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शादी के बाद भी पत्नी या पति एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर क्यों रखते हैं?

क्या आपको पता है की, शादी के बाद भी पत्नी या पति एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर क्यों रखते हैं? चाहे अपना पार्टनर कितना भी खूबसूरत ना हो।

शादी के बाद भी पत्नी या पति एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर क्यों रखते हैं?

शादी एक पवित्र बंधन है, जो दो लोगों को जीवन भर साथ रहने का वादा करता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि शादीशुदा लोग भी विवाहेतर संबंध रखते हैं। यह एक ऐसा विषय है जो बहुत ही जटिल और विवादास्पद है। शादी, विवाहेतर संबंध, प्यार, विश्वास, धोखा, नैतिकता इसके बारे में आप आज विस्तार से जानेंगे।

विवाहेतर संबंध के 4 मुख्य कारण

शादी के बाद लोग कई कारणों से विवाहेतर संबंध रखते हैं। हर व्यक्ति का अलग अलग कारण हो सकता है। किसी पर जबरदस्ती थोपा गया होगा, किसी को पुराना साथी छोड़ता नहीं होगा। फिर भी कुछ सामान्य कारण यहाँ लिख रहे है।

असंतुष्टि

विवाहेतर संबंध रखने वाले लोग अक्सर अपनी शादी से नाखुश होते हैं। वे अपने जीवनसाथी से भावनात्मक या शारीरिक रूप से जुड़ाव महसूस नहीं कर सकते हैं। इसलिए अपने लिए योग्य व्यक्ति की तलाश करते है। कुछ महिलाओं को ताने मारे जाते है। तुम ऐसी हो, वैसी हो तो वह अपना दुख बाटनेवाले के प्रति आकर्षित हो जाती है। हर व्यक्ति का अलग अलग कारण होता है।

रोमांचक अनुभव

विवाहेतर संबंध रखने वाले लोग अपनी शादी में उत्साह की कमी महसूस कर सकते हैं। वे कुछ नया और रोमांचक अनुभव करना चाहते हैं। ये लोग जिंदगी में रोमांचक अनुभव चाहते है। हर व्यक्ति चाहे वह पुरुष हो या स्त्री हो सबका रोमांच का अनुभव तीसरे व्यक्ति के लिए ज्यादा रहता है। जैसे की पति ने अगर पत्नी के हाथ पर हाथ रख दिया तो वह इतनी रोमांचित नहीं होगी जितना उसका crush के स्पर्श से होती है।

असुरक्षा

कुछ लोग रोजमर्रा की जिंदगी में असुरक्षित महसूस कर सकते हैं। सांस , ननद के ताने सुनती है, पति कब झगड़ा करें इसकी guarrenty नहीं होती। तब महिला अपने आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के लिए किसी और से ध्यान आकर्षित करना चाहती है। आखिर कोई तो हो जो उसकी भावनाओ को समझे। उसकी बातों को ध्यान से सुने। गले लगाकर भरोसे से सहलाये। इससे वह खुद को सुरक्षित समझती है।

बदला

विवाहेतर संबंध रखने वाले लोग अपने जीवनसाथी से किसी बात का बदला लेना चाहते हैं। हो सकता है कि उनके जीवनसाथी ने उनसे धोखा दिया हो या उन्हें किसी तरह से चोट पहुंचाई हो। कई बार ये देखा जाता है, की पति का अगर affair हो, या पत्नी को लगता हो की पति का किसी से अफेयर है, तो उससे बदला लेने के लिए affair करती है। ऐसी ही बात पति के मामले में भी हो सकती है। एक संशोधन में पाया गया है की, ज्यादातर लोग झगड़े के बाद लोग गुस्से में आकर extra marital affair शुरू कर देते है।

विवाहेतर संबंध उचित है?

