ससुराल का माहौल पसंद नहीं, क्या करें?
मैं 26 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. शादी के बाद ढेरों सपने मन में लिए मायके से ससुराल आई, मगर ससुराल का माहौल मुझे जरा भी पसंद नहीं आ रहा। मेरी सास बातबेबात टोकाटाकी करती रहती हैं और कब खुश और कब नाराज हो जाएं, मैं समझ ही नहीं पाती। ससुराल का माहौल पसंद नहीं, क्या करें? वे अकसर कहती रहती हैं कि अब तुम शादीशुदा हो और हमारे रिवाजों को अपनाकर तुम्हें उसी के अनुरूप रहना चाहिए. पति भी इस मामले में मेरी मदद नहीं करता। मन बहुत दुखी है. मैं क्या करूं, कृपया सलाह दें?
ससुराल का माहौल पसंद नहीं, क्या करें?
नवविवाहिता होना एक नया अनुभव होता है जो हमारे जीवन के एक महत्वपूर्ण चरण को दर्शाता है। शादी के बाद, हमारी जिंदगी में कई बदलाव होते हैं और हमें अपने नए परिवार के साथ अनुकूलित होने की आवश्यकता होती है। लेकिन कभी-कभी हमारे ससुराल में समस्याएं हो सकती हैं जो हमें तंग कर सकती हैं। इस लेख में, हम आपको उन समस्याओं के बारे में बताएंगे और आपको समाधान ढूंढने में मदद करेंगे।
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शादी: जीवन का एक नया अध्याय, नए सपने, और नई उम्मीदें; लेकिन क्या होगा जब ससुराल का माहौल आपको पसंद न आए? जब सास की टोकाटाकी और नाराजगी आपके मन को दुखी कर दे? आप अकेली नहीं हैं। कई महिलाएं शादी के बाद ससुराल में तालमेल बिठाने में कठिनाई का सामना करती हैं। यहां कुछ मुफ़्त की सलाहें हैं जो आपको इस स्थिति से निपटने में निश्चित ही मदद कर सकती हैं:
1. धैर्य रखें:
नया माहौल, नई दिनचर्या, और नए रिश्ते स्वीकार करने में समय लगता है। धैर्य रखें और जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें। हो सकता है, की गलती आपकी ही हो, नए परिवार में आप adjust नहीं हो पा रही हो। हर नवविवाहिता को यही problem आता है।
2. खुले मन से बात करें:
अपनी सास के साथ शांत और खुले मन से बात करें। उन्हें अपनी भावनाओं और चिंताओं को समझाएं। उन्हें बताएं कि आप उनके अनुभव और मार्गदर्शन का सम्मान करती हैं, लेकिन आपको थोड़ी स्वतंत्रता और समय भी चाहिए। कई सारी समस्याएं बात करने से सुलझती है।
3. समझदारी से व्यवहार करें:
अपनी सास के साथ शांत और विनम्रता से बात करें। बहस या झगड़े से बचें। यदि वे नाराज हो जाएं, तो उन्हें शांत होने दें और फिर बात करें। गुस्से में किया गया कोई भी काम अच्छा नहीं होता। समझदार बने और शांत रहकर निर्णय लें
4. पति से सहायता लें:
अपनी भावनाओं और चिंताओं को अपने पति के साथ साझा करें। उनसे अपनी सास के साथ बातचीत में मदद करने के लिए कहें। पति माँ को गलत नहीं बोल सकता, ये तो हमारे संस्कार है। मगर उनको सिर्फ ये एहसास हो जाएगा की आपको क्या समस्या है। बार बार उनको माँ की गलतीयां मत बताना वरना उनको लगेगा की तुम उन्हे माँ बाप से अलग कर रही हो। और वो उल्टा तुम्हें ही गलत समझेंगे ।
5. सकारात्मक रहें:
अपनी भावनाओं को दबाने से बचें। यदि आप दुखी या निराश महसूस कर रही हैं, तो अपने पति या किसी करीबी दोस्त या परिवार के सदस्य से बात करें। अपनी सास के हर बात से सहमत होने की आवश्यकता नहीं है। अपनी राय और विचारों को व्यक्त करने में डरें नहीं। नकारात्मक विचारों से दूर रहें। सकारात्मक सोचें और धीरे-धीरे आप अपने ससुराल में तालमेल बिठा पाएंगी।
6. स्वयं को महत्वपूर्ण बनाएं
ससुराल में अपना महत्व समझाना आवश्यक है। इसका मतलब है कि आपको अपने आप को महत्वपूर्ण मानना चाहिए और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित करना चाहिए। आपको अपने अधिकारों का उपयोग करना चाहिए और अपने विचारों और इच्छाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना चाहिए।
याद रखें, धैर्य, खुले मन से बातचीत, और समझदारी से व्यवहार करके आप इस स्थिति से निपट सकती हैं।
कुछ अन्य सहायक पॉइंट्स
- आप किसी विवाह परामर्शदाता से भी बात कर सकती हैं। वे आपको अपनी सास के साथ बेहतर संबंध बनाने और ससुराल में तालमेल बिठाने में मदद कर सकते हैं।
- ऐसे कई सहायता समूह हैं जो महिलाओं को ससुराल में तालमेल बिठाने में मदद करते हैं। आप इन समूहों में शामिल होकर अन्य महिलाओं से अनुभव और सलाह प्राप्त कर सकती हैं।
यह भी ध्यान रखें:
- अपनी सास के साथ तालमेल बिठाने में समय लगेगा।
- अपनी सास को स्वीकार करें और उनका सम्मान करें।
- अपनी सास के अनुभव और ज्ञान से सीखें।
- अपने पति के परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाने का प्रयास करें।