ्रेंड है

आपके सहेली की स्थिति को समझते हुए मन में चिंता होना स्वाभाविक है। आपका उसके प्रति चिंता और सुधार की इच्छा आपके मित्रता का प्रमाण देती है। किसी को भी सही रास्ते पर लाने के लिए आपका दृष्टिकोण समझदारी और सहानुभूति से भरा होना चाहिए। यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं जिन्हें आप अमल में ला सकती हैं:

  1. संवेदनशीलता: अपनी सहेली के साथ उसकी स्थिति और उसके व्यवहार के बारे में खुलकर और संवेदनशीलता के साथ चर्चा करें। उसे बिना आलोचना के समझाएं कि क्यों आपको उसके ऐसे व्यवहार पर चिंता हो रही है।
  2. सहायता की पेशकश: उसे स्वतंत्रता और स्वावलंबन की महत्ता के बारे में बताएं। उसे कोई काम या नौकरी ढूंढने में सहायता प्रदान करें ताकि वह अपने आप पैसे कमा सके। फिर उसको किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
  3. आत्म-सम्मान का महत्व: उसे आत्म-सम्मान और स्वाभिमान की अहमियत समझाएं। उसे यह समझाइए कि आर्थिक स्वतंत्रता होने से उसे और अधिक आत्म-सम्मान और मानसिक शांति मिलेगी। आत्मसम्मान भी बढ़ेगा
  4. संसाधन प्रदान करें: यदि वह गरीब है, तो उसे सरकारी योजनाओं या सामाजिक संगठनों के बारे में बताएं जो गरीबी से निपटने और व्यक्तिगत विकास के लिए सहायता कर सकते हैं। और वह अपना आर्थिक स्तर ऊंचा कर सकती है।
  5. सम्बन्धों के बारे में चर्चा: उसे स्वस्थ और परस्पर समर्थन वाले रिश्तों की महत्ता समझाएं। उसे बताएं कि आदर्श संबंधों में आपसी सम्मान और विश्वास होना चाहिए और यह केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं होते। इसका असर तुम्हारे जीवन के हर पहलू पर पड़ता है।
  6. व्यक्तिगत समर्थन: उसकी मदद के लिए हमेशा उपलब्ध रहें, लेकिन उसे यह भी अहसास दिलाएं कि आपका समर्थन उसके व्यवहार में सुधार की उम्मीद के साथ है।
  7. धैर्य रखें: बदलाव में समय लगता है। उसके निजी निर्णयों और विकल्पों की प्रक्रिया में धैर्य रखें और उसे समर्थन दे

रहें।

यह ध्यान रखें कि सहेली को सहायता करने की आपकी इच्छा होने के नाते भी, उसके जीवन के निर्णय उसके खुद के होने चाहिए। आप उसे मार्गदर्शन और समर्थन तो प्रदान कर सकती हैं लेकिन अंतत: उसे स्वयं निर्णय लेने होंगे। आपकी सहेली के निर्णयों और चालचलन का परिणाम उस पर ही निर्भर करेगा, और उसे अपने निर्णयों की जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी। आपकी समझ, धैर्य और मार्गदर्शन उसे एक स्थिर और स्वावलंबी जीवन की ओर अग्रसर कर सकती है। अगर आपकी सहेली को अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो, तो उसे प्रोफेशनल परामर्श की सलाह देना भी एक विकल्प हो सकता है।

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