महिलायें और रुद्राक्षके रहस्य
महिलायें और रुद्राक्षके रहस्य आजकल हर 10 में से 6 महिलाये और पुरुष तनाव और ज्यादा या कम ब्लड प्रेशर का शिकार है।
रूद्राक्ष में मौजूद इलेक्ट्रो मैगनेटिक उर्जा इस समस्या को हल कर सकती है। रूद्राक्ष में स्ट्रिल और पोलीफेलोनिक गुण होते है।
और इसके एल्कनॉयड की मात्रा बिल्कुल ना के बराबर होती है। शरीर के विषाक्त या टॉक्सिक तत्वों को संतुलित करने में रुद्राक्ष बहुत असरदार पाया गया है।
इसीलिए अब स्त्रियों में इनका इस्तमाल बढ़ रहा है। खासकर पंचमुखी रुद्राक्ष का।
हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जानेवाला यह महाशिवरात्रि त्यौहार भक्तों को इच्छित फल,
धन, सौभाग्य, समृद्धि, संतान व आरोग्य प्रदान करता है।
इसकी क्या विशेषता है?
आपको पता नहीं होगा रुद्राक्ष का अर्थ है रुद्र अर्थात शिव की आंख से निकला आंसू।सूर्य-चंद्र ग्रहण, संक्रांति, अमावस्या, पूर्णिमा
और महाशिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष धारण करना बहुत शुभ माना जाता है। शिवमहापुराण की विद्येश्वरसंहिता में रुद्राक्ष के १४ प्रकार बताए गए हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार इन रुद्राक्षों को महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से धारण करने से कई लाभ प्राप्त होते है।
रुद्राक्ष से महिलाओं को क्या लाभ मिलते है ?
याद रखें रुद्राक्ष धारण करनेवाले के नजदीक नकारात्मक ऊर्जा नहीं आती । भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
रुद्राक्ष के १४ प्रकार, मंत्र और उनके लाभ:
१. एक मुख वाला रुद्राक्ष शिवपुराण के अनुसार साक्षात भगवान शिव का रूप है।
यह भोग और मोक्ष प्रदान करता है। इस रूद्राक्ष की पूजा करनेसे धनवान हो जाता है|
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
२. दो मुख वाला रुद्राक्ष को देव देवेश्वर कहा गया है। यह सभी इच्छाएं पूरी करता है और मनोवांछित फल देने वाला है।
जो भी व्यक्ति इस रुद्राक्ष को धारण करता है उसकी हर इच्छा पूरी होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं नम:
३. तीन मुख वाला रुद्राक्ष सफलता देता है। इसके धारण करने से हर कार्य में सफलता मिलती है|
धारण करने का मंत्र- ऊं क्लीं नम:
४. चार मुख वाला रुद्राक्ष ब्रह्मा का स्वरूप है।
उसके दर्शन या स्पर्श से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
5 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ है?
- ५. पांच मुख वाला रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र स्वरूप है। सबको मुक्ति देने वाला तथा संपूर्ण मनोवांछित फल प्रदान करने वाला है।
- इसको पहनने से अद्भुत मानसिक शक्ति का भी विकास होता है।
- यह कब्ज को दूर करता है।
- रक्तचाप को भी नियंत्रित रखता है।
- धन और समृद्धि बढ़ाने के लिये पंचमुखी रुद्राक्ष का उपयोग किया जाता है।
- वैवाहिक जीवन में सुख-शांति रखने में पंचमुखी रुद्राक्ष का बहुत बड़ा योगदान है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
६. छ: मुख वाला रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरूप है।
इसे धारण करने से ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त हो जाता है|
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
७. सात मुख वाला रुद्राक्ष अनंग स्वरूप और अनंग नाम से प्रसिद्ध है।
इसे धारण करने से दरिद्र भी धनवान बनता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं हुं नम:
८. आठ मुख वाला रुद्राक्ष अष्टमूर्ति भैरव स्वरूप है। जो भी अष्टमुखी रुद्राक्ष पहनता है उसकी आयु बढ़ जाती है
और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं हुं नम:
९. नौ मुख वाले रुद्राक्ष को भैरव तथा कपिलमुनि का प्रतीक माना गया है।यानी नौ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से
क्रोध पर नियंत्रण रखा जा सकता है। साथ ही, ज्ञान की प्राप्ति भी होती है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
दस मुख वाला रुद्राक्ष
१०. दस मुख वाला रुद्राक्ष भगवान विष्णु का रूप है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति की सारी इच्छाएं
पूरी हो जाती हैं।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
महिलायें और रुद्राक्षके रहस्य
११. ग्यारह मुखवाला रुद्राक्ष रुद्र रूप है। इसे धारण करनेवाले व्यक्ति की किसी भी क्षेत्र में कभीभी हार नहीं होती।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं हुं नम:
१२. बारह मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने पर मानो व्यक्ति के जीवन में कभी इज्जत, शोहरत,
पैसा या अन्य किसी वस्तु की कभीभी कमी महसूस नहीं होती।
धारण करने का मंत्र- ऊं क्रौं क्षौं रौं नम:
१३. तेरह मुख वाला रुद्राक्ष विश्वदेवों का रूप है। इसे धारण करने से मनुष्य को सौभाग्य
और मंगल प्राप्त होता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं ह्रीं नम:
१४. चौदह मुख वाला रुद्राक्ष परम शिवरूप है। इसे धारण करने पर समस्त पापों का नाश हो जाता है।
धारण करने का मंत्र- ऊं नम:
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