इसका कोई आसान जवाब नहीं है कि विवाहेतर संबंध उचित है या नहीं। यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें शामिल हैं:

  • शादी की प्रकृति: यदि दोनों खुले विचार के है, तो दोनों पति पत्नी के लिए अन्य लोगों के साथ संबंध रखना स्वीकार्य हो सकता है। हालांकि, अगर ऐसा नहीं है, तो विवाहेतर संबंध विश्वासघात का कृत्य माना जा सकता है। ये हर व्यक्ति , संस्कृति पर निर्भर है।
  • व्यक्तियों की भावनाएं: यदि विवाहेतर संबंध में शामिल लोगों के जीवनसाथी को इसके बारे में पता नहीं है, तो यह भावनात्मक दर्द और विश्वासघात का कारण बन सकता है। ज्यादातर ये बात जीवनसाथी से छुपकर ही की जाती है। जो बहुत गलत और भयंकर रूप ले सकती है।
  • धार्मिक या नैतिक विश्वास: कुछ धर्मों या नैतिकता प्रणालियों में विवाहेतर संबंध को पाप या गलत माना जाता है। कुछ धर्मों में ये सामान्य होता है।

अंततः, विवाहेतर संबंध रखना है या नहीं, यह निर्णय व्यक्तिगत है। कोई सही या गलत उत्तर नहीं है। निर्णय लेने से पहले जोखिमों और लाभों को तौलना महत्वपूर्ण है। कोई भी निर्णय आपने आपको और परिवार को मुख्य समझकर ही लें। क्योंकी बुरी हालत में परिवार ही साथ देता है।

विवाहेतर संबंध के परिणाम

विवाहेतर संबंध के कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, ज्यादातर संबंध साथी को पता चलने के बाद गंभीर रूप लेते है। पता न भी चले तो जीवनशैली में कुछ नकारात्मक प्रभाव डालते ही है।

  • रिश्ते में तनाव और संघर्ष: विवाहेतर संबंध का पता चलने पर रिश्ते में तनाव और संघर्ष बढ़ सकता है। जिंदगी अनचाहे मोड पर जा सकती है। पारिवारिक सुख में बाधा आती है। बच्चों पर मानसिक असर पड़ता है।
  • विश्वास का टूटना: विवाहेतर संबंध अविश्वास कारण बन सकता है, जिससे रिश्ते को ठीक करना मुश्किल हो सकता है। एक बार विश्वास टूटा तो जिंदगीभर हासिल नहीं किया जा सकता।
  • भावनात्मक दर्द: विवाहेतर संबंध पति पत्नी दोनों के लिए भावनात्मक दर्द का कारण बन सकता है, जीवनसाथी, बच्चे, और विवाहेतर संबंध में शामिल लोग इनपर बुरा असर होता है। समाज में मानहानि का सामना करना पड़ता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: विवाहेतर संबंध चिंता, अवसाद मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। संबंध गुप्त रखने की चिंता, खुलने का डर, एकदूसरे के साथ कीये गए वादे इन सबसे मानसिक स्वास्थ्य खराब हो जाता है।

अंततः, विवाहेतर संबंध रखना है या नहीं, यह निर्णय व्यक्तिगत है। कोई सही या गलत उत्तर नहीं है। निर्णय लेने से पहले जोखिमों और लाभों को तौलना महत्वपूर्ण है।

यहां कुछ अतिरिक्त बातें दी गई हैं जिन पर विचार करना चाहिए:

  • विवाहेतर संबंध का आपके रिश्ते पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
  • यदि आपके जीवनसाथी को पता चला तो क्या होगा?
  • आप अपने आप को और अपने जीवनसाथी को भावनात्मक दर्द से कैसे बचा सकते हैं?

यदि आप विवाहेतर संबंध रखने पर विचार कर रहे हैं, तो निर्णय लेने से पहले किसी विश्वसनीय मित्र, परिवार के सदस्य या चिकित्सक से बात करना महत्वपूर्ण है।

विवाहेतर संबंध से बचने के लिए 2 टिप्स

अपनी जिंदगी खुशी से जीना चाहते हो तो एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर में कभी मत पड़ना । यदि आप विवाहेतर संबंध से बचना चाहते हैं, तो यहां कुछ टिप्स लिख रही हु। हमेशा याद रखना

  1. अपनी शादी में खुशी और उत्साह बनाए रखें: अपने जीवनसाथी के साथ समय बिताएं, रोमांटिक गतिविधियों में शामिल हों और अपनी शादी में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयास करें। जो कुछ विवाहेतर संबंध से मिलेगा वह आपके पार्टनर में खोजे और खुश रहें
  2. अपने जीवनसाथी के साथ खुलकर और ईमानदारी से बात करें: आपके लिए जीवनसाथी ही सबकुछ होना चाहिए। कई लोग आपने पार्टनर से खुलकर बात नहीं करते। इसका नतीजा होता है असमाधान ! इसलिए जो भी हो खुलकर बताओगे तो पार्टनर को अच्छा ही लगेगा। आपकी इच्छानुसार वह साथ देगा।

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