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घर किराये पर लेना अच्छा या खरीदकर लेना?

घर किराये पर लेना अच्छा या खरीदकर लेना?

घर वह जगह है जहां हम सब रहते हैं। घर की जरूरत सभी को होती है। घर हमें गर्मी, धूप इत्यादि सभी

प्रकार के वातावरण से बचा कर रखता है।आम भाषा में यदि कहे तो रोटी, कपड़ा और मकान इन 

तीनों चीजों की जरूरत हर इंसान को होती है।घर से हमें सुरक्षा भी प्राप्त होती हैं। आपने हमसे प्रश्न किया है

कि घर किराए पर लेना अच्छा है या खरीदकर लेना अच्छा है। हम आपको इस प्रश्न का जवाब जरूर देंगे।

इसके लिए आपको हमारे ब्लॉग को अच्छे से पढ़ना होगा।

किराये का घर

किराये का घर भी घर जैसा ही होता है। लेकिन इसमें एक चीज नहीं होती है वह है स्वाधीनता।

जी हां दोस्तों आप किराये के मकान को भले ही अपने घर जैसा ही समझे। लेकिन आप कहलाते तो

किराएदार ही हैं। जैसे- आप भले ही किसी कंपनी में अच्छे पोस्ट पर काम कर रहे हैं। लेकिन कंपनी में

काम करने से आप कंपनी के मालिक नहीं बन जाएंगे। ठीक वैसे ही किराये का घर होता है। किराए

का घर आप लाख डेकोरेट करके सजा ले। उसे आप अपना समझे लेकिन वह आपका कभी नहीं हो सकता।

किराये के घर में व्यक्ति को अपनी मर्जी से कुछ भी करने नहीं दिया जाता। यदि घर का मालिक कह दे

कि आप घर में शराब नहीं पी सकते हैं या घर में रात के 12:00 बजे के बाद पार्टी नहीं कर सकते।

तो आपको उस बात को फॉलो करना होगा। अन्यथा आप को घर से बाहर निकाल दिया जाएगा।

किराये के घर में आप अपनी मर्जी से एक पत्ता नहीं हिला सकते हैं। यदि आपको किराये के घर में कोई

चीज पसंद नहीं है तो आप बदलना चाहेंगे। जब आप अपनी इस इच्छा को मकान मालिक को कहेंगे।

तो मकान मालिक आप पर गुस्सा हो जाएंगे कहेंगे कि घर मेरा है।

अपना घर

घर चाहे एक कमरे का ही हो। लेकिन वह खुद का हो तो मजा ही कुछ और होता है।

अपने घर में आप पर कोई भी रोक-टोक नहीं कर पाएगा। आप अपने घर में अपनी मर्जी से कुछ भी कर सकते हैं।

शोर कर सकते हैं। पार्टी कर सकते हैं। जब मन तब बाहर जा सकते हैं। घर को जैसे मन वैसे डेकोरेट कर सकते हैं।

अपने घर में रहने का मजा ही कुछ और होता है।

हमारी राय

हम आपको घर के विषय में यही सलाह देंगे कि आपको अपना खुद का घर खरीदना चाहिए।

वैसे भी आजकल बैंक से लोन मिल ही जाता है, घर खरीदने के लिए।

बैंक से लोन लीजिए और अपने मासिक वेतन से लोन को चुका दिजिए।

साथ ही अपने घर का आराम से आनंद लिजिए। अपने घर में नमक रोटी खाकर रहिए लेकिन आराम से रहिए।

किराये के घर में आप भले ही अच्छा खाना खा लिजिए। लेकिन आपको चैन की नींद तो अपने ही घर में आएगी।

अपने घर का क्या आनंद है? जरा उन लोगों से भी पूछिएगा जो अपने घर में रहते हैं।

उन लोगों से भी पूछिएगा जो किराए के घर में रहते हैं। आपको फर्क खुद पता चल जाएगा।

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